शिरोमणी अकाली दल ने 7 पार्टियों की अगुवाई करते हुए राष्ट्रपति से एनडीए सरकार को संसद में तीनों खेती कानूनों को निरस्त करने पर चर्चा करने का निर्देश देने की अपील की
पार्टियों ने राष्ट्रपति को लिखा कि सरकार खेती कानूनों पर विपक्ष द्वारा पेश किए गए स्थगन प्रस्तावों पर चर्चा करने से इंकार कर रही इसीलिए उन्हे संसद में परेशान करने वाली स्थिति पर चर्चा करने के लिए समय दिया जाए
चंडीगढ़/27जुलाई: शिरोमणी अकाली दल ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर तीनों खेती कानूनों को निरस्त करने की मांग पर चर्चा करने के लिए केंद्र पर दबाव डालने की अपील की।
छह अन्य पार्टियों के साथ शिरोमणी अकाली दल ने भी राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वे उन्हे संसद में एनडीए सरकार के अड़ियल रवैये के बारे में उन्हे अवगत कराने के लिए समय दिया जाए, जो तीनों खेती कानूनों पर सभी चर्चाओं को होने नही दे रही है।
इस पत्र पर उनकी पार्टी की ओर से बहुजन समाज पार्टी(बसपा), राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), सीपीआई-एम, सीपीआई, आरएलपी तथा जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधियों के अलावा शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने हस्ताक्षर किए हैं, साथ ही इसमें पेगासेस स्पायवेयर मामले में जांच की जरूरत पर चर्चा की मांग की है।
पूर्व मंत्री सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को जानकारी दी कि वे खेती संबधी काले कानूनों को रदद करने पर चर्चा की मांग को लेकर स्थगन की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन सरकार इस संवेदनशील मुददे पर चर्चा की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। पत्र में कहा गया है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के दौरान हुई मानवीय त्रासदी जिसमें 550 से अधिकों को जानें गंवानी पड़ी है। ‘‘खेती क्षेत्र को कारपोरेटस को सौंपने के उददेश्य से बनाए गए तीनों काले कानूनों के कारण लाखों लोगों की आजीविका खतरे में हैं, लेकिन एनडीए सरकार इस मामले में लापरवाही दिखा रही है। हम आपसे अपील करते हैं कि केंद्र सरकार को तीनों कानूनों को निरस्त करने का निर्देश दिया जाए और फिर किसानों के साथ बातचीत की जाए ताकि उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की जा सके’’।
पत्र में कहा गया है कि एनडीए सरकार के ज्ञात विरोधियों के अलावा राजनेताओं , पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के टेलीफोन नंबरों को टेप करने के लिए पेगासेस साफ्टवेयर के इस्तेमाल से सारे समाज को हैरान करके रख दिया है। ‘‘ यह एक ज्ञात तथ्य है कि इजरायली कंपनी एनएसओ साॅफ्टवेयर केवल जांच के बाद ही सरकारोें को बेचता है और कंपनी ने इस तत्थ्य को स्वीकार किया है। इन खुलासों के बावजूद केंद्र सरकार इस बात का खुलासा करने से इंकार कर रही है , कि उसने इस तरह का उपयोग करने के लिए किए गए भुगतानों के विवरण का खुलासा करने के अलावा अपने नागरिकों के खिलाफ इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था। एनडीए सरकार ने भी इस पूरे मामले की जांच कराने से इंकार कर दिया है’’।