सतलुज यमुना लिंक नहर को लेकर एक बार फिर पंजाब और हरियाणा के सीएमो के बीच होगी अहम बैठक
एसवाईएल मुद्दे पर को धरातल पर उतारने के लिए बैठक में केंद्र भी करेगा मध्यस्थता
चंडीगढ, 14 दिसंबर (विश्ववार्ता) सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) के निर्माण को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को धरातल पर उतारने के लिए केंद्र सरकार ने प्रक्रिया आरंभ कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि हरियाणा में एसवाईएल नहर का निर्माण कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। इसके लिए केंद्र सरकार नोडल एजेंसी नियुक्त कर सकती है। पंजाब सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आगे बढऩे में दिलचस्पी नहीं दिखाए जाने के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र शेखावत ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है।
चंडीगढ़ में यह बैठक 28 दिसंबर को शाम चार बजे होगी, जिसमें हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों समेत बाकी अधिकारी भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसवाईएल नहर का निर्माण होना है तो होकर रहेगा। इसमें किसी तरह का कोई शक नहीं है। पंजाब बार-बार यह कहकर एसवाईएल नहर के निर्माण से भागता है कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है, लेकिन असली मुद्दा पानी के बंटवारे का नहीं, बल्कि एसवाईएल नहर के बनाने का है।
गौरतलब है कि दो महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर विवाद पर पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से इस मुद्दे पर राजनीति न करने को कहा और यह भी कहा कि पंजाब सरकार कानून से ऊपर नहीं है, सुप्रीम कोर्ट को सख्त आदेश जारी करने के लिए मजबूर न करें। सुप्रीम कोर्ट पंजाब सरकार के रवैये से बेहद नाराज था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार को आगे बढऩे का आदेश दिया था। अगर सुप्रीम कोर्ट समाधान की ओर बढ़ रहा है तो पंजाब सरकार को भी रचनात्मक रवैया दिखाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हुए घटनाक्रम पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई अब जनवरी 2024 में होगी।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने सुनवाई के दौरान कहा था कि यह विवाद दो दशकों से चल रहा है. पंजाब सरकार इस समस्या का समाधान नहीं करना चाहती. पिछली 2 बैठकों में कोई समाधान नहीं निकला. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पंजाब की ओर एसवाईएल नहर की वर्तमान स्थिति का सर्वेक्षण करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। जिसमें यह देखना है कि कितनी जमीन है और कितनी नहर बनी है। इस सर्वे के दौरान पंजाब सरकार को सहयोग करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से सर्वे के लिए केंद्र से आने वाले अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है।