*हरपाल सिंह चीमा ने राज्यपाल को सौंपा मांग पत्र*
*ईटीटी टैट पास अध्यापकों पर अत्याचार करने वाले पुलिस अफसरों और शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की*
*राज्य के सरकारी कालेजों के गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफैसरों को रेगुलर करने के लिए दिया मैमोरंडम*
*चण्डीगढ़, 14 मार्च 2020*
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर व विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ उसके ‘आतंकवादी कनैक्शन’ के मद्देनजर उसे मंत्री मंडल से तुरंत बर्खास्त करने की मांग करते कानूनी कार्यवाही शुरू करने की अपील की। इस के इलावा ईटीटी टैट पास बेरोजगार अध्यापकों पर पटियाला में अंधा-धुंध लाठीचार्ज व अत्याचार करने वाले पुलिस अफसरों और शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए अलग से मैमोरंडम दिया गया। इसी तरह पंजाब के 48 सरकारी कालेजों में मंजूरशुदा पदों पर रखे गए गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों की सेवाएं अनावश्यक शर्तें हटा कर रेगुलर करने के लिए भी मांग पत्र राज्यपाल को सौंपा गया।
शुक्रवार को राज्यपाल के साथ मुलाकात करने के उपरांत राज भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि पार्टी की तरफ से 22 सदस्यता प्रतीनिधिमंडल ने राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर के साथ मुलाकात के लिए समय मांगा था परंतु कोरोना वायरस के कारण राज्यपाल दफ्तर की तरफ से सिर्फ एक मैंबर को ही मुलाकात करने का समय दिया गया।
चीमा ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल को दिए मांग पत्र में बताया कि है कि 1992 में लुधियाना की पुलिस ने मंत्री भारत भूषण आशु को आतंकवादियों की सहायता करने के दोष में ग्रिफ्तार किया था। उस पर आरोप था कि वह गुड़ मंडी बम धमाके समेत कई अपराधिक कार्यवाहियों के पीछे भारत भूषण आशु का हाथ था। अपने इकबालिया बयानों में भारत भूषण आशु ने खुद अपने मुंह से माना है, कि गुड़ मंडी लुधियाना में हुए बम धमाके, 3 औरतों का कत्ल, आशु की तरफ से आतंकवादियों के साथ मिल कर अपने ताया की हत्या की साजिश और एक हवलदार की हत्या के मामले में शामिल थे, परंतु भारत भूषण आशु के साथ जुड़े जिन मामलों का ट्रायल ही नहीं हुआ, वह कौन से खाते में बोलते हैं। चीमा ने कहा कि यदि व्यक्ति जिंदा है तो उसके विरुद्ध 50 सालों बाद भी केस का फिर ट्रायल खुल सकता है, इस लिए आशु के इकबालिया बयान के आधार पर केस फिर खोला जाए और आशु को मंत्री मंडल से तुरंत बर्खास्त किया जाए। चीमा ने मुख्य मंत्री की तरफ से आशु को दी गई कालीन चिट्ट को रद्द करते हुए कहा कि मुख्य मंत्री कानून से ऊपर नहीं हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने दूसरे मांग पत्र के द्वारा पिछले कई सालों से मंजूरशुदा पदों के विरुद्ध राज्य के विभिन्न सरकारी कालेजों में काम कर रहे हजारों गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफैसरों को रेगुलर करने का मुद्दा भी उठाया। चीमा ने बताया कि राज्य के 48 सरकारी कालेजों में 1011 गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफैसर पिछले लम्बे समय से मामूली वेतन पर काम कर रहे हैं, जबकि इनकी नियुक्ति सरकार के दिशा निर्देशों के अंतर्गत योग्य प्रणाली के द्वारा हुई है। इनमें से बहुत से सहायक प्रोफेसरों की सरकार के शर्तों अनुसार नौकरी लगने की उम्र भी निकल चुकी है। इस लिए सरकार इन अध्यापकों को अनावश्यक शर्तें हटा कर रेगुलर करें, जो पिछले दिनों से अलग-अलग कालेजों में संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर हैं। तीसरे मांग पत्र में कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार की तरफ से ईटीटी /एनईटी योग्यता प्राप्त अध्यापकों पर बेरहमी के साथ किए गए हमले की भी निंदा की गई और जिम्मेदार पुलिस अफसरों समेत शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला के खिलाफ तुरंत कार्यवाही की मांग की। उन्होंने बताया कि यह बेरोजगार अध्यापक अपनी लंबे समय से लटकती आ रही मांगों के समर्थन में पटियाला में शांतमई तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे जो कि उनका जायज अधिकार था। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार को तुरंत उनको नौकरियां देनी बनती थी और 2017 के चुनाव दौरान कैप्टन सरकार ने अपने मैनीफैस्टो में किए पंजाब की जनता के साथ किए पूर्ण वायदे पूरे करने चाहिएं।
इस मौके उनके साथ कोर समिति मैंबर गुरिन्दर सिंह गैरी बडि़ंग, मनजीत सिंह सिद्धू, संगठन के सह-इंचार्ज गगनदीप सिंह चड्ढा, बरिन्दर कुमार शर्मा और तेजिन्दर मेहता नेता मौजूद थे।