चंडीगढ, 17 मई ( विश्ववार्ता) 29 साल पुराने आईएएस के बेटे बलवंत सिंह मुल्लानी के अपहरण मामले में आज पंजाब के पूर्व चर्चित डीजीपी सुमेध सिंह सैनी जिला काम्प्लेक्स के अंदर एसपी हरमनदीप हंस के द$फ्तर मे करीब 2 घंटे पूछताछ की। पूछताछ दौरान एसआईटी पूर्व डीजीपी के सवालो से संतुष्ट नही हुए और सूत्रो से खबर है कि सैनी को फिर एसआईटी पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। बतां दे कि पहले इनको मटौर थाने मे बुलाया गया था लेकिन सुरक्षा केा ध्यान मे रखते हुए जिला पं्रबधकीय ऑफिस मे बुलाया गया है।
पूर्व डीजीपी सैनी को इस मामले में पहले ही मोहाली जिला अदालत से अग्रिम जमानत मिल गई थी, आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अदालत ने उन्हें सात दिनों में इन्वेस्टिगेशन ज्वाइन करने के आदेश दिए थे। एसआईटी का नेतृत्व एसपी हरमनदीप हंस कर रहे हैं, उनके अलावा डीएसपी इन्वेस्टिगेशन बिक्रमजीत सिंह और मटौर थाने के एसएचओ राजीव कुमार भी टीम में हैं।
जिक्रयोग है कि सुमेध सैनी पर चंडीगढ़ में 29 अगस्त 1991 को बम से अटैक हुआ था। शिकायतकर्ता पलविंदर सिंह मुल्तानी ने बताया कि उसके पिता दर्शन सिंह मुल्तानी आईएएस अफसर थे। 11 दिसंबर 1991 को उसका भाई बलवंत सिंह जो जेई था, को सुमैध सैनी के नेतृव्य मे चंडीगढ़ पुलिस ले गई थी। 2 दिन बाद 13 दिसंबर 1991 को उसके भाई व अन्य साथियों पर टाडा व ऑम्र्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। थाने ले जाकर सैनी ने मेरे भाई के प्राइवेट अंगों और कानों पर करंट लगाकर लगातार थर्ड डिग्री टार्चर किया गया। उन्होंने बताया कि उसके भाई को आरोपी पुलिस वालों ने इतना मारा कि वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। इसी कारण उनके भाई बलवंत सिंह मुल्तानी की मौत हो गई। मुल्तानी ने कहा, दस्तावेजों में दिखाया गया कि उसके भाई बलवंत को कादियां ले जाया गया। इस दौरान पुलिसवाले व सीआरपीएफ टीम भी साथ थी। वहां उसे पुलिस स्टेशन में रखा था पर वह वहां से भाग गया। शिकायकर्ता का आरोप था कि टार्चर से घायल व पुलिस फोर्स होने के बावजूद कैसे भाग सकता है। उसके भाई की कस्टोडियल डेथ हो गई थी लेकिन उसे अभी भी भगोड़ा करार दे रखा है।
इससे पहले भी 2014 में पूर्व डीजीपी सैनी के साथी रहे एक पूर्व अधिकारी ने मैगजीन को इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने बलवंत सिंह मुल्तानी का जिक्र किया था कि किस प्रकार उसे यातनाएं दी गई थी। इसके आधार पर परिवार ने अपनी जंग तेज की और नतीजतन केस दर्ज हुआ था।
बतां दे कि इसके बाद परिवार ने कुछ नई चीजें व तथ्य आने के बाद मोहाली के मटौर थाने में केस दर्ज करवाया. इसमें सैनी समेत आठ लोगों पर केस दर्ज किया गया था। बलवंत सिंह मुल्तानी के भाई पलविंदर सिंह मुल्तानी और उनके परिवार ने इस मामले में काफी लंबी जंग लड़ी।