जीरकपुर में धुंध की वजह से कार बेकाबू हो सुखना चो में गिरी
धुंध में सावधानी से चलाएं वाहन, इन नियमों का भी रखें ख्याल, वाहनों में फॉग लाइट जरूर लगवाएं
चंडीगढ, 14 जनवरी (विश्ववार्ता) पहाड़ों से आने वालीं सर्द हवाओं के कारण पंजाब, हरियाणा समेत पूरा उत्तर भारत भीषण शीतलहर की चपेट में है। मोहाली स्थित जीरकपुर में धुंध की वजह से स्विफ्ट कार बेकाबू हो सुखना चो में गिर गई। लेकिन कार ड्राइवर का बचाव हो गया। राहगीरों ने कार सवार को किसी तरह चो से निकला। कार चो में उल्टी होकर गिरी जिसमें गंदा पानी भर गया।
बता दें कि कार ड्राइवर किसी काम से चंडीगढ़ जा रहा था। वहीं पुल की रेलिंग टूटी हुई थी। धुंध के कारम विजिबिलटी नहीं थी। ऐसे में कार सीधा सुखना चो में गिर गई। इसके बाद काफी मुशकत के बाद निकाला गया।
लोगों का कहना हैं कि पुल की रेलिंग छह महीने से टूटी हुई है। जुलाई 2023 में सुखना चो में ज्यादा पानी आने से पुल के दोनों तरफ की रेलिंग टूट गई थी। इसके बाद से इसे ठीक नहीं किया गया। लोगों के यहां पर हर समय हादसों का खतरा बना रहता है। पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। नगर काउंसिल के ईओ रवनीत सिंह ने बताया कि सडक़ पर साइन बोर्ड लगा दिया जाएगा। रेलिंग भी जल्द लगा दी जाएगी
धुंध में सावधानी से चलाएं वाहन, इन नियमों का भी रखें ख्याल, वाहनों में फॉग लाइट जरूर लगवाएं
रिफ्लैक्टरों का करना चाहिए इस्तेमाल
ट्रक, ट्रॉली आदि बड़े वाहनों के चालकों को रिफ्लेक्टर का प्रयोग अवश्य करना चाहिए ताकि कोहरे को दूर से ही देखा जा सके और अन्य वाहनों को एक तरफ खड़ा किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कोहरे के दिनों में सडक़ पर बनी पट्टियों की मदद से वाहन चलाने चाहिएं। नजर हटी, दुर्घटना घटी… किसी ने सही ही कहा है, क्योंकि वाहन चलाते समय हल्की सी चूक जीवन पर भारी पड़ सकती है। खासकर जब बात बढ़ती ठंड के दौरान कोहरे की हो। धीरे-धीरे अब रात व सुबह कोहरा बढऩे लगा है। ऐसे में हादसों से बचने के लिए वाहनों को फॉग लैंप, बीम लाइट व रिफ्लेक्टर से लैस करना बेहद जरूरी है, जबकि वाहनों में इनकी कमी है।
वाहनों में रिफ्लेक्टर अनिवार्य रूप से लागू भी किया गया है, लेकिन इस पर सख्ती नहीं होने की वजह सडक़ों पर मौत बनकर घूमने वाले ट्रक व ट्रैक्टर लोगों की जिंदगी रौंद रहे हैं। देखा जाए तो धुंध और कोहरे के मौसम में सुरक्षित ड्राइविंग के लिए सावधानी बेहद जरूरी है। शहर में पीली लाइटें सिर्फ पुराना तहसील मार्ग पर लगाई गई हैं। जबकि, इसे शहर भर में लगाना अनिवार्य हैं।
ताकि, होने वाले हादसों पर लगाम लग सकें। ट्रक, ट्राले व ट्रैक्टरों पर बाहर तक सरिया लादना नियम के विरुद्ध है। नियमों को ताक पर रखकर चलने वाले ऐसे वाहन कई चौकियों व थानों से होकर गुजरते हैं, लेकिन इन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती। केवल अभियान के नाम पर भी खानापूर्ति के अलावा कुछ खास नहीं किया जाता।
दूरी का रखें विशेष ध्यान
धुंध में हादसों से बचने के लिए सामने वाली गाड़ी से एक तय दूरी बनाकर चलना चाहिए। कोहरे में सडक़ें गीली होती हैं। इसलिए हो सकता है कि जब तक ब्रेक लगे तब तक वाहन सामने वाली गाड़ी से टकरा जाए। ऐसे में भारी वाहनों से एक निश्चित दूरी बनाकर चलना ही बेहतर है।
गलत साइड से ओवरटेक करने से बचें
अधिकतर सडक़ दुर्घटनाएं गलत तरह से ओवरटैक करने की वजह से भी होती हैं। ध्यान रहे, हमेशा दाएं से ही ओवरटेक करें। साथ ही इस दौरान इसका भी ध्यान रखें की सामने से कोई वाहन तो नहीं आ रहा।
वाहनों में फॉग लाइट जरूर लगवाएं
कोहरे में सफर करने के लिए वाहनों में फाग लाइट का होना जरूरी है। जानकारी के लिए बता दें कि फॉग लाइट धुंध काटने में मददगार होगी। यह बाजार में आसानी से उपलब्ध है।
इंडीकेटर का करें प्रयोग
रात के समय वाहन चलाने पर इंडिकेटर का इस्तेमाल जरूर करें। यह कोहरे और धुंध में भी मददगार बनता है। अधिक कोहरा होने पर इंडिकेटर जला देना चाहिए। इससे पीछे चल रहे वाहन को इस बात की जानकारी हो जाएगी, कि सडक़ पर उनके अलावा और भी वाहन दौड़ रहा है। अचानक गाड़ी मोडऩे से पहले इंडिकेटर नहीं देने पर दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
रेडियम स्टीकर्स जरूर लगवाएं
रेडियम स्टीकर्स भी धुंध में फायदेमंद साबित होते हैं। इनकी कीमत 150 से 500 रुपये तक है। सभी वाहनों के पीछे रेडियम स्टीकर लगा होना अनिवार्य है। लेकिन, इसके बाद भी अधिकतर वाहनों में रेडियम स्टीकर नहीं लगाए गए हैं। रेडियम स्टीकर का फायदा यह होता हैं कि अंधेरे में इस पर रोशनी लगने मात्र से ही यह चमक उठता हैं, इससे पीछे व सामने से आ रहे वाहन चालक को अंदेशा हो जाता हैं कि सडक़ पर उनके अलावा कोई वाहन हैं