दिल्ली, 12 मई (विश्ववार्ता):
पीएम मोदी का संबोधन: नए नियमों वाला होगा लॉकडाउन 4.0.
पीएम मोदी ने किया 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान
पीएम मोदी का संबोधन: विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान कर रहा हूं
पीएम मोदी का संबोधन: कुछ असंभव नहीं, कुछ भी मुश्किल नहीं
भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा है कि
मोदी ने कहा कि ये संकट इतना बड़ा है, कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हिल गई हैं। लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने, देश ने हमारे गरीब भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति, उनकी संयम-शक्ति का भी दर्शन किया है। आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है, न सिर्फ लोकल खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है।
लाकडाउन का चौथा चरण नए नियम के तहत होगा। पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि साथियों, एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। उन्होंने देश के लिए ‘आत्म निर्भर भारत अभियान’ के नाम से आर्थिक पैकेज की घोषणा की। ये पैकेज करीब 20 लाख करोड़ का है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढऩा है। जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है। विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है- “आत्मनिर्भर भारत।
हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं
एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है। जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (क्कक्कश्व) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख क्कक्कश्व और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है। भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है। भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता। भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है।
मोदी ने कहा कि जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है। भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है। भारत के लक्ष्यों का प्रभाव, भारत के कार्यों का प्रभाव, विश्व कल्याण पर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं। इन कदमों से दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा होती है, तो हर भारतीय गर्व करता है। दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल यह है – कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प। आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पाँच Pillars पर खड़ी होगी।
20 लाख करोड़ का विशेष पैकेज
प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कडिय़ों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये
ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे रूस्रूश्व के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है।