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-‘आप’ ने दी अमरिन्दर सिंह और सुखबीर सिंह बादल के बयानों पर तीखी प्रतीक्रिया
-कहा, पंजाब के किसानों को न-समझ न समझें राजा और बादल
🏼-नेतृत्व करने के मिले अवसरों की मुख्य मंत्री ने नहीं की कदर – ‘आप’
चण्डीगढ़, 25 सितम्बर 2020 (विश्ववार्ता):आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह और अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की ओर से कृषि बिलों के बारे में की जा रही बयानबाजी पंजाब के लोगों खास करके किसान संगठनों को सुचेत रहने की अपील की है।
पार्टी हेडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा भगवंत मान ने कहा की अमरिन्दर सिंह और बादल पंजाब के लोगों के साथ कदम-कदम पर धोखा करने की ताक में रहते हैं और गुमराह करने वाली बयानबाजी करते हैं, जिस का एक मात्र मकसद सत्ता सुख भोगना है।
भगवंत मान मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह को घेरते कहा, ‘‘आज मुख्य मंत्री साहिब मोदी के काले कानूनों के विरुद्ध जारी लड़ाई का नेतृत्व करने की पेशकश कर किस को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं? जबकि पंजाब के लोगों ने 2017 में सभी पंजाब और पंजाबियों का नेतृत्व करने का जिम्मा बड़ी उम्मीदों और प्रचंड बहुमत के साथ अमरिन्दर सिंह को सौंपा था, परंतु पौने चार सालों में अमरिन्दर सिंह किसी एक भी वर्ग की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।
धोखा करने में गुरु साहिब को भी नहीं बख्शा क्योंकि तख्त श्री दमदमा साहिब को हाजर-नाजर मानते श्री गुटका साहिब की कसम खा कर किए वायदे भी नहीं पूरे किए। इसी तरह जब 24 जून को सर्वदलीय बैठक के दौरान बादलों को छोड़ कर बाकी सभी राजनैतिक दलों ने मुख्य मंत्री के नेतृत्व में दिल्ली तक जाने की सहमति दे दी थी तो तीन माह में नेतृत्व करने की बजाए अपने ‘शाही फार्म-हाउस’ में ही क्यों छुपे रहे?
भगवंत मान ने कहा की बादलों की तरह अमरिन्दर सिंह भी ‘डबल गेम’ खेल कर पंजाबियों खास कर किसानों को धोखो में रख रहे हैं। हाई-पावर समिति के दौरान इन काले कानूनों को चुप-चाप सहमति और मोंटेक सिंह आहलुवालिया समिति का गठन जैसे फैसले अमरिन्दर सरकार के दोगलेपन को नंगा कर रहे हैं। इस लिए न तो अमरिन्दर सिंह नेतृत्व करने के योग्य हैं और नही पंजाब के लोगों का अमरिन्दर सिंह पर कोई भरोसा रहा है।
बादल परिवार पर निशाना साधदे हुए भगवंत मान ने कहा, ‘‘राजा की तरह सुखबीर बादल भी पंजाब की जनता को न समझ मान कर बयानबाजी दाग रहे हैं। क्या कोई सुखबीर बादल की ओर से दमदमा साहिब यहां दीवान हाल में दिए इस बयान कि भाजपा के साथ गठजोड या सरकार किसानों के हितों की अपेक्षा ज्यादा अहम नहीं, ’’ पर रत्ती भर भी विश्वास कर सकता है? ऐसे बयानों पर सिर्फ हंसा जा सकता है की 900 चूहे खा कर बिल्ली हज्ज जाने की शेखियां मार रही है। जबकि वास्तविकता यह है की बादल परिवार मोदी का एजेंट बन कर रह गया है, क्योंकि ‘शाही परिवार’ की तरह बादलों के परिवार की अनगिणत कमजोरियां मोदी की अलमारी में पड़ीं हैं।