लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर हरियाण की राजनीति गर्माई
हरियाणा के इस बडे नेता ने बीजेपी को छोड थामा कांग्रेस का हाथ
कहा पूरे दल-बल के साथ कांग्रेस में जाएंगे
चंडीगढ, 9 अप्रैल (विश्ववार्ता) पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, जो 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद के पहले विस्तार में शपथ लेने वाले चार कैबिनेट मंत्रियों में से एक थे ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। सिंह अब कांग्रेस में घर वापसी करेंगे, जिस पार्टी में वह पहले चार दशक से अधिक समय तक रह चुके हैं। सुबह यह लोग दिल्ली के लिए निकलेंगे और पूरे दल-बल के साथ कांग्रेस में शामिल होंगे। सोमवार को दिनभर अधिक से अधिक लोगों को दिल्ली लेकर जाने के लिए बैठकों का दौर चलता रहा। बीरेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने से जींद जिले की राजनीतिक पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने मीडिया से कहा, “मैंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख जे.पी.नड्डा को भेज दिया है। मेरी पत्नी प्रेम लता, जो 2014-2019 तक विधायक थीं, ने भी पार्टी छोड़ दी है। कल (मंगलवार को), हम कांग्रेस में शामिल होंगे।”जाट समुदाय के प्रसिद्ध नेता सिंह हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अगस्त 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे।
सिंह के कांग्रेस में शामिल होने को हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट मतदाताओं को लुभाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।सिंह के बेटे बृजेंद्र ने 10 मार्च को भाजपा सांसद के रूप में इस्तीफा दे दिया और “मजबूर राजनीतिक कारणों” का हवाला देते हुए कांग्रेस में शामिल हो गए।बीरेंद्र सिंह ने पांच महीने पहले जींद में एक रैली में पार्टी को अल्टीमेटम दिया था कि अगर पार्टी ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन जारी रखा तो वह भाजपा छोड़ देंगे।
चौधरी बीरेंद्र सिंह उचाना से पांच बार जीतकर विधायक बन चुके हैं। वह 1977 से 82, 1982 से 84 1991 से 1996, 1996 से 2000 तथा 2005 से 2009 तक विधायक रहे। तीन बार वह कैबिनेट मंत्री भी बने। उन्होंने तीन बार सांसद के रूप में भी कार्य किया। पिछली केंद्र सरकार में वह केंद्र में मंत्री भी रहे।