*👉फीसों की मनमानी ने माफीए के साथ सरकार की मिलीभगत की खोली पोल*
*👉🏾डाक्टरी शिक्षा मंत्री की भूमिका की जांच के लिए गठित हो विधान सभा की उच्च स्तरीय कमेटी*
*👉🏻एम.डी/एम.एस करने वाले हजारों डाक्टर विद्यार्थियों का भविष्य लगाया दाव पर*
*चंडीगढ़, 19 मई 2020*पंजाब में सरकारी और गैर-सरकारी मैडीकल कालेजों-यूनिवर्सिटियों की ओर से नियम-कानून की धज्जियां उड़ा कर फीस वसूली में इस्तेमाल की जा रही मनमानी का सख्त नोटिस लेते आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने डाक्टरी शिक्षा और खोज मंत्री के साथ-साथ पूरी कैप्टन सरकार को घेरा है।
पार्टी के सीनियर व नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने बाकी लुटेरा माफिया की तरह मैडीकल एजुकेशन माफिया के समक्ष पूरी तरह से घुटने टेक दिए हैं। गैर सरकारी मैडीकल कालेजों और तथाकथित यूनिवर्सिटियों ने अपनी मनमर्जी के साथ जिस तरह अंधी लूट मचाई हुई है, उससे साफ लगता है कि पंजाब में सरकार नहीं एक लुटेरा गिरोह राज कर रहा है। जिस पर कोई कानून व्यवस्था लागू नहीं होती। चीमा ने पूछा कि क्या डाक्टरी शिक्षा मंत्री और मुख्य मंत्री बताऐंगे कि उच्च डाक्टरी शिक्षा पोस्ट ग्रेजुएशन (एम.डी /एम.एस) में दाखिले के लिए पिछले दिनों हुई पहले दौर की कौंसलिंग में हजारों योग्य मैडीकल स्टूडैंट क्यों हिस्सा नहीं ले सके? क्योंकि उनमें नाजायज और गैर-कानूनी फीसें लुटाने की गुंजाईश नहीं है। चीमा ने कहा कि मौजूदा लुटेरा फीस प्रणाली में एक विशेषज्ञ (एम.डी /एम.एस) डाक्टर बनने के लिए कम से कम 9 साल की पढ़ाई और 2 करोड़ रुपए की फीसें चाहीऐ।
आम आदमी के होनहार बच्चे तो दूर यह फीसें अच्छे खासे परिवार की गुंजाईश से भी बाहर हैं, परंतु सरकार सो रही है। चीमा ने आरोप लगाया कि सरकार के इस तरह गहरी नींद में सोए रहने का असली कारण सत्ताधारी राजनीतिज्ञों और अफसरों की मैडीकल शिक्षा माफिया के साथ उसी तरह की हिस्सेदारी है, जैसे शराब माफिया, बिजली माफिया, सैंड माफिया और बिजली आदि माफीए के साथ जनतक हो चुकी है। चीमा ने कहा कि पंजाब प्राईवेट हैल्थ साइंसज इंस्टीच्यूशन (रैगूलेशन आफ एडमिशन, फिक्शेसन आफ फी एंड मेकिंग आरक्षण) एक्ट 2006 में सभी मैडीकल संस्थाएं जिनमें मैडीकल कालेज और डैंटल कालेज शामिल हैं, की फीसें निर्धारित करें और उनमें एकसमान लाने का पूरा अधिकार पंजाब सरकार के पास है। फिर जिस कोर्स की फीस सरकारी कालेजों में 1.25 लाख रुपए और प्राईवेट कालेजों में 6.50 लाख रुपए निर्धारित की हुई है तो बठिंडे का आदेश मैडीकल कालेज वार्षिक 14 लाख रुपए और गुरू रामदास मैडीकल कालेज अमृतसर 9.50 लाख रुपए किस तरह ले सकते हैं?
चीमा ने मैडीकल शिक्षा माफिया प्राईवेट यूनिवर्सिटीज की आड़ में सैंकड़े करोड़ रुपए की लूट कर रहा है, परंतु कोई पूछने वाला नहीं क्योंकि सत्ताधारी ‘लोग सेवक’ लुटेरा जमात के साथ जा मिली है।
चीमा ने बताया कि उन्होंने कैप्टन अमरिन्दर सिंह के पास से डीओ पत्र के द्वारा मांग की है कि राज्य में प्राईवेट मैडीकल कालेजों /यूनिवर्सिटीज की लूट को नकेल कसने के लिए 2006 का कानून सख्ती के साथ लागू करने और उस में अगर जरूरत है तो अपेक्षित संशोधन तुरंत की जाए, जो चालू एम.डी /एम.एस कौंसलिंग पर लागू हो जिससे जो योग्य और होनहार ‘डाक्टर’ महंगी फीसों के कारण पहले दौर की कौंसलिंग में हिस्सा नहीं ले सके, वह नए सिरे से निर्धारित कौंसलिंग में हिस्सा ले कर ‘विशेषज्ञ’ बन सकें।
चीमा ने कहा कि सरकारें (कैप्टन-बादलों) की माफिया के साथ मिलीभुगत होने के कारण पंजाब के हजारों योग्य विद्यार्थी डाक्टर बनने से वंचित रह गए। सरकार की गलत नीतियों के कारण आज पंजाब के सरकारी अस्पताल डाक्टरों को तरस रहे हैं।
चीमा ने यह भी मांग की है कि भविष्य में इस गोरखधन्धे पर लगाम कसने के लिए सभी पार्टियों के साथ सम्बन्धित विधायकों और मैडीकल शिक्षा माहिरों/डाक्टरों की एक संयुक्त जांच समिति गठित की जाए, जो राज्य में मैडीकल शिक्षा को माफिया मुक्त करने के लिए एक समयबद्ध रिपोर्ट विधान सभा के आगामी सैशन में पेश करे।
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