चंडीगढ़ (आहूजा) हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में कहा है कि कांग्रेस पार्टी कोरोना महामारी के इस संकट के समय में अपना समर्थन और हर समय सरकार के साथ खड़े रहने का आश्वासन देती है। आज कांग्रेस पार्टी सरकार की हर संभव मदद कर रही है। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हमारा समर्थन हमेशा जारी रहेगा मगर हम प्रदेश की जनता पर जो अन्याय हो रहा है उसके खिलाफ, हरियाणा की जनता के हितों की लड़ाई लड़ने के लिए हमेशा सरकार के खिलाफ खड़े रहेंगे। जनता के हितों पर कुठाराघात बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।
आज सरकार के फसल खरीद के बेतुके फैसलों और अपर्याप्त इंतजामों ने किसानों को बर्बादी के मुहाने पर ला खड़ा किया है। सरकार ने 24 घंटे में किसानों की फसल के भुगतान का वादा किया था, लेकिन फसल का भुगतान कई दिन बीतने के बाद भी नहीं हो पा रहा है। गेहूं की बिक्री की शुरुआत को सात दिन बीत चुके हैं लेकिन ना तो किसानों और ना ही आढ़तियों को अभी तक कोई भुगतान किया गया है। जून माह तक फसल की खरीद करना सरकार की किसानों की फसल के भुगतान को देरी से करने की साजिश थी। पहले सरकार किसानों को देरी से खरीद होने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस देने की बात कर रही थी। मई माह में खरीद होने पर एक क्विंटल पर 50 रुपये का बोनस दिया जाना कहा गया था। इसी तरह 1 से 30 जून तक खरीदी गई फसल पर 125 रुपये/क्विंटल का बोनस दिया जाना था । लेकिन अब हरियाणा सरकार अपने हाथ खड़े कर रही है। सरकार इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। सरकार का इस तरह से किसानों के साथ विश्वासघात बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार किसानों को अपनी फसल का भंडारण करने के लिए बारदाना तक उपलब्ध नहीं करवा पाई है। देरी से हो रही फसल खरीद के बाद भी मंडियों और खरीद केंद्रों पर गेहूं की खरीद के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। ना तो सिलाई के इंतजाम हैं और ना ही फसल के उठान की व्यवस्था और ना ही मंडियों में फसल के बारिश से बचाव के इंतजाम हैं। किसानों का लाखों टन गेहूं खेतों, घरों और मंडियों में खुले में पड़ा है। इसी का नतीजा है कि मंडियों में अपर्याप्त इंतजामों के कारण प्रदेश में अभी आई बेमौसमी बारिश के कारण किसानों का लाखों क्विंटल गेहूं भीग चुका है। मंडियों के बाहर गेहूं से लदे ट्रैक्टरों की कई किलोमीटर तक लंबी लंबी लाइनें हैं, घंटों से किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। आज किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है। प्रदेश में अन्नदाता त्राहि त्राहि कर रहा है। फसल बिक्री ना होने से किसानों को अगली फसल बुवाई के लिए पैसे नहीं मिल रहे। सिर्फ रजिस्ट्रेशन वाले किसानों की ही फसल खरीदी जा रही है। प्रदेश में बड़ी संख्या में किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, वह कहाँ पर जाएंगे।
यह कहते हैं कि किसान प्रति क्विंटल पर एक से पांच किलो तक दान करें।133 लाख मीट्रिक टन प्रदेश की मंडियों में गेहूं की अनुमानित आवक होनी है। इस तरह से यह सैंकड़ों करोड़ों का दान किसानों से मांग रहे हैं, लेकिन किसानों को सुविधाओं के नाम पर सरकार के कोई इंतजाम नहीं हैं।
किसानों की बीते माह बेमौसमी बारिश-ओलावृष्टि से खराब हुई फसल की अभी तक गिरदावरी तक नहीं हो पाई है। प्रदेश सरकार बताए कि इस बारिश-ओलावृष्टि में कितना मुआवजा किसानों को दिया गया है और बीमा कंपनियों ने कितना मुनाफा कमाया है।
सरकार आढ़ती व किसान के बीच भाईचारे को खराब कर रही है और ऑनलाइन तरीके से खरीद व भुगतान पर अड़ी हुई है। अब नए फैसले में एफसीआई द्वारा सरकार से किसानों को सीधा भुगतान करने के लिए कहा गया है, यह आढतियों के साथ सरकार का छलावा है। ऑनलाइन तरीके से फसल खरीदी की प्रक्रिया का सबसे ज्यादा असर किसान वर्ग पर ही पड़ रहा है। क्या सरकार को इस संकट के समय में ऐसे नए-नए प्रयोग करने चाहिए। सरकार इस बारे में सभी पक्षों की बात सुने और इसके बाद ही कोई निर्णय ले।
कर्मचारियों का एक साल के लिए महंगाई भत्ता बंद करना, एलटीसी रोकना प्रदेश के कर्मियों के हकों पर सीधा कुठारघात है। मंत्रियों का स्वैछिक कोटा कितना छोड़ा पहले यह सरकार सपष्ट करे। सरकार अपने खर्चों में कटौती करे, ना कि प्रदेश की जनता की जेब पर डाका डाला जाए। यह फैसला कांग्रेस पार्टी को कतई मंजूर नहीं है।
कांग्रेस पार्टी युवाओं के भविष्य के साथ किसी कीमत पर खिलवाड़ नहीं होने देगी। अपने नए फैसले में हरियाणा सरकार ने एक साल के लिए नई सरकारी भर्तियों पर रोक लगा दी है। हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी दर पहले ही पूरे देश में सर्वाधिक पहुंच चुकी थी। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते प्रदेश बड़ी भयावह स्थिति की ओर जा रहा है। उद्योग धंधे तबाह हो चुके हैं। कर्मचारियों की छंटनी हो रही हैं। ऐसे समय सरकार को चाहिए था कि प्रदेश में मौजूद उद्योगों को बड़ा राहत पैकेज देकर प्रदेश में रोजगार की स्थिति को सुधारती, जिससे इन उद्योगों में छंटनी रुकती और ज्यादा रोजगार मिलता। इसके साथ ही प्रदेश सरकार को चाहिए था कि सरकारी नौकरियों में बड़े स्तर पर नई भर्तियां निकालती। लेकिन एक वर्ष के लिए नई भर्तियों पर रोक का सरकार का यह फैसला प्रदेश में और बेरोजगारी बढ़ाने वाला है। यह फैसला प्रदेश के युवाओं के हितों पर सीधा हमला है। ऐसे फैसले बिल्कुल भी बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश के युवाओं के साथ खड़ी है।
जो सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग पहले ही सरकार की नीतियों से बर्बादी के कगार पर थे, वह इस महामारी में पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं। इन उद्योगों को राहत देने की बहुत आवश्यकता है। इनके बिजली के बिल माफ़ होने चाहिए और इन्हें जीएसटी से भी छूट मिलनी चाहिए। सरकार द्वारा इन्हें राहत देने के लिए एक बड़े राहत पैकेज का एलान करना चाहिए, जिससे इन उद्योगों में काम करने वाले लोगों को वेतन दिया जा सके और इन उद्योगों को कुछ राहत मिल सके।
इसके साथ ही गरीब वर्ग और प्रवासी मजदूरों को 7500 रूपये दिए जाएं। बीपीएल परिवारों के बिजली के बिल माफ़ और अन्य परिवारों के बिजली के बिल हाफ किए जाएं, इसके साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स में छूट भी दी जाए।यह भी बताया जाए कि कोराना योद्धाओं के लिए सरकार ने अब तक कितना खर्च किया है।