20 से ज्यादा बीजेपी नेताओं ने तथाकथित तौर पर देश के किसानों के लिए प्रयोग की अभद्र भाषा
लीगल नोटिस में किसानों ने कहा, ये अपमान जनक टिप्पणी एक सोची-समझी साजिश
क्या भाजपा को हमारे देश के किसान आतंकवादी लगते हैं?- राघव चड्ढा
मोगा, 2 जनवरी 2021-आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सह-इंचार्ज व दिल्ली से विधायक राघव चड्ढ़ा ने मोगा में आज एक प्रेस कान्फ्रैंस के जरिए बताया कि किसानों ने अब भाजपा के नेताओं को उनकी अपमान जनक टिप्पणियों के लिए लीगल नोटिस भेजना शुरू कर दिया है और आम आदमी पार्टी इसमें किसानों को कानूनी सहायता और सलाह मुहैया करवा रही है। इस कड़ी में पहले 3 लीगल नोटिस किसानों द्वारा गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह व भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव को भेज दिए गए हैं।
राघव चड्ढ़ा ने कहा कि करीब 20 से ज्यादा बीजेपी नेताओं ने तथाकथित तौर पर देश के किसानों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। अभद्र भाषा का प्रयोग करने वालों में केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल, बीजेपी के सांसद गिरिराज सिंह, बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद व भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव आदि के नाम शामिल हैं।
राघव चड्ढ़ा ने कहा कि, ‘किसानों ने मोदी सरकार से मदद की अपील की जिसके बदले उन्हें गालियां मिलीं। भाजपा के मंत्रियों, चुने हुए प्रतिनिधियों और नेताओं ने किसानों के लिए अभद्र और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आंदोलन कर रहे किसानों को आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडा, दलाल और चीन-पाकिस्तान का एजेंट बताया। क्या भाजपा को हमारे देश के किसान आतंकवादी लगते हैं? अब किसान अपमान और गालियां नहीं सहने वाले हैं, किसान अब न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं। भाजपा के नेताओं की अपमानजनक, निंदनीय और कलंकित करने वाली टिप्पणियों के खिलाफ अदालत का रुख करने वाले किसानों को आम आदमी पार्टी कानूनी सलाह और सहायता देगी और हमारा ये विश्वास है कि जीत किसानों की ही होगी।’
राघव चड्ढा ने किसानों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने वालों के बारे में बताते कहा कि केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 12 दिसंबर को किसानों के लिए कहा था, ‘किसान आंदोलन को भटकाने का काम किया जा रहा है। आंदोलन में किसानों के हित की बात नहीं हो रही है। किसान आंदोलन में विदेशी ताकतें घुस रही हैं। खलिस्तान और शरजील इमाम के पोस्टर लगाए जा रहे हैं।’ इससे आहत होकर पंजाब के अमृतसर के छोटे से गांव जगदेव कालन के रहने वाले कुलदीप सिंह धालीवाल ने उन्हें लीगल नोटिस भेजा है
वैसे ही गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने 17 दिसंबर को कहा था कि, ‘किसानों के नाम पर इस आंदोलन में देश-विरोधी, आतंकवादी, खलिस्तानी, कम्युनिस्ट और चीन समर्थक लोग शामिल हो गए हैं। हम देख सकते हैं कि वहां पिज्जा और पकौड़े खाए जा रहे हैं और ये सब वहां मुफ्त में मिल रहा है। देशी विरोधी ताकतें उन्हें प्रदर्शन करने के लिए लाखों रुपए दे रही हैं।’ इससे आहत होकर जालंधर के रहने वाले किसान रमणीक सिंह रंधावा ने उन्हें लीगल नोटिस भेजकर बिना शर्त किसानों से माफी मांगने और किसानों के खिलाफ बोले गए अपमान जनक शब्द वापस लेने की मांग की है।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने ब्यान दिया था कि किसानों जो अंदोलन चल रहा है, उसे खालिस्तानियों द्वारा फंड दिया गया है। इसे आहत होकर संगरूर के किसान सुखविंदर सिंह सिद्धू (महिंदर सिंह सिद्धू) ने उन्हें लीगल नोटिस भेजकर बिना शर्त किसानों से माफी मांगने और किसानों के खिलाफ बोले गए अपमान जनक शब्द वापस लेने की मांग की है।
इस मौके उनके साथ पूर्व सांसद प्रो. साधु सिंह, बीबी सरबजीत कौर माणूंके, मीत हेयर कुलतार सिंह संधवां, प्रो. बलजिंदर कौर, प्रिंसीपल बुद्ध राम, कुलवंत पंडोरी, मनजीत सिंह बिलासपुर, मास्टर बलदेव सिंह (सभी विधायक), हरमनजीत सिंह जिला प्रधान मोगा, दीपक जिला सचिव, अमन रखड़ा जिला मीडिया इंचार्ज, तेजिन्दर बराड़ जिला खजांची, अवतार बंटी प्रबंधक, बीर सिंह, नसीब बावा, नवदीप संघा, अजय शर्मा, अमृतपाल सिद्धू, संजीव कोचर, अजमेर कालड़ा, मनप्रीत रिंकू, विक्रम घाती व गोलडी उपस्थित थे।