गाजियाबाद,21 अक्टूबर (विश्ववार्ता) :
हाथरस में दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी की घटना को लेकर वाल्मीकि समुदाय के लोग बेहद आहत हैं. यूपी सरकार और प्रशासन की नाराजगी की वजह से 14 अक्टूबर को गाजियाबाद जिले में वाल्मीकि समुदाय के करीब 236 लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया. यह पूरा मामला गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र के करहैड़ा इलाके का है. जहां पर डॉ. बीआर अंबेडकर के पड़पोते राजरत्न अंबेडकर ने 50 परिवारों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलाई.
परिवार का आरोप है कि ये लोग हाथरस कांड से काफी ज्यादा आहत हुए हैं. लगातार आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद, इनकी कहीं सुनवाई नहीं होती है. हर जगह इनकी अनदेखी की जाती है. बीती 14 तारीख का वो वीडियो भी सामने आया है, जिसमें राजरत्न आंबेडकर इन लोगों को बौद्ध धर्म की शिक्षा दे रहे हैं.
हिंडन एयरबेस के करीब साहिबाबाद थाना क्षेत्र में वाल्मीकि समाज की बस्ती हैं. जहां काफी संख्या में दलित और वाल्मीकि समाज के लोग रहते हैं. बीते 14 तारीख को यहां करीब 236 लोगों ने हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली. जिनमें से अधिकतर वाल्मीकि समाज से हैं, जबकि कुछ दलित समाज से हैं. इन्हें भारतीय बौद्ध महासभा की तरफ से एक प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है.
बौद्ध धर्म अपनाने वाले लोगों के बीच हाथरस में हुई घटना को लेकर काफी नाराजगी है. इसके आलावा पुलिस ने जिस तरह से रात के अंधेरे में पीड़िता का अंतिम संस्कार किया, उसको लेकर भी इनके मन में काफी नाराजगी है. इसके अलावा खराब आर्थिक स्थिति और बेरोजगारी को भी धर्म परिवर्तन की मुख्य वजह बताई गई है. ये लोग मौजूदा सरकार से भी बेहद नाराज हैं.