चंडीगढ़ 10 मई( विश्व वार्ता)- हरियाणा के सोनीपत जिले में कथित तौर पर हुए शराब घोटाले को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज में तो पहले से ही ठन गई थी परन्तु अब सभी के बयानों में विरोधाभास आने से विपक्ष को इस बात का तमाशा देखने का मौका मिल गया है।साथ ही यह मामला अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के लिए भी गले की फांस बन गया है क्योंकि श्री विज ने जांच हेतु जो एसआईटी गठित करने का फैसला लिया है उसमें मुखिया के तौर पर सबसे ऊपर डॉ अशोक खेमका का नाम लिखा है और श्री खेमका के नाम पर सहमति नहीं बन रही। श्री खट्टर के लिए इस आईएएस का नाम सबसे ऊपर होना गले की फांस के बराबर है क्योंकि पहले से ही श्री खेमका का मुख्यमंत्री कार्यालय से छतीस का आंकड़ा रहा है।सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने एसआईटी का मुखिया खेमका को बनाने से एक प्रकार से इंकार करने का फैसला लिया है। इस बात की खबर सभी को है कि यदि खेमका के पास जांच आ गई तो वह किसी को भी बकने वाले नहीं है क्योंकि उन्होंने तो कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के जमीन के सौदों की भी खाट खड़ी कर दी थी हालांकि वाड्रा मामले में श्री खेमका द्वारा निभाई गई भूमिका को भारतीय जनता पार्टी ने तब कैश करने का पूरा पूरा प्रयास किया था परंतु श्री खेमका के मन में इस बात को लेकर काफी रोष दिखाई पड़ता है कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद भी उन्हें साइडलाइन रखा जबकि अनिल भेजी श्री खेमका की कार्यप्रणाली को कुछ हद तक समर्थन देते हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि सोनीपत शराब घोटाला ‘दाल में काला’ या फिर ‘दाल ही काली’ है। दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि अनिल विज को एसआईटी गठन के लिए कहा। अनिल विज कहते हैं कि ऐसा कोई अनुरोध नही आया। विज अशोक खेमका के नेत्रत्व वाली एसआईटी से जाँच चाहते हैं। खट्टर अनिल विज की जाँच पर निर्णय नही लेते। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक किसी की बात न मान पुलिस अधीक्षक रोहतक से जाँच करवा रहे हैं और खट्टर साहेब मौन हैं।
उपमुख्यमंत्री चौटाला के लिए परेशानी की बात यह है कि उनके ताया व इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने गृह मंत्री अनिल विज का समर्थन किया है। उन्होंने खा है कि श्री विज ने राजनीती से ऊपर उठ कर माना है कि लाकडाउन के समय पुलिस व इक्साइज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से शराब की तस्करी हुई है जिस की जांच के लिए एसआईटी बना दी गई है। इनेलो नेता ने कहा कि हमें गृह मंत्री की कार्यप्रणाली पर पूरा भरोसा है कि वह दूध का दूध पानी का पानी अलग कर देंगे और गृह मंत्री ने यह भी कहा है कि जांच में अगर कोई दोषी पाया गया तो वह कदाचित् नहीं बख्शा जाएगा, बेशक कोई कितने भी ऊंचे पद पर तैनात हो। अभय ने एक प्रकार से अपने भतीजे को कटघरे में खड़ा कर दिया है क्योंकि आबकारी विभाग उसके पास है।
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