शरनजीत सिंह ढ़िल्लों ने कहा कि भारत भूषण आशु दोषी है तथा उसे तत्काल बर्खास्त करना चाहिए
सस्ती शोहरत पाने के लिए मजदूरों को पर्चे बांटने वाले कांग्रेसियों से पूछा कि उन्होने मजदूरों की भलाई के लिए क्या किया है
कहा कि प्रवासी मजदूरों की समस्याएं दूर करने के लिए जिला स्तरीय कमेटियां गठित की जाएं तथा उन्हे वित्तीय सहायता दी जाए
चंडीगढ़/17मईः शिरोमणी अकाली दल ने आज राशन वितरित करने से इंकार करके प्रवासी मजदूरों के साथ विश्वासघात करने के लिए कांग्रेस सरकार की निंदा की है। पार्टी ने कहा कि सरकार की इस हरकत के कारण प्रवासी मजदूरों को ऐसे मुश्किल समय में पंजाब छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा जब उद्योगों तथा किसानों को उनकी सबसे ज्यादा आवश्यकता थी।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल के विधायक दल के नेता शरनजीत सिंह ढ़िल्लों ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को पंजाब से इसीलिए मजबूर होकर भागना पड़ा, क्योंकि कई सप्ताह तक सरकार उनकी सहायता के लिए नही पहुंची। उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से प्राप्त की राहत सामग्री को भी प्रवासी मजदूरों में वितरित करना आवश्यक नही समझा, जिसके कारण एक मजदूर की मौत हो गई तथा हजारों भूखमरी के कगार तक पहुंच गए। यही कारण है कि पंजाब में औद्योगिक सैक्टर तथा धान की बिजाई के लिए मजदूरों की सख्त आवश्यकता होने के बावजूद वह वापिस अपने राज्यों की और जा रहे हैं।
सरदार ढ़िल्लों ने कहा कि बेशक मुख्यमंत्री भी इन लाखों मजदूरों पर टूटी विपत्ति की जिम्मेदारी से नही भाग सकता, पर वास्तविक कसूरवार खाद्य तथा आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु है, जो कि इन मजदूरों तक राशन पहुंचाने में बुरी तरह विफल रहा है। इसीलिए उसे तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होने कहा कि केंद्र द्वारा भेजे राशन को गोदामों में बंद करके रखने तथा यह राशन जरूरतमंद मजदूरों को देने की बजाय कांग्रेसियों के हाथों में देने के लिए लाखों प्रवासी मजदूर कभी भी भारत भुषण आशु को कभी माफ नही करेंगे।
अकाली विधायक दल के नेता ने प्रवासी मजदूरों की समस्याएं दूर करने के लिए मुख्यमंत्री से जिला स्तरीय कमेटियां गठित करने के लिए कहा। उन्होने कहा कि अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री को यह सुझाव दिया था, पर उन्होने अनसुना कर दिया। उन्होने कहा कि जिला स्तर पर वहां कमेटियां बनाने संबधी अब भी बहुत देर नही हुई है। लुधियाना के लिए शहर स्तर पर कमेटी गठित करके उन प्रवासी मजदूरों के साथ बातचीत की जाए, जो अभी पंजाब छोड़कर नही गए हैं ताकि उन्हे यहां रखा जा सके। सरदार ढ़िल्लों ने कहा कि सरकार को मजदूरों को मुफ्त राशन तथा वित्तीय सहायता देने के अलावा उन्हे रोजगार देने वालों से बातचीत करनी चाहिए ताकि प्रवासी मजदूर एक नई शुरूआत कर सकें। उन्होने कहा कि यदि हम अपने उद्योगों को दोबारा शुरू करना तथा 10 जून तक धान की बिजाई शुरू करना चाहते हैं तो ऐसा करना बेहद आवश्यक है।
सरदार ढ़िल्लों ने सस्ती शोहरत लेने के लिए पंजाब छोड़कर जा रहे प्रवासी मजदूरों को पेज बांटने वाले कांग्रेेसियों से पूछा कि वह जवाब दें कि उन्होने प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए क्या किया है? उन्होने कहा कि यहां तक जो टिकटों के पैसे कांग्रेसियों द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा देने का दावा किया गया था, वह राज्य के करदाताओं के पैसे से खरीदी गई हैं। उन्होने कहा कि कितनी अजीब बात है कि राज्य कांग्रेसी कमेटियां प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए टिकटों का प्रबंध करेंगी, जैसे बड़ी बड़ी घोषणाएं करने के बाद सोनिया गांधी ने चुप्पी धार ली है। उन्होने कहा कि अब समय है कि राज्य सरकार को आंखे खोलनी चाहिए तथा इन प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, न कि कांग्रेसियों द्वारा 10 जनपथ को दिखाने के लिए ‘घटिया तमाशे’ करके खुश होना चाहिए।