सुप्रीम कोर्ट में लगी कडी फटकार के बाद फिर बाबा रामदेव ने मांगी माफी
पढिये सुप्रीम कोर्ट में बार-बार माफी क्यों मांग रहे बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण?
चंडीगढ़, 10 अप्रैल (विश्ववार्ता) योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने अपने उत्पादों को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली कंपनी द्वारा जारी विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। अदालत में दायर दो अलग-अलग हलफनामों में, रामदेव और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत के पिछले साल 21 नवंबर के आदेश में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए भी माफी मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई मौकों पर फटकार लगाए जाने के बाद, योग गुरु रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने भ्रामक विज्ञापन मामले में दिए गए वचन का पालन नहीं करने के लिए अदालत से बिना शर्त माफी मांगी है।
2 अप्रैल को, अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण को एक सप्ताह के भीतर उचित हलफनामा दाखिल करने का “अंतिम अवसर” दिया था और कहा था कि उनके द्वारा दायर की गई पहले की माफी “अधूरी और महज दिखावा” थी।
पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल 21 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करेगी, खासकर उसके द्वारा निर्मित और विपणन किए गए उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग से संबंधित कानून का उल्लंघन नहीं करेगी। कंपनी ने यह भी आश्वासन दिया था कि “औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाला या चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई भी आकस्मिक बयान किसी भी रूप में मीडिया में जारी नहीं किया जाएगा”।योग गुरु और बालकृष्ण ने लिखा है, “मैं विज्ञापनों के मुद्दे के संबंध में बिना शर्त माफी मांगता हूं… मुझे इस गलती पर खेद है और मैं माननीय अदालत को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इसे दोहराया नहीं जाएगा। मैं इस माननीय न्यायालय के दिनांक 21.11.2023 के आदेश के पैरा 3 में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए बिना शर्त और अयोग्य माफी मांगता हूं।”