मोहाली, 26 जून (विश्ववार्ता) 29 साल पुराने आईएएस के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण के मामले में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को पक्की जमानत देने के मामले मे सुनवाई फिलहाल आगे टल गई है। मोहाली की जिला सैशन जज मोनिका गोयल की अदालत ने आज पूर्व डीजीपी सैनी को जमानत देने संबधी याचिका पर सुनवाई फिलहाल 6 जुलाई तक आगे टाल दी है।
बतां दे कि मामला 1990 के दशक का है, जब सुमेध सिंह सैणी चंडीगढ़ के एसएसपी थे। 1991 में उन पर एक आतंकी हमला हुआ। उस हमले में सैणी की सुरक्षा में तैनात चार पुलिसकर्मी मारे गए थे, वहीं सैणी खुद भी जख्मी हो गए थे। उस केस के संबंध में पुलिस ने सैणी के ऑर्डर पर पूर्व आईएएस ऑफिसर दर्शन सिंह मुल्तानी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उसे हिरासत में रखा और फिर बाद में कहा कि वह पुलिस की गिरफ्त से भाग गया। वहीं, परिजनों का कहना था कि बलवंत की पुलिस के टॉर्चर से मौत हो गई।
2008 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर चंडीगढ़ सीबीआई ने इस मामले में प्रीमिलनरी इंक्वायरी शुरू की। जिसके बाद 2008 में सीबीआई ने सैणी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने टेक्नीकल ग्राउंड पर इस एफआईआर को खारिज कर दिया था। जिसके बाद अब नए फैक्ट्स पर पंजाब पुलिस ने पिछले महीने 7 मई को सैणी के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 201 (साक्ष्य मिटाने के कारण), 344 (गलत तरीके से कारावास), 330 और 120बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज किया था।
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