चंडीगढ़ संसदीय क्षेत्र करीब इतने लाख मतदाता चुनेंगे नया सांसद, शहर में आर्दश आचार संहिता लागू
शहर मे सभी पार्टियां द्वारा महिला प्रत्याशियों पर दांव खेले जाने की चर्चा तेज
भाजपा, कांग्रेस, आप समेत अन्य दलों को खेमों के हावी होने का डर
चंडीगढ़, 17 मार्च (विश्ववार्ता) भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा के आम चुनावों की घोषणा कर दी गई है और चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार चंडीगढ़ संसदीय क्षेत्र का मतदान पहली जून को होगा और मतगणना चार जून को होगी। चुनावों के दौरान, सीईओए आरओ और ईआरओएस के स्तर पर राजनीतिक दलों के साथ विभिन्न बैठकें आयोजित की गई हैं और उन्हें समय-समय पर विकास के बारे में नियमित रूप से जानकारी दी गई है।
लोकसभा चुनाव की तिथि 1 जून को तय होने के बाद चंडीगढ़ में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। चंडीगढ़ की हाई प्रोफाइल सीट मेयर चुनाव के बाद से चर्चा में है। हालांकि, अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी की ओर से प्रत्याशियों की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है और सभी दलों का उम्मीदवारी पर सस्पेंस बरकरार है।
चुनाव में ढाई माह की देरी ने भी राजनीतिक दिग्गजों की बेचैनी बढ़ा दी है। ऐसे में भाजपा, कांग्रेस, आप समेत अन्य दलों को खेमों के हावी होने का डर सताने लगा है। पार्टी में गुटबाजी शुरू ना हो जाए इससे पहले ही अपने प्रबल प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारने के लिए दिल्ली दौड़ भी शुरू हो गई है। यही भी बताया जा रहा है कि चुनावी घोषणा के बाद प्रत्याशियों की दावेदारी लिए पार्टी नेता दिल्ली हाईकमान से लगातार संपर्क में हैं और दिल्ली में बैठकों को लेकर शेड्यूल फिक्स कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, पार्टियां के चंडीगढ़ सीट पर महिला प्रत्याशियों पर दांव खेले जाने की चर्चा तेज हो गई है। किरण खेर के चंडीगढ़ सीट पर लगातार दो बार जीत के बाद दलों ने अपनी रणनीति में बदलाव करना शुरू कर दिया है। हालांकि, भाजपा चंडीगढ़ सीट पर किसे उम्मीदवार बनाएगी फिलहाल इस पर भी अभी तक सस्पेंस बना हुआ है। माना जा रहा है कि प्रत्याशियों के नामों में देरी की वजह यह भी है कि भाजपा, कांग्रेस, आप समेत अन्य दल महिला प्रत्याशियों के नाम की कभी भी घोषणा कर सकते हैं। बीजेपी ने दो मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की जो पहली लिस्ट जारी की थी उसमें चंडीगढ़ से उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया गया था।
सियासी गलियारों में चर्चा है कि आलाकमान कई नामों पर विचार कर रही है। चर्चा यह भी है कि भाजपा में संजय टंडन, सत्यपाल जैन, अरूण सूद प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। वहीं हाईकमान चुनावी रण में किरण खेर को फिर से मौका दे सकता है। वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद पवन बंसल प्रबल प्रत्याशी बताए जा रहे हैं मगर इंडिया गठबंधन बंसल के नाम पर फिलहाल चुप है। मेयर चुनाव के बाद गठबंधन कदम फूंक फूंक कर रख रहा है।
अब तक प्रत्याशी का नाम फाइनल नहीं किया गया है। उधर, पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल कांग्रेस के प्रबल प्रत्याशी माने जा रहे हैं लेकिन इंडिया गठबंधन की तरफ से औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। बंसल पिछले एक महीने से चंडीगढ़ में लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं।