सेहतनामा: हृदय रोगों को न करे नजरअंदाज
बचपन मे शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण बढ़ता है हृदय का आकार
बच्चों में जन्मजात हृदय दोष – लक्षण और कारण
चंडीगढ़, 13 मई (विश्ववार्ता) बचपन में शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण हृदय का आकार बढ़ता है और अधिक समय तक बैठे रहने या निष्क्रिय रहने के कारण समय के साथ इसका आकार बढऩे लगता है जो तमाम तरह के हृदय रोगों का कारण बनता है। एक नए शोध में यह जानकारी सामने आई है। हृदय के द्रव्यमान और आकार में अत्यधिक वृद्धि, जिसे लैμट वेंट्रिकुलर हाइपरट्रॉफी के रूप में जाना जाता है, वयस्कों में दिल के दौरे, हृदयघात और समय से पहले मृत्यु का एक प्रमुख कारक माना गया है।
100 में से लगभग एक बच्चा दिल में समस्या के साथ पैदा होता है। कुछ समस्याएं गंभीर होती हैं, लेकिन कई नहीं होती हैं। दोषों में हृदय की दीवारों या वाल्व या दिल में घुसने या निकलने वाली रक्त वाहिकाओं का असामान्य गठन शामिल हो सकता है।
जन्मजात दिल के दोष उम्र के हिसाब से अलग होते हैं। शिशुओं में मुश्किल या तेज़ी से सांस लेना, अच्छे से स्तनपान न करना, पसीना आना या स्तनपान करते समय सांस चढ़ना, होंठ या त्वचा का नीला पड़ना (सायनोसिस) या वज़न न बढ़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नन्हें बच्चे गतिविधि के दौरान आसानी से थक सकते हैं या उनके दिल की धड़कन तेज हो सकती है। बड़े बच्चों और किशोरों में गतिविधि सहनशीलता, गतिविधियों के दौरान सीने में दर्द, दिल की धड़कन सुनाई देना (धड़कना), चक्कर आना या बेहोशी हो सकती है।
शोधकर्ताओं ने कुछ बच्चों और किशोरों की करीब 13 वर्ष तक निगरानी की और पता लगाया कि दिन में लगभग 3-4 घंटे की हल्की शारीरिक गतिविधि, जिसमें प्रतिदिन के कामकाज और बाहर खुले में खेल संबंधी गतिविधियों में हिस्सा लेना शामिल है इसके परिणामस्वरूप हृदय के द्रव्यमान में हो रही वृद्धि में कमी आती है। पूर्वी फिनलैंड विश्वविद्यालय में नैदानिक महामारी विज्ञान और बाल स्वास्थ्य के एसोसिएट प्रोफैसर एवं चिकित्सक एंड्रयू अगबाजे ने कहा, ‘इस बात के ठोस प्रमाण हैं कि बचपन में शारीरिक गतिविधियों में कमी होना स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है, जिसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।’
शोधकत्र्ताओं ने ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के 1,700 बच्चों की 11 वर्ष की आयु से 24 वर्ष की आयु तक निगरानी की और इन निष्कर्षों तक पहुंचे। अगबाजे ने कहा, ‘हल्की शारीरिक गतिविधि के उदाहरण हैं- आऊटडोर गेम, खेल के मैदान में खेलना, कुत्ते को घुमाना, माता-पिता के लिए काम करना, शॉपिंग मॉल या स्कूल तक पैदल चलना और बाइक चलाना, पार्क में टहलना, जंगल में खेलना, बागवानी, बास्केटबॉल, फुटबॉल, गोल्फ, फ्रिस्बी आदि।