3300 से ज्यादा सिखो ,सिखनियों व बच्चों को जिंदा जलाने वाली पार्टी की भूमिका पर पंजाब कांग्रेस व कैप्टन अमरिंदर स्टैंड स्पष्ट करे : चुघ.
चण्डीगढ. 5 दिसंबर (विश्व वार्ता) – भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मन्त्री तरूण चुघ ने बयान जारी कर कहा की 30 साल तक जांच की आंच से बचने की कवायद में जुटी कांग्रेस पार्टी ने 1984 के सिखों के सामूहिक कत्लोगारद में शामिल लोगो पर प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा बन्द पडी फाइलों को पुनः खोलने के फैसले से प्रभावित होकर 3300 से ज्यादा सिखो ,सिखनियों व उनके बच्चों के कत्ल की जिम्मेवारी का ठीकरा तत्कालीन गृहमन्त्री नरसिम्माराव पर फोडने की नई पैतरेबाजी शुरू की है।
चुघ ने इस सन्दर्भ में पूर्व प्रधानमन्त्री स.मनमोहन सिंह द्वारा दिये बयान को गान्धी परिवार की घोर चाटुकारिता बताते हुये कहा की जब दिल्ली समेत अन्य राज्यों में सिखों का कत्लोगारद हो रहा तब पूर्व प्रधानमन्त्री स.मनमोहन सिंह 1982 से 85 तक भारतीय रिर्जव बैंक के गवर्नर के पद पर तैनात थे। स.मनमोहन सिंह ने उस समय सिखो के जख्मों पर मरहम लगाने की अपेक्षा अपने पद पर बने रह कर गान्धी परिवार की नजरों में उनका हमदर्दी होने की अपनी छवि को मजबुत करना ही उचित समझा था।
चुघ ने कहा की सिख दंगो पर उनकी चुप्पी ने अपना असर दिखा कर कालान्तर में उन्हें देश का वितमन्त्री व प्रधानमन्त्री पद देकर गान्धी परिवार ने उनकी परिवार के प्रति वफादारी का अहसान अदा किया।
चुघ ने स.मनमोहन सिंह द्वारा सिख कत्लोगारद का ठीकरा नरसिम्मा राव पर फोडने की कवायद को उनकी गुलाम मानसिकता बताते हुये स.मनमोहन सिंह को स्मरण करवाया की सिखो के नरंसहार के समय राजीव गान्धी ने रामलीला मैदान से कहा था की जब बडा पेड गिरता है तो धरती हिलती है।
चुघ ने कहा की देश व राजधानी दिल्ली में सिखो का व्यापक कत्लोगारद गान्धी परिवार की सलिप्तता के बिना असम्भव था। पूर्व प्रधानमन्त्री स.मनमोहन सिंह को आगाह करते हुये चुघ ने कहा की मोदी सरकार 2.0 के कार्यकाल में सभी दोषियों उनके सरंक्षको को कानून की मर्यादा में सजा मिलने की प्रक्रिया को गुलामी मानसिकतावाले बयानो से नही रोका जा सकता।
चुघ ने पंजाब कांग्रेस व मुख्यमन्त्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से कहा की स.मनमोहन सिंह के ताजा बयान पर अपना स्टैण्ड स्पष्ट करें।