हेराफेरी में मंत्री समेत वीआईपीज की भागीदारी को बेनकाब करने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग से जांच करवाने की मांग की
चंडीगढ़/25दिसंबरः( हरमेल सिंह) शिरोमणी अकाली दल ने आज दलित छात्रों की छात्रवृत्ति राशि में घोटाला करने के लिए पंजाब के समाज कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के इस्तीफे की मांग की है। पार्टी ने कहा कि मंत्री ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके प्राईवेट काॅलेजों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए दलित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति राशि में बड़ी हेराफेरी की है तथा दलित छात्रों को छात्रवृत्ति से वंचित रखा है। पार्टी ने इस मामले की केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच करवाने की भी मांग की है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेता श्री पवन कुमार टीनू ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति फंडों से हुए करोड़ों रूपए के घोटाले के केस में मंत्री द्वारा खुद को बचाने के लिए सारी जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर डालने की कोशिश की जा रही है। उन्होने कहा कि इस तरह की हेराफेरियां उपर वालों की भागीदारी के बिना नही की जा सकती। उन्होने कहा कि दलित छात्रों का पैसा चोरी करने जैसा घिनौना अपराध करने के लिए धर्मसोत के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए। घोटाले के साथ जुड़ी सभी कड़ियों का पर्दाफाश करने के लिए इस केस की केंद्रीय सतर्कता आयोग से जांच करवानी चाहिए।
केस की जानकारी देते हुए अकाली नेता ने कहा कि प्राईवेट काॅलेजों को दलित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति राशि देने संबधी विसंगतियों का पिटारा खुलने के बाद समाज कल्याण विभाग के एक डिप्टी डायरेक्टर को निलंबित करके इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई है। उन्होने कहा कि एक अधिकारी विभाग के मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी के बिना इतनी बड़ी हेराफेरी नही कर सकता। उन्होने कहा कि इस अधिकारी ने 72 करोड़ रूपए की छात्रवृत्ति राशि जारी नही की थी तथा मनमाने ढ़ंग से इन फंडों का दुरूपयोग करके दलित छात्रों की पढ़ाई को भारी क्षति पहुंचाई थी।
यह टिप्पणी करते हुए कि अकाली दल पिछले साल से दलित छात्रों को छात्रवृत्ति न देने का मामला उठाता आ रहा है, अकाली नेता ने कहा कि यह बात भी सामने आई है कि छात्रवृत्ति राशि में की हेराफेरी का पैसा प्राईवेट संस्थानों से निकलवाने की बजाय अधिकारियों ने इन संस्थानों के साथ सांठगांठ करके उनकी छात्रवृत्ति का बकाया भी जारी कर दिया था।
उन्होने बताया कि कुछ संस्थानों को लाभ पहुंचाने के लिए वित्तविभाग की आॅडिट रिपोर्टों के साथ छेड़छाड़ की गई थी तथा दलित छात्रों को छात्रवृत्ति राशि देने के लिए अंतहीन इंतजार करवाया गया था। अकाली नेता ने कहा कि पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति राशि जारी करने में की देरी के कारण लाखों ही दलित छात्रों को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी थी, क्योंकि वह अगली पढ़ाई के लिए काॅलेजों में दाखिले नही ले पाए थे।