कहा कि सीबीआई यां उच्चन्यायालय द्वारा की स्वतंत्र जांच ही अन्नदाता को न्याय दिला सकती है
कहा कि ठगे गए किसानों की जिलावार पहचार करके उन्हे वित्तीय मुआवजा दिया जाना चाहिए
चंडीगढ़/28मईः शिरोमणी अकाली दल ने आज राज्य भर के डिप्टी कमिशनरों को मांग पत्र देकर करोड़ों रूपए के बीज घोटाले के लिए जिम्मेदार सभी दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है तथा कहा है कि किसी केंद्रीय एजेंसी यां उच्च न्यायालय की निगरानी में एक स्वतंत्र जांच ही अन्नदाता को न्याय दिला सकती है, जिसकी रोजी रोटी को दांव पर लगा दिया गया है।
जिला अध्यक्षों के अलावा सांसदों, पूर्व सांसदों, विधायकों, निर्वाचन क्षेत्र प्रतिनिधियों तथा वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में पंजाब के राज्यपाल श्री वीपी सिंह बदनौर तक पहुंचाने के लिए राज्य के डिप्टी कमिशनरों को मांग पत्र सौंपकर अकाली दल ने मांग की कि जिन किसानों को ठगा गया है, उनकी जिलावार पहचान करके उन्हे वित्तीय मुआवजा दिया जाना चाहिए।
पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल तथा पार्टी की कोर कमेटी द्वारा लिए निर्णय के बाद पार्टी नेताओं ने सामाजिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन करते हुए मांग पत्र देकर यह कदम उठाया। उन्होने सरकार द्वारा इस केस की विजीलेंस से जांच करवाकर मामले पर पर्दा डालने के प्रयास को पूरी तरह रद्द कर दिया।
इस बारे अन्य जानकारी देते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि विजीलेंस विभाग से कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा के खिलाफ कार्रवाई करने की उम्मीद नही है, जोकि इस केस के मुख्य दोषी का संरक्षण करने तथा दोषी की कंपनी करनाल एग्री सीडज का एक बेनामी सहयोगी होने का दोषी है। उन्होने कहा कि इस कंपनी जिसका मालिक लक्की ढ़िल्लों है, ने ब्रीडर बीजों पीआर-128 तथा पीआर-129 का नकली उत्पादन करके एक बड़ा बीज घोटाला किया है। यहां तक कि पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी, लुधियाना द्वारा भी बाद में यह बीज बहुत थोड़ी मात्रा में किसानों को दिए गए थे। उन्होने कहा कि जिस तरीके से रंधावा ने इस कंपनी की बिल बुक दिखाकर करनाल सीडज के मालिक लक्की ढ़िल्लों का पक्ष लिया है, उससे साबित हो गया कि दोनो अंदरूनी तौर पर मिले हुए हैं। उन्होने कहा कि ऐसी स्थिति में विजीलेंस विभाग द्वारा की जांच कोई मायने नही रखती।
मानसा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी सांसद सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि इस बीज घोटाले के दोषी किसानों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यदि जल्द कोई कदम नही उठाया गया तो अन्य बहुत सारे किसान आर्थिक तबाही तथा आत्महत्याओं की तरफ धकेले जा सकते हैं।
रोपड़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि नकली बीजों के उत्पादक लक्की ढ़िल्लों की हिरासती पूछताछ ही इस पूरे घोटाले की पर्तें खोल सकती हैं, क्योंकि सभी बड़े घोटालेबाजों को सबूत मिटाने तथा झूठे रिकॉर्ड तैयार करने के लिए 15 दिन से ज्यादा का समय दिया गया है। उन्होने कहा कि एक स्वतंत्र जांच ही इसका पर्दाफाश करेगी कि दोषी ने बड़ी मात्रा में नकली बीजों का उत्पादन कैसे किया। उन्होने कहा कि इस घोटाले की जड़ें अंतरराज्यीय होने के कारण इसकी एक उच्चस्तरी जांच करवाना बेहद आवश्यक है।
लुधियाना से बोलते हुए वरिष्ठ नेताओं महेशइंदर सिंह ग्रेवाल तथा शरनजीत सिंह ढ़िल्लों ने कहा कि दोषी द्वारा इस मामले का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। नेताओं ने कहा कि अकाली दल का ध्यान किसानों के हुए नुकसान की तरफ है, जिन्हे घोटालेबाजों ने 70रूपए प्रति किलों वाला बीज 200 रूपए प्रति किलो बेचकर दोनो हाथों से लूटा है।
