-मोदी के जन्म दिन को काले दिवस के तौर पर मनाएंगे अन्नदाता
– सिर्फ नाटक है बादलों का यू-टर्न और हरसिमरत का इस्तीफा
🏿-भाजपा के हाथ में है कैप्टन की ‘दुखती रग’
नई दिल्ली /चण्डीगढ़, 18 सितम्बर 2020 (विश्ववार्ता):आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने देश के सभी राज्य सभा संसद सदस्यों को आह्वान किया है कि वह मोदी सरकार की ओर से बहुमत की तानाशाही से लोक सभा में पास किए कृषि विरोधी बिलों को राज्य सभा में हरगिज पास न होने दें। इसके साथ ही भगवंत मान ने प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी, मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह और बादल परिवार खास करके हरसिमरत कौर बादल को खूब खरी-खोटी सुनाई।
यहां पार्टी हैडक्वाटर में मीडिया के रूबरू हुए भगवंत मान ने कहा कि 17 सितम्बर को देश खास कर अंनदाता हमेशा ‘काले दिवस’ के तौर पर मनाएगा। प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी ने अपने जन्म दिन (17 सितम्बर) के मौके जिस तानाशाही तरीके से लोक सभा में कृषि विरोधी बिल पास करके देश खास करके पंजाब और हरियाणा के किसानों और कृषि पर निर्भर आढ़तियों, मुनीमों, मजदूरों-पल्लेदारों और ट्रांसपोर्टरों को बर्बाद करके पूंजीपति कॉर्पोरेट घराणों को तोहफा दिया है, इस दिन को हमेशा काले दिन के तौर पर याद किया जाएगा, क्योंकि मोदी के यह काले कानून खेतों के राजा किसान को भीखारी बना देंगे। किसान मालिक बन कर भी मालिक नहीं रहेंगे।
भगवंत मान देश के सभी राज्य सभा संसद सदस्यों को पार्टीबाजी और विप की प्रवाह किए बिना इन कृषि विरोधी काले कानूनों को राज्य सभा के पटल पर पटकनी देने की अपील की।
मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी के तीनों राज्य सभा मैंबर राज्य सभा के पटल पर लाल बटन दबा कर इन काले कानूनों का विरोध करेंगे।
भगवंत मान ने कृषि विरोधी अध्यादेशों पर बादल परिवार के यू-टर्न और हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे को अब बेमाना और सिर्फ नाटक करार दिया।
मान मुताबिक, ‘‘नाटक क्वीन (हरसिमरत) का इस्तीफा गुजरे सांप की लकीर पीटने की तरह है। जब लोगों ने गांवों में न घुसने देने के बोर्ड लगा दिए तो अचानक यू-टर्न ले लिया गया।
अगर हरसिमरत कौर बादल कैबिनेट में ही तीखा विरोध और वॉकआउट करती और बादल दल भी किसान जत्थेबंदियों और आम आदमी पार्टी के साथ सडक़ों पर उतरता तो इन घातक अध्यादेशों को लोक सभा में पेश होने से रोका जा सकता था। बादल परिवार अब बेशक जितनी मर्जी ड्रामे कर ले और माफी मांगते रहे परंतु पंजाब के लोग इनकी (बादलों) ओर से कुर्सी के लिए किए गुनाहों की कभी माफी नहीं देंगे।’’
भगवंत मान ने मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह से भी स्पष्टीकरण मांग कि उन्होंने अंदर खाते अध्यादेशों को सहमति क्यों दी?
भगवंत मान ने तंज कसा कि राजा अमरिन्दर सिंह की ‘एक दुखती रग’ भाजपा (मोदी-सरकार) के हाथ में है और वह बाजू मरौड़ कर अमरिन्दर सिंह की सहमति ले लेते हैं, बेशक वह कितनी भी पंजाब विरोधी क्यूं न हो।