अमरिंदर पंजाब के नदी के पानी पर समझौता न करे: सरदार सुखबीर सिंह बादल
पंजाब के पास पानी की एक भी बूंद अतिरिक्त नही है
चंडीग़/17अगस्त (विश्ववार्ता): शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष तथा पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को चेतावनी दी है कि वे नदी के पानी के मुददे पर राज्य के महत्वपूर्ण हितों से समझौता करने वाले गुप्त समझौते के खिलाफ हैं, क्योंकि नदी का पानी सीमावर्ती राज्य के लोगों के लिए खासतौर पर जीवन का महत्वपूर्ण भाग है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए सरदार बादल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को आश्वासन दिया कि शिरोमणी अकाली दल रिपेरियन सिद्धांत पर स्टैंड लेने पर पूर्ण और पूरे दिल से पूरी तरह समर्थन देते हैं। हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य रिपेरियन सिद्धांत के साथ राज्य के हितों की रक्षा के लिए आपके प्रयासों का साथ देंगे। एसवाईएल के निर्माण का कोई मामला नही है क्योंकि हमारे पास देने के लिए कोई पानी उपलब्ध नही है। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है जहां इसकी नदी के पानी की उपलब्धता के संदर्भ के बिना नहर का निर्माण करने की मांग की जाती है।
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष के इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह एक मीटिंग की पूर्व संध्या पर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को इस दिशा में सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद एसवाईएल के मुददे पर आयोजित किया जाना तय है। सरदार बादल ने कहा कि नदी जल वितरण और केंद्र की शक्तियों के मुददों पर फैसला लिया जाना उन दलीलों का हिस्सा है जो पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल ने पंजाब पुर्नसंगठन अधिनियम 1966 के प्रासंगिक प्रावधानों को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किए हैं।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने यह भी स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि पंजाब के पास ‘ किसी के लिए पानी की एक भी बंूद नही बची है और वास्तव में, हम राज्य के 85 फीसदी ब्लॉकों में तेजी से गिरते जलसंपात के साथ गंभीर संकट में हैं। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब देश का इकलौता राज्य था जहां रिपेरियन सिद्धांत को उल्लंघन हुआ है। दुनिया में कहीं और आप नदी के पानी को एक ऐसे क्षेत्र के रूप में नही देखेंगे जहां उसके लोगों को पानी नही मिलता। पंजाब दुनियाभर में एकमात्र दुर्भाग्यपूर्ण राज्य है जहां इस तरह का घोर अन्याय किया गया है और लगातार किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि पहले से ही नदी के पानी के मुद्दे पर और साथ ही अपनी राजधानी चंडीगढ़ के अपने वैध और सवैंधानिक अधिकारों से वंचित करके राज्य के साथ बड़े पैमाने पर अन्याय किया गया था। उन्होने मुख्यमंत्री से रिपेरियन सिद्धांत पर अडिग रहने को कहा। उन्होने कहा कि ऐसा करने पर हम उन्हे बिना शर्त समर्थन देंगे।