एक विधायक एक पेंशन” की मांग को लेकर स्पीकर को मिले आप नेता
-हरपाल सिंह चीमा की अगुवाई में आप विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने विधायकों को एक से अधिक पेंशन का किया विरोध
-सरकारी कर्मचारियों का हवाला देते हुए आगामी विधानसभा सत्र में एक से अधिक पेंशन नियम में संशोधन की मांग की
चंडीगढ़, 17 अगस्त : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायकों ने विधायकों व पूर्व विधायकों को एक से अधिक मासिक पेंशन देने के विरोध में ‘एक विधायक-एक पेंशन की मांग की है। आप विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में मंगलवार को विधानसभा स्पीकर राणा के पी सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर विधायक कुलतार सिंह संधवां,प्रो बुद्ध राम,मीत हेयर,मंजीत सिंह बिलासपुरी, कुलवंत पंडोरी,जय सिंह रोढ़ी तथा अमरजीत संदोआ मौजूद थे।
पार्टी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति और स्पीकर से मुलाकात के बाद मीडिया को दी जानकारी में आप विधायकों ने एक से अधिक बार विधायक बनने वाले विधायकों/पूर्व विधायकों को एक से अधिक मासिक पेंशन का विरोध करते हुए कहा कि वेतन वृद्धि आदि के नाम पर इस तरह का वित्तीय लाभ नैतिक और सैद्धांतिक रूप से गलत है। इसलिए एक विधायक को एक सरकारी कर्मचारी के समान पेंशन दी जानी चाहिए, चाहे वह कितनी भी बार विधायक रहा हो।
इस मौके पर नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के खजाने पर करदाताओं का पूरा अधिकार है। इसलिए किसी भी व्यक्ति विशेष को करदाताओं द्वारा देश और पंजाब के कल्याण के लिए भुगतान किए गए कर का दुरुपयोग करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 2004 में सुधारों के नाम पर पंजाब सरकार के कर्मचारियों की पेंशन रोक दी थी, जिसका पूरे कर्मचारी/पेंशनभोगी वर्ग ने कड़ा विरोध किया था जो आज भी जारी है।
चीमा ने सवाल किया कि कर्मचारियों की पेंशन बंद करने जैसे फैसले लेते समय, विधायकों को वेतन वृद्धि के नाम पर मिलने वाली कई मासिक पेंशन की याद क्यों नहीं आई? कांग्रेस, शिअद और भाजपा के विधायकों को इस संबंध में जनता को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के सभी विधायक एक विधायक को एक से अधिक पेंशन देने के नियम के खिलाफ हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आप विधायकों ने विधानसभा स्पीकर राणा के पी सिंह से मांग की है कि आगामी विधानसभा सत्र में सभी विधायकों की सहमति से एक से अधिक पेंशन नियम को समाप्त किया जाए। साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए कानून पारित किया जाए। क्योंकि आम आदमी पार्टी का मानना है कि सभी व्यक्तियों को समानता के सिद्धांत के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।