महिला किसान यूनियन ने रबी की सभी क्षतिग्रस्त फसलों के लिए 50,000रुपये प्रति एकड़ के मुआवजे की मांग की
जालंधर, 4अप्रैल ( विश्व वार्ता) महिला किसान यूनियन ने पंजाब में भारी बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से खराब हुई रबी की सभी तरह की फसलों, फल और सब्जियों के लिए प्रति एकड़ 50हजार रुपये मुआवजे की मांग की है। इसके अलावा, यूनियन ने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से किसानों को कम से कम 10,000रुपये प्रति एकड़ की राहत देने की घोषणा करने को कहा है।
एक बयान में महिला किसान यूनियन की अध्यक्ष बीबा राजविंदर कौर राजू ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार को मध्य प्रदेश में गेहूं और अन्य अनाज की खरीद के दौरान बारिश के कारण दाने खराब होने संबंधी मानक नियमों में ढील देने की तर्ज़ पर केंद्र सरकार पास मामला उठाने के लिए कहा है।
उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से मांग की है कि वह खराब मौसम के कारण क्षतिग्रस्त सभी रबी की फसलों के खरीद मूल्य पर 500रुपये प्रति क्विंटल के बोनस की तत्काल घोषणा करे, क्योंकि मौजूदा सीजन के दौरान रबी की फसलों की पैदावार कृषि विशेषज्ञों और संस्थान की भविष्यवाणी के मुताबिक अनुमानित मानकों से काफी नीचे आ जाएगी।
राज्य में 75-100प्रतिशत फसल नुकसान के लिए केवल 15,000रुपये प्रति एकड़ के मुआवजे की घोषणा करने के लिए AAP सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए, बीबा राजू ने कलाकार से मुख्यमंत्री बने भगवंत मान को याद दिलाया कि “आपने दिल्ली सरकार की तर्ज पर गिरदावरी (आधिकारिक आकलन सर्वेक्षण) से पहले ही किसानों को प्रति एकड़ 20,000रुपये मुआवजे की गारंटी अपने घोषणापत्र में दी थी, लेकिन आप पंजाबियों से कुर्सी के लिए बड़ा फतवा लेकर अब वादे निभाने से मुकर गए हैं”।
पिछले फैसलों का खुलासा करते हुए महिला किसान नेता ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा अक्टूबर 2021में क्षति मुआवजा 12हजार रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 15हजार रुपये प्रति एकड़ किया गया था, लेकिन किसानों के असंतोष के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री ने नवंबर 2021में 75-100प्रतिशत फसल नुकसान के मामले में इस मुआवजे को बढ़ाकर 17,000रुपये प्रति एकड़ कर दिया था। उन्होंने कहा, “किसान यह समझने में विफल रहे हैं कि भगवंत मान की सरकार ने किसानों को हुए नुकसान के मुआवजे में कौन सी वृद्धि लागू की है, लेकिन यह जरूर समझ गए हैं कि आप की सरकार चुनावी घोषणा पत्र में दी गई ‘गारंटियों‘ से पीछे हट गई है।”
बीबा राजू ने राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर यह रिमोट सेंसिंग या ‘जियो-टैगिंग‘ के माध्यम से धान की पराली (ठूंठ) को जलाने का पता लगा सकती है, तो आप सरकार को खराब मौसम के कारण फसल क्षति का आकलन करने से कौन रोक रहा है?”।
महिला नेता ने देश के किसानों के साथ सौतेली माँ की तरह व्यवहार करने के लिए भी भगवा पार्टी को भी दोषी ठहराया क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार ने चुनाव को देखते हुए मध्य प्रदेश राज्य के लिए तत्काल राहत उपायों की घोषणा कर दी है, लेकिन भारी बारिश, तूफान और ओलावृष्टि से प्रभावित पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को सबक़ सिखाने के लिए उनकी पूरी तरह उपेक्षा की है जिन्होने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था।