चंडीगढ़, 9 मार्च: कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा पंजाब स्लम डवैल्रज़ (स्वामित्व अधिकार) एक्ट, 2020 लागू करने से राज्य भर के लगभग 60,000 झुग्गी-झोंपड़ी वालों को स्वामित्व अधिकारों के साथ-साथ ज़रूरी बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी।
प्रवक्ता के अनुसार हाल ही में विधानसभा में पास किया गया यह कानून शहरी झुग्गी-झोंपडिय़ों वाले क्षेत्रों की सूरत बदल देगा जिससे शहरों के सतत विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह की वचनबद्धता के अनुसार उन्होंने झुग्गी-झोंपड़ी वालों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इस एक्ट की महत्ता को दर्शाया।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने झुग्गी-झोंपड़ी वालों को कानूनी प्रक्रिया के द्वारा बेदख़ल करने की महँगी और भारी प्रक्रिया को चुनने की बजाय उनके लिए नागरिक सुविधाओं को यकीनी बनाने सम्बन्धी कानून लाने का फ़ैसला किया था। इसके अलावा, झुग्गी-झोंपड़ी वालों के कब्ज़े वाली ज़मीन के बड़े हिस्से से कोई राजस्व पैदा न होने से सरकार ने महसूस किया कि इसको खाली करना ज़रूरी नहीं है। इस समय राज्य के 29 शहरों में लगभग 60,000 झुग्गी-झोंपड़ी निवासी 89 झुग्गियों में रह रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि यह कानून झुग्गी-झोंपड़ी वालों के सर्वपक्षीय विकास को यकीनी बनाने के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने में बहुत सहायक सिद्ध होगा। प्रवक्ता ने कहा कि नया कानून किसी भी शहरी क्षेत्र में झुग्गी में रहने वालों को उनके कब्ज़े अधीन ज़मीन पर निवास का अधिकार देगा। अगर ज़मीन के उसी टुकड़े पर उनके निपटारे को यकीनी बनाना संभव न हुआ तो झुग्गी झोंपड़ी वालों को राज्य सरकार द्वारा पहचान किये अनुसार वैकल्पिक ज़मीन पर सैटल कर दिया जायेगा।
प्रवक्ता के अनुसार सम्बन्धी नगरपालिकाओं की तरफ से एक प्रस्ताव के द्वारा इस कानून को अपनाने के बाद झुग्गी-झोंपड़ी वालों की सेटलमेंट के साथ ही उनको ज़मीन का स्वामित्व हक मिल जायेगा। एक्ट के अनुसार, झुग्गी-झोंपड़ी वालों को ज़मीन के स्वामित्व अधिकार विरासत में मिलेंगे परन्तु 30 सालों के लिए तबदील नहीं किये जा सकेंगे।
इस एक्ट की एक ख़ास विशेषता यह है कि अगर विवाह हुआ है तो उस केस में ज़मीन के मालीकाना हक दोनों पति-पत्नी के सांझे नाम पर तबदील किये जाएंगे।
इसके अलावा एक्ट के अनुसार यदि इस समय पर झुग्गी-झोंपड़ी वालों के कब्ज़े अधीन ज़मीन, सरकार या इसके कानूनी बोर्ड या निगम की है, तो सरकार की सहमति के बाद उनको वहाँ बसाया जा सकेगा।
अगर झुग्गी निवासी ई.डब्ल्यू.एस. श्रेणी से सम्बन्धित है तो ज़मीन का राजस्व अधिकार मुफ़्त दिया जायेगा जब कि ग़ैर ई.डब्ल्यू.एस. श्रेणी के लिए स्वामित्व सम्बन्धी यह अधिकार सरकार द्वारा समय-समय पर तय रेटों के अनुसार दिया जायेगा।
झुग्गी-झोंपड़ी वालों के लिए समूची प्रक्रिया को परेशानी-मुक्त करने के लिए एक्ट के अंतर्गत बड़ी संख्या में दस्तावेज़ उचित माने गए हैं, जिससे निवासियों को ज़मीन के कब्ज़े के सबूत मुहैया करवाए जा सकें।
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