‘आप’ विधायकों ने उच्च स्तरीय समिति गठित करने की मांग की
माहिरों व किसान-मजदूर संगठनों से विचार-विमर्श के उपरांत ही निर्धारित हो रोपाई
हालात के मद्देनजर ‘आप’ ने धान की रोपाई अग्रिम करने की वकालत
चंडीगड़, 8 मई आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने राज्य सरकार से मांग की है कि धान की रोपाई का प्रति एकड़ मूल्य सरकारी स्तर पर ऐलान किया जाए, जिससे किसानों और खेत मजदूरों के दरमियान सदियों से चली आ रही आपसी सांझ को किसी भी तरह की ठेस न पहुंचे। इसके साथ ही ‘आप’ ने कोरोना-वायरस के कारण पैदा हुए हलातों का हवाला दे कर धान की रोपाई की तिथि में ढील देने की भी मांग की है।
शुक्रवार को ‘आप’ हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी के किसान विंग के राज्य प्रधान कुलतार सिंह संधवां, एससी विंग के राज्य प्रधान मनजीत सिंह बिलासपुर और सह-प्रधान कुलवंत सिंह पंडोरी ने कहा कि धान की रोपाई (बिजाई) की प्रति एकड़ मजदूरी निश्चित करने संबंधी गांवों में किसानों और स्थानीय मजदूरों के दरमियान सफबंदी बनने की जो रिपोर्टें आ रही हैं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह इस को गंभीरता से लें, क्योंकि किसानों और स्थानीय मजदूर वर्ग के बीच किसी भी प्रकार की कड़वाहट न केवल कृषि को प्रभावित करेगी, बल्कि सदियों पुरानी सामाजिक सांझ में भी जहर घोलेगी।
‘आप’ विधायकों ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह जिनके पास कृषि मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है, को धान की रोपाई के लिए प्रति एकड़ मजदूरी (ठेका) निर्धारित करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करना चाहिए, जो कृषि क्षेत्र के माहिरों, किसान संगठनों, कामगार-मजदूर संगठनों समेत राजनैतिक दलों के किसान और मजदूर विंगों के नुमाइंदों के साथ विचार विमर्श करे और सरकारी स्तर पर प्रति एकड़ रोपाई का मूल्य ऐलान करे।
‘आप’ नेताओं ने कहा कि पचास के अलग-अलग गांवों-इलाकों में जिस तरह कड़वाहट भरी खबरें आने लगीं हैं, उनको मूलभूत स्तर पर ही रोकने के लिए सरकार को जरुरी कदम तुरंत उठाने चाहिएं।
कुलतार सिंह संधवां, मनजीत सिंह बिलासपुर और कुलवंत सिंह पंडोरी ने यह भी मांग की है कि सभी हलातों के मद्देनजर इस बार धान की रोपाई के लिए निर्धारित होने वाली तिधि में ढील दी जाए और धान की रोपाई पिछले साल की अपेक्षा आगे की जाए। उन्होंने कहा कि ‘आप’ पंजाब के पानी के कुदरती स्रोतों को बचा-बचा कर इस्तेमाल करने की पुरजोर वकालत करती है, परंतु कोरोना-वायरस के कारण पैदा हुई समूची स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार को इस बार धान की रोपाई अग्रिम शुरू करवानी चाहिए।