फरीदकोट 19 मई( पराशर)–पंजाब से चली 200वी श्रमिक स्पेशल ट्रेन जो अमृतसर से मिराज (महाराष्ट्र)के लिए हुई रवाना |”
रेलवे द्वारा भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार, राज्य सरकारों की मांग पर विभिन्न स्थानों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है | फिरोजपुर मंडल ने श्रमिकों को परिवार सहित उनके मूलस्थान तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार से परस्पर समन्वय स्थापित करने के उपरांत श्रमिक स्पेशल ट्रेन संचालित कर उन्हें गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है | मंडल के विभिन्न स्टेशनों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है | इन ट्रेनों में केवल उन्हीं यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति दी जाती है जिनको राज्य सरकार द्वारा पंजीकृत एवं जांच करने के बाद मेडिकल फिटनेस दिया जाता है |
मंडल रेल प्रबंधक श्री राजेश अग्रवाल ने बताया की राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए टिकट एवं यात्रा के आरंभ में उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था कर रही है | रेलवे द्वारा किराए में 85% तक सब्सिडी दिया जा रहा है | यात्रा के दौरान बीच के स्टेशनों पर श्रमिकों को रेलवे द्वारा खानपान की व्यवस्था की जा रही है |
मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि आज पंजाब प्रांत से 200वी श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई जो अमृतसर से मिराज (महाराष्ट्र) के लिए अपराह्न में 642 यात्रियों के साथ रवाना हुई | पंजाब से रवाना होने वाली 200 ट्रेनों में फिरोजपुर मंडल से 163 तथा अंबाला मंडल से 37 ट्रेनें शामिल है | आज फिरोजपुर मंडल की 175वी श्रमिक स्पेशल ट्रेन लुधियाना से जौनपुर के लिए रवाना हुई |
फिरोजपुर मंडल द्वारा 19 मई, 2020 तक कुल 177 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई | जालंधर से 61 ट्रेनें, लुधियाना से 89 ट्रेनें, अमृतसर से 19 ट्रेनें, फिरोजपुर कैंट से 06 ट्रेन तथा एक-एक ट्रेन गुरदासपुर और श्री माता वैष्णो देवी कटरा से चलाई गई । ये ट्रेनें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ , आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र तथा केरल के लिए चलाई गई | इन ट्रेनों से लगभग 2.13 लाख यात्रियों को उनके मूल निवास स्थान तक पहुंचाया गया | आज श्री माता वैष्णो देवी कटरा से महाराजा छत्रसाल स्टेशन (मध्य प्रदेश) तथा गुरदासपुर से गोरखपुर के लिए एक-एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई | दक्षिण भारत के लिए आज दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन जालंधर से तिरुवनंतपुरम (केरल) के लिए रवाना हुई
यात्रा में श्रमिकों को संक्रमण से बचाने के लिए उनकी थर्मल स्क्रीनिंग, बोर्डिंग के समय उनके द्वारा सामाजिक दूरी का पालन एवं मास्क पहनना तथा कतारबद्ध तरीके से चढ़ना सुनिश्चित किया जाता हैं । वृद्ध एवं दिव्यांग व्यक्तियों को ट्रेनों में चढ़ने में रेलकर्मियों द्वारा मदद की जाती है | ट्रेन को एस्कॉर्ट करने के लिए आरपीएफ और जीआरपी के जवानों को नियुक्त किया गया है ।