संगरूर/चंडीगढ़, 20 सितंबर:पंजाब की आढ़ती ऐसोसिएशनों ने रविवार को राज्य के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला के नेतृत्व पर पूरा विश्वास जताया है। ऐसोसिएशन के नेताओं ने सिंगला के साथ संगरूर में उनके निवास में मुलाकात की और केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे कृषि बिलों की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव भी पास किया।
मीटिंग में शामिल आढ़ती भाईचारे के नुमायंदों ने नये कृषि बिलों को आढ़तियों का डैथ वॉरंट करार देते हुए कहा कि वह इन कानूनों का कड़ा विरोध करने के लिए विजय इंदर सिंगला के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन करेंगे।
आढ़ती भाईचारे ने प्रस्ताव के द्वारा प्रधान मंत्री मोदी से अपील की है कि वह नये बिलों को रद्द करें क्योंकि इन्होंने व्यापारिक क्षेत्र, व्यापारी और विवाद निपटारा की परिभाषा बदल कर रख दी है जो परंपरागत अनाज मंडी प्रणाली का अंत साबित होगी।
प्रस्ताव में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को दोषी ठहराया गया है कि वह कॉर्पोरेट सैक्टर के साथ मिले हुए हैं जो किसानों की उपजाऊ भूमि हड़पने और उनके अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए परंपरागत कृषि आर्थिकता को नष्ट करने के लिए उत्सुक प्रतीत होते हैं। नये फार्म बिलों ने कॉर्पाेरेटों को कृषि बाजारों में पेश कर दिया है जिनको रिकार्ड समय में बड़े स्तर पर फसलों की खरीद को यकीनी बनाने के लिए अत्यधिक महारत की जरूरत है।
इस प्रस्ताव में यह भी अंदेशा जाहिर किया गया है कि इस बिल को मौजूदा रूप में लागू किया जाता है तो पंजाब की 1860 अनाज मंडियों में फैले 28 हजार लाइसेंसशुदा आढ़तीयों, उनके क्लर्कों, मजदूरों समेत 7 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
नये बिलों के मुताबिक फसलों की खरीद सम्बन्धी गतिविधियों को किसी भी जगह पर जैसे खेत में, किसान के भंडार, फैक्ट्री, गोदाम, सिलो, कोल्ड स्टोर, फार्म गेट या भारतीय क्षेत्र में किसी भी जगह अमल में लाया जा सकता है। गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ( क्वालिटी मॉनीटरिंग) की अनुपस्थिति में उपभोक्ता और किसान दोनों ही मार बर्दाश्त करने के लिए मजबूर हैं।
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