मोहाली में इस मुद्दे पर बोलते हुए पार्टी नेता श्री एनके शर्मा ने कहा कि कितने दुख की बात है कि बेशक इस बारे 11 मई को एफआईआर दर्ज हो गई थी, पर राज्य की पुलिस ने संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई करने से पैर पीछे खींच लिए तथा घोटाले के मुख्य दोषी को संवाददाता सम्मेलन करने से भी नही रोका। उन्होने कहा कि यह सब राजनीतिक संरक्षण के कारण ही हो रहा है। उन्होने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा के तौर पर जाने जाते किसानों की कीमत पर दोषियों का बचाव कर रही है।
इस दौरान मांग पत्र में यह भी मांग की गई कि 5600करोड़ रूपए के शराब घोटाले की एक स्वतंत्र जांच करवाई जाए, जिसमें पिछले तीन सालों के दौरान 3600 करोड़ रूपए के सरकारी खजाने को चूना लगाया गया तथा 2000 करोड़ रूपए का घोटाला अवैध शराब की बिक्री तथा कांग्रेसी विधायकों के निकटतम सहयोगियों की अवैध शराब के कारखाने में बेची गई शराब तथा ईएनए द्वारा किया गया। मांग पत्र में यह भी बताया कि सरकार ने कांग्रेसियों के नेतृत्व वाले खनन ठेकेदारों को महीनावार टैक्स के तौर पर 26 करोड़ रूपए की बजाय 4.85 करोड़ रूपए जमा करवाने की अनुमति देकर अतिरिक्त छूट दी है। मांग पत्र में केंद्र द्वारा राज्य को भेजी गई खाद्य राहत सामग्री में हुए घोटाले की भी जांच की मांग की।
अकाली नेताओं ने कांग्रेस सरकार के किसानों के लिए मुफ्त बिजली की सुविधा को समाप्त करने के निर्णय की निंदा की, जोकि उन्हे 1997 में सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा दी गई थी। उन्होने कहा कि सरकार की बदले में सीधा लाभ तबादला (डीबीटी) देने की पेशकश पर विश्वास नही किया जा सकता, क्योंकि यह सरकार समाज के सभी वर्गों के साथ किए वादों से मुकर चुकी है। अकाली नेताओं ने कहा कि वह सरकार द्वारा किसानों को मुफ्त बिजली की सुविधा समाप्त करने का जमकर विरोध करेंगे।
अमृतसर में बिक्रम सिंह मजीठिया, वीर सिंह लोपोके, गुलजार सिंह रणीके तथा बोनी अजनाला समेत यह मांग पत्र दिया। गुरदासपुर से गुरबचन सिंह बबेहाली, लखबीर सिंह लोधीनंगल तथा रविकिरन सिंह काहलों ने अकाली दल प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। फिरोजपुर से अवतार सिंह जीरा, वरिंदर सिंह मान तथा जोगिंदर जिंदू ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। कपूरथला से डॉ. उपिंदरजीत कौर तथा बीबी जागीर कौर ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। लुधियाना में महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, शरनजीत सिंह ढ़िल्लों, मनप्रीत अयाली तथा रणजीत सिंह ढ़िल्लों ने मांग पत्र दिया। मोगा से तीर्थ सिंह मलाह, बरजिंदर सिंह बराड़ तथा भूपिंदर सिंह साहोके ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। जालंधर से गुरप्रताप सिंह वडाला, पवन टीनू, बलदेव सिंह खैहरा तथा सरबजीत सिंह मक्कड ने टीम का नेतृत्व किया। पटियाला से सुरजीत सिंह रखड़ा, हरपाल जुनेजा ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। बठिंडा से सिकंदर सिंह मलूका, जगदीप नकई, सरूप सिंगला, अमित रतन तथा दर्शन सिंह कोटफत्ता ने मांग पत्र दिया। मानसा से बलविंदर सिंह भूंदड़, दिलजार सिंह भूंदड़, जगदीप निकाई तथा डॉ. निशान सिंह ने मांग पत्र दिया। मुक्तसर से कंवलजीत सिंह बरकंदी ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। फरीदकोट से परमबंस सिंह रोमाना, मंतर सिंह बराड़ तथा सूबे सिंह बादल ने नेतृत्व किया। बरनाला से कुलवंत सिंह कीतू,बलबीर सिंह घूनस तथा सतनाम सिंह राही ने मांग पत्र दिया। होशियारपुर से सोहन सिंह ठंडल, मोहिंदर कौर जोश, अरविंदर रसूलपूर, जतिंदर सिंह लाली बाजवा तथा सरबजोत सिंह साबी, सुरेंद्र सिंह ने मांग पत्र दिया। रोपड़ से डॉ. दलजीत सिंह चीमा, हरमोहन संधू, परमजीत सिंह मक्कड़, परमजीत सिंह लखवाल ने मांग पत्र दिया। तरनतारन से विरसा सिंह वल्टोहा, हरमीत संधू, इकबाल सिंह तथा अल्विंदर पखोके ने मांग पत्र दिया। नवांशहर से डॉ. सुखविंदर सुक्खी, जरनैल सिंह वाहिद, बुद्ध सिंह बालाकी ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।मोहाली से एनके शर्मा ने पार्टी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। फतेहगढ़ साहिब से दरबारा सिंह गुरु, गुरप्रीत सिंह राजुखन्ना तथा दीदार भट्टी ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।