👉अकाली दल बन चुका है भाजपा का गुलाम
👉🏾केंद्र के अध्यादेश स्पष्ट करते हैं कि प्रदेशों की मंडियों के लिए प्रदेशों को केंद्र की बात माननी पड़ेगी -अमन अरोड़ा
👉🏿किसानों की आत्महत्याएं खेती क्षेत्र की आर्थिक मंदहाली से उपजा आत्मघाती कदम
चंडीगड़, 29 जून 2020(विश्ववार्ता)-
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने किसानों की आत्महत्याएं खेती क्षेत्र की आर्थिक मंदहाली से उपजा आत्मघाती कदम करार देते कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा खेती सम्बन्धित लाए तीन अध्यादेशों को फसलों के कम से कम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और पंजाब के मौजूदा मंडीकरन ढांचे को पूरी तरह से बर्बाद कर देगा। प्रदेशों के किसानों, मजदूरों और आढ़तिया समेत कृषि पर निर्भर सभी वर्गों के साथ खेली जा रही घातक खेल में अकाली दल (बादल), भाजपा और कांग्रेस बराबर की जिम्मेवार है।
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर व नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा और सीनियर नेता और विधायक अमन अरोड़ा व पंजाब संगठन के इंचार्ज गैरी बडि़ंग राजधानी में प्रैस कान्फ्रेंस के द्वारा मीडिया के रूबरू हुए। इस मौके उनके साथ विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर, विधायक कुलवंत सिंह पंडोरी, महिला विंग पंजाब की प्रधान मैडम राज लाली गिल, महा सचिव नरिन्दर सिंह शेरगिल, पार्टी प्रवक्ता गोविन्दर मित्तल, अब्जर्वर सतवीर सिंह वालीया, इकबाल सिंह उपस्थित थे।हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बिहार जैसे प्रदेशों में कोई ए.पी.एम.सी. व्यवस्था नहीं है। इन प्रदेशों में किसानों की हालत बहुत ही दयनीय स्थिति में है। यह किसान खुले बाजारों की अपेक्षा ए.पी.एम.सी के व्यवस्था को पहल देते हैं, क्योंकि खुले बाजार प्रणाली में उनकी सौदेबाजी की शक्ति कम हो जाती है। जब किसान अपनी फसल को ए.पी.एम.सी. की बजाए खुले बाजार में बेचते हैं तो वह सरकार की तरफ से निर्धारित एम.एस.पी की रकम हासिल नहीं करते।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ए.पी.एम.सी. कानून में घातक संशोधन करने वाली कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार को क्या मजबूरी थी कि वह केंद्र में मोदी सरकार की इच्छा मुताबिक प्रदेशों की मंडीकरन प्रणाली के रक्षक ए.पी.एम.सी. कानून में अपने हत्थों से ही छेद कर बैठे हैं। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मोदी सरकार ने इन तीन घातक अध्यादेशों के द्वारा बड़ी प्राईवेट कंपनियों और अम्बानियों-अडानियों का पंजाब-हरियाणा के खेतों और मंडियों पर कब्जा करवाना चाहते हैं।
हरपाल सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल ‘आप‘ को कांग्रेस की ‘बी‘ टीम कह रहे हैं, परंतु सच्चाई यह है कि अकाली दल माफिया की ‘ए‘ टीम और कांग्रेस माफिया की ‘बी ‘ टीम है। आम आदमी पार्टी सिर्फ और सिर्फ पंजाब के लोगों की ‘ए‘ टीम है। उन्होंने कहा कि शिरोमणी अकाली दल बादल जो अपने आप को पंजाब के किसानों की सबसे बड़ी हितैषी पार्टी कहलाती है। आज भाजपा का ही एक रूप बन चुकी है, जो कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार की गुलामी करती है और सारा अकाली दल हरसिमरत कौर बादल की कुर्सी बचाने के लिए पंजाब के हितों की बलि दे रहा है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल आज अकाली दल के नहीं छोटी भाजपा के प्रधान हैं, बड़ी भाजपा जो भी हुक्म देती है छोटी गुलाम भाजपा वह हुक्म पूरा करती है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि बादलों ने हरसिमरत कौर बादल की एक वजीरी के लिए इतना घातक अध्यादेशों का साथ दे कर पंजाब के किसानों की कुर्बानी दे रहे हैं और एक बार ओर पंजाब की पीठ में उसी तरह छुरा मारा है, जैसे वाजपाई सरकार के दौरान सुखबीर सिंह बादल की वजीरी के लिए पंजाब को पड़ोसी पहाड़ी राज्यों को मिलीं विशेष औद्योगिक पैकेज और रियायतों से वंचित किया था, जिस कारण पंजाब के उद्योग पड़ोसी राज्यों में चले गए थे। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल यदि वास्तविकता में पंजाब के किसानों की प्रवाह करते हैं तो वह खुल कर इस किसान विरोधी अध्यादेशों का विरोध क्यों नहीं करते?
