-मॉनसून सत्र में हिस्सा लेने से पहले ‘आप’ विधायकों की सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल को चुनौती
चंडीगढ़, 8 सितम्बर 2020 (विश्ववार्ता):आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने शिरोमणी अकाली दल (बादल) के प्रधान और संसद मैंबर सुखबीर सिंह बादल और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को कहा है कि वह संसद के मॉनसून सत्र में भाग लेने से पहले पंजाब की जनता और दुनिया भर में रहते पंजाबियों को स्पष्ट करें कि केंद्रीय कृषि अध्यादेशों, केंद्रीय बिजली संशोधन बिल-2020 और केंद्र सरकार की ओर से जम्मू और कश्मीर में पंजाबी भाषा के साथ सौतेला रवैया अपनाने के बारे में उनका (बादल जोड़ी) का क्या स्टैंड होगा?
पार्टी हैडक्वाटर से जारी संयुक्त बयान के द्वारा पार्टी विधायकों प्रिंसिपल बुद्ध राम, प्रो. बलजिन्दर कौर, विपक्ष की उप नेता सरबजीत कौर माणूंके, मीत हेयर, रुपिन्दर कौर रूबी, जै सिंह रोड़ी, मनजीत सिंह बिलासपुर, कुलवंत सिंह पंडोरी और मास्टर बलदेव सिंह ने कहा कि कृषि अध्यादेश, बिजली संशोधन बिल-2020 और जम्मू कश्मीर में पंजाबी भाषा के साथ भेदभाव करके पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत विरोधी फैसले हैं। जिनका संसद में विरोध करना लोक सभा और राज्य सभा में सभी पंजाबी संसद सदस्यों का फर्ज है।
‘आप’ विधायकों ने कहा कि पंजाब और पंजाबियत के भविष्य और मान-सम्मान से संबंधित इन ज्वलंत मुद्दों पर हर पंजाबी संसद मैंबर की परख की घड़ी होगी कि वह पंजाब और पंजाबियत के हक में भुगतता है या फिर केंद्र सरकार के इन घातक और तानाशाही फैसलों के हक में वोट डालता है।
‘आप’ विधायकों ने सभी पंजाबी लोक सभा और राज्य सभा सदस्यों से अपील की है कि वह लोकतंत्र और संघीय ढांचो की मजबूती और पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत के लिए पार्टी स्तर से ऊपर उठ कर जहां कृषि अध्यादेशों और बिजली बिल का सदन के अंदर और बाहर तीखा विरोध करें वहीं जम्मू-कश्मीर में पंजाबी का सरकारी भाषा के तौर पर रुतबा बहाल करवाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं।