चण्डीगढ़, 4 मार्च 2020 बजट सत्र के अंतिम दिन आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने शून्य काल के दौरान रेत माफिया, इंटरलॉक टाइल माफिया, आईलैटस फीसें, आंगणवाड़ी वर्करों और फर्जी व डम्मी दाखिलों जैसे मुद्दे उठाए।
विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने सदन में दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि सरकार एक तरफ खजाना खाली-खाली कहती है, दूसरी तरफ खजाना भरने वाले स्रोतों को माफिया के हवाले कर रखा है। चीमा ने रोपड़ जिले की सवाड़ा, बेईहारा और हर्षा बेला खड्ढों के लिए ठेकेदारों से वसूली जाने वाली 632 करोड़ की रिकवरी पिछले 2 सालों से वसूल नहीं रही।
हरपाल सिंह चीमा ने सडक़ों और गलियां पक्की करने के लिए इस्तेमाल की जाती इंटरलॉक टाइलों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक अन्य नई किस्म का ‘इंटरलॉक टाइल माफिया’ सरकारी खजाने को लूट रहा है। उन्होंने कहा कि एक इंटरलॉक टाइल की कीमत 5 रुपए बनती है जबकि 13 रुपए तक दी जा रही है। चीमा ने इस में विधायकों और अफसरों की मिलीभुगत है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में उतनी आईएसआई मार्का टाइल फैक्टरियां नहीं जितनी पंजाब में हैं। जिनमें विधायकों व उनके साथियों की बड़ी गिणती में हैं।
नेहाल सिंह वाला से विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर ने आंगणवाड़ी वर्करों और हैल्परों के मेहनताने का मुद्दा उठाते हुए बताया कि पंजाब सरकार सैंकड़ों आंगणवाड़ी वर्करों और हैल्परों को पिछली अक्तूबर से मेहनताना नहीं दे रही, जो तुरंत दिया जाना चाहिए।
जगरावां से विधायक सरबजीत कौर माणूंके ने फिरोजपुर के प्राईवेट गुरू नानक कालेज का मुद्दा उठाते हुए कहा कि केवल 3 एकड़ के इस कालेज में करीब 5600 विद्यार्थी दाखिल हैं जबकि 100 एकड़ में बनी पंजाब यूनिवर्सिटी में 4600 विद्यार्थी हैं। उन्होंने जांच की मांग करते कहा कि यह दाखिले फर्जी और डम्मी हैं और विद्यार्थियों के साथ धोखा है