यह समय किसानों के पक्ष में डटने वाले कैप्टन अमरिन्दर सिंह का साथ देने काः राजिन्दर सिंह बडहेड़ी
चंडीगढ़ 21 अक्टूबर ( विश्व वार्ता )-पंजाब मण्डी बोर्ड के निदेशक राजिन्दर सिंह बडहेड़ी, जो कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्त्व के अंतर्गत किसानों के हमदर्द संगठन जट्ट महासभा के राष्ट्रीय डैलीगेट एवं चण्डीगढ़ के राज्य अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि कैप्टना अमरिन्दर सिंह सदा किसानों एवं सिक्खों के अधिकारों के लिए खड़े हुए हैं। आज उन्होंने किसानों के पक्ष में पंजाब विधान सभा में प्रस्ताव पारित किए हैं तथा केन्द्रीय सरकार के बनाए हुए बिल रद्द कर के पंजाब का सच्चा सपूत होने का प्रमाण दिया है।
श्री बडहेड़ी ने कहा कि हमें गर्व है कि कैप्टन साहिब ने 1984 में अपनी पार्टी कांग्रेस व लोक सभा की सदस्यता से भी त्याग-पत्र दे दिया था। वर्ष 1986 में पंजाब की बरनाला सरकार के ‘ब्लैक थण्डर’ के विरोध में मंत्री का पद त्याग दिया था। अंततः 2004 में जल की रक्षा हेतु पंजाब विधान सभा में प्रस्ताव पारित करवा दिया था। इस बार भी वह डटे हुए हैं, हर बार किसानों के पक्ष में ही खड़े होते हैं।
श्री बडहेड़ी ने आगे कहा कि विरोधियों का काम होता है – आम लोगों को अपनी पीछे लगाना, जो भाजपा के गिरगिट के तरह रंग बदलने की तरह है। किसानों ने जब पंजाब में चक्का जाम करने की घोषणा की, तो भी सहयोग दिया। जबकि सत्य यह है कि कृषि विधेयकों के पारित करने के कारण पंजाबी किसान एवं सिक्ख भाजपा से घृणा करने लगा है क्यों 1996 से लेकर अब तक भाजपा नेताओं ने पंजाब एवं सिक्ख कौम का कोई कल्याण नहीं किया, केवल अपना व्यापार ही बढ़ाया। अतः पंजाब का कृषक् समुदाय एवं सिक्ख कौम को आवश्यकता है कि प्रत्येक पंजाबी अपने निडर नेता कैप्टन अमरिन्दन सिंह के साथ डट के खड़ा हो तथा केन्द्र के इन अध्यादेशों का विरोध करे।
श्री राजिन्दर सिंह बडहेड़ी ने आगे कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने घोषणा की हक् कि उनकी पाटी व पंजाब सरकार किसानों के समर्थन में हैं तथा न ही एमएसपी बन्द होने देंगे तथा न ही कृषि अध्यादेश क्रियान्वित होने देंगे। उन्होंने आज अपना वायदा सत्य करके दिखला दिया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह कानूनी लड़ाई भी लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। आवश्यकता पड़ने पर मुख्य मंत्री का पद त्यागने की भी घोषणा की है, जो बहुत बड़ा निर्णय है व सराहनीय है।