– पंजाब यूनिवर्सिटी का लोकतांत्रिक ढांचा खत्म करने से गुरेज करे केंद्र सरकार – संधवां
शिक्षा संस्थानों का भगवांकरन करना बंद करे मोदी सरकार – रोड़ी
चंडीगड़, 22 नवंबर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब यूनिवर्सिटी की सैनेट को खत्म करके केंद्र की सिफारिश पर नया बोर्ड बना कर यूनिवर्सिटी के कार्य करने की तजवीज का सख्त विरोध किया है। आम आदमी पार्टी के हैडक्वाटर चण्डीगढ़ से जारी प्रैस बयान में आम आदमी पार्टी के कोटकपूरा से विधायक कुलतार संधवां और गढ़शंकर से विधायक जै कृष्ण सिंह रोड़ी ने कहा कि ऐसा करने से पंजाब यूनिवर्सिटी का लोकतंत्रीय ढांचा सदा के लिए खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाई नई शैक्षिक नीति 2020 के अधीन केंद्र सरकार बोर्ड बना कर सैनेट को भंग करने की तजवीज ला रही है जो कि यूनिवर्सिटी और पंजाब प्रदेश के लिए घातक सिद्ध होगी। उन्होंने केंद्र सरकार को ऐसा करने से गुरेज करते मौजूदा व्यवस्था को ही चालू रखने का सुझाव दिया।
‘आप’ नेताओं ने कहा कि पंजाब यूनीवरस्टी उत्तर भारत का एक प्रमुख शैक्षिक संस्थान है और पंजाब के अलग-अलग क्षेत्रों से सबंधित कालेज इस के अधीन आते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के गांवों को उजाड़ कर बनाऐ चण्डीगढ़ में स्थापित विभाग पर पंजाब का पहला हक होना चाहिए। पहले भी केंद्रीय यूनिवर्सिटी न होने के बावजूद भी भारत के उप राष्ट्रपति को पंजाब यूनिवर्सिटी के कुुलपति की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि चण्डीगढ़ के प्रशासक की जिम्मेदारी पंजाब के राज्यपाल के पास है। ‘आप’ नेताओं ने कहा कि सैनेट के 90 सदस्यों में से ही सिंडिकेट के मैंबर चुने जाते हैं। जिन मेंज्यादा पंजाबी होते हैं। इस तरह पंजाब यूनिवर्सिटी में पंजाबियों के हित सुरक्षित हैं जो कि केंद्र सरकार के बोर्ड बनने से छींके टांग दिए जाएंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री इस समय यूनिवर्सिटी सैनेट के एक्स आफिस मैंबर हैं परंतु उनकी तरफ से भी केंद्र सरकार की इस तजवीज का विरोध न करना हैरानीजनक है।
संधवां और रोड़ी ने कहा कि इस समय भी 3 दर्जन के करीब सैनेट मैंबर कुलपति (उप राष्ट्रपति) की तरफ से नामजद किए जाते हैं। जिस से केंद्र सरकार की पहले से ही यहां भागीदारी है। ऐसे हालात में सैनेट को भंग करके नया बोर्ड बनाना प्रदेश के अधिकारों पर एक ओर बड़ा डाका है। उन्होंने कहा कि सैनेट और सिंडिकेट इस समय उप-कुलपति के कामों पर नजर रखती है और वह अपने आप कार्य करने से गुरेज करता है परंतु सैनेट की अनुपस्थिति में ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र अपनी खास सोच के साथ संबंधित लोगों को नामजद कर पंजाब यूनिवर्सिटी में भी सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश करने जा रहा जो कि हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।