बहिबलकलां गोलीकांड मामला:
पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी पर एक के बाद एक लगातार शिंकजा कसता हुआ
अब बहिबल गोलीकांड मामले मे हुए नामजद
चंडीगढ 11 अक्तूबर (विश्ववार्ता): पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी पर लगातार कानून का शिकंजा कसता जा रहा है बेशक कानून का रखवाला हर बार नये पैंतरे चल रहा है लेकिन हर बार पूर्व डीजीपी के पैंतरो पर नई मुसीबत आ खडी हो जाती हैै। बहिबलकलां गोलीकांड मामले की जांच कर रही एसआईटी ने पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को नामजद कर लिया है।
इस मामले में पूर्व डीजीपी सैनी का नाम इरादतन हत्या, आपराधिक साजिश और हथियार अधिनियम जैसी धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। बहिबलकलां गोलीकांड मामले मे पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को प्रमुख साजिशकर्ता माना गया है। इस मामले में अदालत ने एसआईटी के प्रमुख सदस्य आई.जी कुंवर विजय प्रताप सिंह को जिला और सत्र न्यायाधीश सुमित मल्होत्रा की अदालत ने प्रदीप सिंह को एक वायदा माफ गवाह बनाने पर अपनी स्थिति जानने के लिए बुलाया था जहां उन्होंने कहा था कि एसआईटी सीबीआई की जांच के अनुसार पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और उमरंगलाल मुख्य साजिशकर्ता भी थे। उन्होंने अदालत को यह भी बताया था कि न केवल प्रदीप सिंह का बयान, बल्कि एसआईटी का भी इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि सैनी और उमरंगल मामले में साजिशकर्ताओं में शामिल थे।
पूर्व डीजीपी सैनी सहित परमराज सिंह उमरानंगल को भी मुख्य दोषी माना गया है और उन्हे इसी मामले में गिरफ्तार और निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले भी कोटकपूरा व बहिबलकलां गोलीकांड के मामले में एसआईटी टीम पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी से पूछताछ कर चुकी है।
आपको बतां दे कि बहिबल कलां गोलीकांड में घटना वाले दिन 14 अक्तूबर 2015 को दो नौजवानों की मौत हो गई थी जो बरगाड़ी बेअदबी मामले के विरोध में सिख जत्थेबंदियों द्वारा दिए जा रहे शांतिपूर्ण धरने में शामिल थे। उस समय मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने जिप्सी पर फायरिंग के निशान का हवाला देते हुए तर्क दिया था कि घटना के समय प्रदर्शनकारियों ने उनकी गाडिय़ों पर फायरिंग की थी जिसके बचाव में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी। एसआईटी ने अपनी पड़ताल में पाया है कि गोलीकांड की घटना के बाद अपना बचाव करने के लिए आरोपी पुलिस अधिकारियों ने झूठी कहानी गढ़ी थी और सुहेल सिंह बराड़ ने जिप्सी को फरीदकोट स्थित अपने घर लाकर उस पर फायर किया था।