अमन अरोड़ा ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय साल 2020-21 के लिए वार्षिक बजट संसद में पेश करते हुए किसानों के साथ वायदा किया था कि किसानों की कमाई 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है, 6.11 करोड़ का किसान बीमा योजना लाया जाएगा और किसानों के लिए 16 नुकाती एक्शन योजना बनाई गई है। जिस के अंतर्गत किसानों की आर्थिक हालत में काफी सुधार होगा परंतु अफसोस किसानों की आर्थिक हालत मजबूत करनी की बजाए देश के किसानों के लिए घातक बिल ला कर किसानों को आत्म-हत्या के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि मोदी की केंद्र सरकार ने डा. स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने की जगह सांता कुमार समिति की सिफारशें लागू करवा दी। जिस कारण पंजाब के छोटे किसानों की जिंदगी खतरे में आ गई है। अरोड़ा ने केंद्र सरकार से मांग करते कहा कि सांता कुमार समिति की सिफारिशें रद्द करवा कर धान और गेहूं की खरीद पहले की तरह जारी किया जाए, बेमौसमी बरसात के कारण नुकसान हुई फसलों का उपयुक्त मुआवजा दिया जाए जिससे किसानों को राहत मिल सके।
पंजाब के संगठन इंचार्ज गैरी बडि़ंग ने कहा कि इस अध्यादेश के आने से पंजाब के कृषि क्षेत्र के बाजारीकरन में निजी उद्योगपति और बड़े व्यापारियों को पैसा निवेश करने की छूट मिल जाएगी और जिस से किसानों का और छोटे आढ़तिया का नुक्सान होगा। इस अध्यादेश के मुताबिक कम से कम समर्थन मूल्य निजी व्यापारियों पर लागू नहीं होगा और समर्थन मूल्य पर खरीद की कोई गरंटी नहीं होगी और व्यापारी अपनी मनमर्जी करेंगे।
गिराई बडि़ंग ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार के इन घातक अध्यादेशों /बिलों के द्वारा जब कॉर्पोरेट घरानों की पंजाब में ‘एंट्री हो गई तो मक्का, गन्ने और दालों की तरह गेहूं और धान का कम से कम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निरर्थक हो जाएगा और पंजाब के किसान कम दाम में फसलें बेचने और भुगतान के लिए महीने साल ठोकरों खाने के लिए मजबूर होंगे। जबकि आढ़ती, मुनीम, पल्लेदार, चालक, ट्रांसपोर्ट की कृषि क्षेत्र से अस्तित्व ही खत्म हो जाएगी।
गैरी बडि़ंग ने कहा कि कम से कम समर्थन मूल्य अब ज्यादा से ज्यादा समर्थन मूल्य बन जाएगा जिस के साथ किसानों का शोषण होगा। इन अध्यादेशों का विरोध करने के लिए आम आदमी पार्टी पंजाब की तरफ से अब तक की गई गतिविधियों के बारे में बताते उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धित आम आदमी पार्टी की ओर से अब तक भारत के राष्ट्रपति के नाम जिले के डिप्टी कमिश्नरों के द्वारा अध्यादेशों को रद्द करने के लिए मांग पत्र दिए गए थे और आज पंजाब के 117 विधान सभा हलकों में प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी और अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के पुतले फूंके गए हैं और आने वाले दिनों में किसानों को जागरूक करते हुए इन अध्यादेशों के विरोध में शुरु की गई मुहिम को ओर तेज किया जाएगा।