चंडीगढ़/06मईः पदमश्री भाई निर्मल सिंह खालसा के साथ मौत के पहले तथा बाद में हुए भेदभाव के मामले में कोई जवाब न देने के लिए पंजाब सरकार की खिंचाई करते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने आज सरकार को निर्देश दिया है कि वह तीन दिनों में अपनी कार्रवाई रिपोर्ट आयोग को सौंपे।
इसका खुलासा करते हुए शिरोमणी अकाली दल के पूर्व विधायक इंदर सिंह अटवाल ने कहा कि राज्य सरकार को अपनी कार्रवाई रिपोर्ट तत्काल देने के लिए राष्ट्रीय आयोग ने यह चेतावनी जारी की है कि यदि तीन दिनों के भीतर आयोग को रिपोर्ट प्राप्त नही होती है तो इस द्वारा सरकार को सम्मन जारी किए जाएंगे।
इससे पहले इस मामले में अकाली नेता द्वारा राष्ट्रीय आयोग के चेयरमैन प्रोफेसर राम शंकर कथेरिया को दी शिकायत के बाद आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव तथा डीजीपी को नोटिस जारी किए थे। सरदार अटवाल ने बताया कि राष्ट्रीय आयोग ने स्वर्गीय हजूरी रागी से हुए दुर्व्यवहार की समुची घटना की जांच के लिए पंजाब सरकार को एक सिट का गठन करने के लिए कहा था।
इस बारे अन्य जानकारी देते हुए सरदार अटवाल ने बताया कि एक पत्र द्वारा यह बात राष्ट्रीय आयोग के ध्यान में लाए थे कि हजूरी रागी भाई निर्मल सिंह खालसा के साथ न सिर्फ अमृतसर के सरकारी अस्पताल में उपचार करते समय भेदभाव किया गया था, बल्कि मृत्यु के बाद उनका वेरका शमशानघाट में अंतिम संस्कार होने से रोक दिया गया था। उन्होने आयोग को रागी की अपने परिवार के साथ टेलीफोन पर हुई अंतिम बातचीत के बारे बताया था कि जिसमें रागी ने खुलासा किया था कि चार घंटे से उसका कोई उपचार नही किया गया तथा उसके बचने की कोई उम्मीद नही। सरदार अटवाल ने यह भी बताया था कि किस तरह एक सरकारी अध्यापक, जोकि पंजाब प्रदेश कांग्रेस का सचिव था जिसकी पत्नी एक पार्षद थी, ने भाई निर्मल सिंह का अंतिम संस्कार रोकने के लिए वेरका के शमशानघाट को ताला लगा दिया था।
पूर्व विधायक ने आयोग को यह भी बताया था कि भाई निर्मल सिंह मजहबी समुदाय से संबध रखते थे तथा उनकी दुखद मौत ने सिख पंथ खासतौर पर दलित तथा मजहबी समुदाय को हिलाकर रख दिया है। उन्होने कहा कि हजूरी रागी के किए अपमान को पूरे समुदाय के अपमान के तौर पर देखा जा रहा है।
यह टिप्पणी करते हुए कि पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित बनाना चाहिए था कि रागी का इस ढ़ंग से अपमान न किया जाता, सरदार अटवाल ने इस मामले में इंसाफ के लिए राष्ट्रीय आयोग को जांच करने की अपील की थी।