*कहा कि पंजाब में लाभ देकर लागू हुई ऐसी फसली विविधता से मजदूरों की कमी तथा जमीनी पानी घटने की समस्याओं का समाधान हो जाएगा*
*सरकार को धान की बिजाई 1 जून से करने के लिए दिए सुझाव पर अमल करने के लिए कहा*
*चंडीगढ़/08मईः* शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अनुरोध किया है कि वह राज्य में फसली विविधता को प्रोत्साहन देनेे के लिए धान को छोड़कर मक्की समेत वैकल्पिक फसलें बीजने वाले सभी किसानों को हरियाणा की तर्ज पर 10 हजार रूपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्रदान करें।
यहां एक प्रेस बयान करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से यह घोषणा करने के लिए कहा कि मक्की की फसल न्यूनतम समर्थन मुल्य पर सरकार द्वारा खरीदी जाएगी, जिस तरह कि फसली विविधता की स्कीम को सफल बनाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किया गया है। उन्होने कहा कि धान की बिजाई के सीजन के दौरान मजदूरों की कमी तथा घट रहे जमीनी पानी की समस्या के मुद्दे का समाधान करने के लिए यह दोनो कदम बहुत आवश्यक हैं। उन्होने कहा कि सरकार को जमीनी पानी का स्तर ऊंचा उठाने के लिए ज्यादा पानी खींच चुके ब्लॉकों में इस स्कीम को लागू किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि उन्हे विश्वास है कि कंडी क्षेत्र समेत जिन क्षेत्रों में पारंपरिक तौर पर धान नही बीजा जाता था, वहां के किसान इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। उन्होने धान की बिजाई शुरू होने से पहले ही एक ऐसी किसान समर्थक योजना लाने के लिए हरियाणा सरकार की सराहना की।
इस दौरान सरदार बादल ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की कि पंजाब सरकार धान की बिजाई 1 जून से शुरू करवाने संबधी उनके सुझाव पर किसानों के साथ चर्चा नही की है। उन्होने कहा कि धान की बिजाई अगेती करने के दो फायदे होंगे। एक तो इससे पंजाब में मौजूद मजदूरों से धीरे धीरे धान की बिजाई हो जाएगी। दूसरे इससे प्रवासी मजदूरों को यहां रहने की प्रेरणा मिलेगी क्योंकि धान की नर्सरी तैयार करने का काम तुरंत शुरू हो जाएगा।
सरदार बादल ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि वह हस्तक्षेप देकर यह सुनिश्चित बनाएं कि यदि किसान पूसा-44 बीजते हैं तो इसकी बिक्री में कोई समस्या नही आएगी। उन्होने कहा कि पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी, लुधियाना इसे अपनी सिफारिश की किस्मों की सूची से हटा चुकी है तथा किसानों को डर है कि इसे सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा नही जाएगा, क्योंकि यह पकने में 20 दिन अतिरिक्त लेती है। उन्होने कहा कि इस कारण सर्दियां शुरू होते ही इस किस्म में नमी की मात्रा बढ़ जाती है। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि यदि धान की बिजाई अगेती कर दी जाती तो इस किस्म को आसानी से बीजा जा सकता है तथा सबसे ज्यादा झाड़ देने वाली इस किस्म के लिए ऐसा करना आवश्यक है। उन्होने कहा कि इसके अलावा किसान करोड़ों रूपये का पूसा-44 का बीज खरीद चुके हैं।
अकाली दल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि वह राज्य में धान बीजने वाली मशीनों तथा धान की सीधी बिजाई करने वाली मशीनों की गिनती बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं ताकि मजदूरों की कमी को कुछ हद तक मशीनों से पूरा किया जा सके। उन्होने कहा कि किसानों को धान बीजने वाली मशीनों पर 75 फीसदी सब्सिडी पर दी जानी चाहिए।उन्होने कहा कि सरकार को ट्रांसप्लांटरज् खरीदने चाहिए तथा सहकारी कॉपरेटिव सोसायटीज् को देने चाहिए ताकि किसान इनका उपयोग कर सके।
सरदार बादल ने कहा कि कितने अफसोस की बात है कि सब्जी उत्पादकों की परेशानियां दूर करने के लिए कुछ नही किया गया है, जोकि कोविड-19 संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होने कहा कि उन्हे सीधा मुआवजा देने के अलावा, सरकार को दूध का खरीद मुल्य भी तत्काल बढ़ाना चाहिए ताकि बढ़ी लागतों के कारण डेयरी उत्पादकों के हुए नुकसान की भरपाई हो सके।