ए.जी कार्यालय की नियुक्ति को लेकर अनुसूचित जाति के एडवोकेटस् के साथ भेदभाव क्यों: शिरोमणी अकाली दल ने सरकार से पूछा
चंडीगढ़/07मार्च: शिरोमणी अकाली दल ने भगवंत मान सरकार से यह बताने के लिए कहा है कि वह एडवोकेट जनरल आॅफिस के पद पर नियुक्ति को लेकर अनुसूचित जाति के एडवोकेटस के साथ भेदभाव क्यों कर रही है?
अकाली दल ने नेता सरदार मनप्रीत सिंह अयाली ने विधानसभा के बजट सत्र में इस मुददे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि ए.जी कार्यालय में 156 लाॅ अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उन्होने कहा कि 20 अगस्त को 13 सितंबर तक एस.सी एडवोकेटस से 58 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। उन्होने कहा कि भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने आवेदन प्राप्त करने बाद उनको नियुक्तियों पर कुछ नही किया और इस मुददे पर चुप्पी साधे रखी है। उन्होने कहा कि यह अनुसूचित जाति के एडवोकेटस के साथ गंभीर भेदभाव है और संविधान की भावना का उल्लंघन है। पार्टी ने मांग की कि इन पदों को बिना किसी और देरी के तुरंत भरा जाना चाहिए।
अकाली नेता ने एक गैर सरकारी प्रस्ताव पेश कर मांग की कि निजी और सेमी सरकारी संस्थानों के कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ पेंशन योजना के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के 4.11.22 के फैसले को बिना किसी देरी के लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे योजना के तहत पेंशनभोगियां को जरूरी राहत मिलेगी।
सरदार मनप्रीत सिंह अयाली , डाॅ. नछतरपाल और डाॅ. सुखविंदर कुमार सुक्खी ने भी राज्यपाल के अभिभाषण प्रस्ताव में संशोधन पेश किया , जिसमें कहा गया है कि यह बेहद दुखदाई तथा निंदनीय है कि बंदी सिंहों की रिहाई के संबंध में कुछ भी नही किया गया है।