मीटिंग में निर्णय सभी वर्गों के लोगों द्वारा लिया गया क्योंकि इस फिल्म में समाज के एक वर्ग के बारे में गलत दिखाया गया है। इस फिल्म में महाराजा सूरजमल के चरित्र को तोड़-मरोड़ कर दर्शाया गया है जबकि महाराजा सूरजमल एक महान योद्धा व चरित्र के धनी थे। उनके चरित्र से किसी भी समाज के वर्ग को नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने हमेशा प्रत्येक वर्ग के बारे में सोचा। इसके लिए उनको आज भी लोगों द्वारा पूजा जाता है।
चैधरी टेकराम कंडेला ने कहा कि महाराजा सूरजमल एक महान व्यक्ति थे, उनका अपमान कोई भी समाज का वर्ग सहन नहीं कर सकता। इस फिल्म से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार किसी को भी नहीं है।
श्री कंडेला ने कहा कि सभी प्रतिनिधि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय प्रसारण बोर्ड से निवेदन करते हैं कि इस फिल्म के प्रसारण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए।
इस अवसर पर उनके साथ ढुल खाप के प्रतिनिधि, श्री सुभाष बडसिकरी, 84 खाप के प्रतिनिधि, दयानंद ष्योराण, सिवाच खाप के प्रतिनिधि सुनील सिवाच, हजूरा सिंह प्रधान भाकियू, भीरा दालमवाला पूर्व सरपंच, मनोज रेडू, वजीर पंच, सुधीर पंच राममेहर कंडेला, देवेन्द्र उर्फ काला व अन्य लोग उपस्थित थे।
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