संसार में सुई बनकर रहे, कैची बनकर नही क्योकि सुई 2 को 1 कर देती है और कैची 1 को 2 कर देती है। अर्थात :- सबको जोड़ो, तोड़ो नही । क्योंकि मित्रता एवं रिश्तेदारी “सम्मान” की नही “भाव” की भूखी होती है… बशर्तें लगाव “दिल” से होना चाहिए “दिमाग” से नही. 🌾⛳🌾।🌾⛳🌾🌾⛳🌾।🌾⛳🌾🌾⛳🌾।🌾⛳🌾