*राजा वडिंग के रिपोर्ट कार्ड में सियासी ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई शामिल नहीं: दिनेश चड्ढा*
*-कहा, राजा वडिंग के पश्चाताप के अनुसार रजिया सुल्ताना और अरूणा चौधरी के खिलाफ हो कार्रवाई*
*-सियासी ट्रांसपोर्ट माफिया द्वारा पिछले 15 साल के दौरान खजाने से लूटे गए 20 हजार करोड़ रुपये रिकवर हों*
चंडीगढ़, 21 अक्तूबर : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के नेता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट दिनेश चड्डा ने पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग द्वारा चंडीगढ़ में किए दावों को महज खानापूर्ति बताते हुए कहा कि ट्रांसपोर्ट मंत्री जी आप आंकड़ों का खेल खेलकर मजे ले रहे हो लेकिन पंजाब के लोगों को असल मजा उस समय आएगा, जब कांग्रेस और अकाली दल बादल के ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ केस दर्ज होंगे और सरकारी खजाने की लूट का पैसा वापस करवाओगे। दिनेश चड्डा कांग्रेस और अकाली दल बादल की सरकारों के समय सरकारी परिवहन (ट्रांसपोर्ट) को लूटने के सबूतों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान `आप’ के नेता मालविंदर सिंह कंग भी उपस्थित रहे।
पार्टी मुख्यालय में वीरवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वडिंग से सवाल किया कि वह अपने रिपोर्ट कार्ड में बताएं कि उन्होंने कांग्रेसियों और अकालियों के अवैध बढ़ोतरी वाले हजारों परमिटों में से कितनों को रद्द किया और कितने केस दर्ज करवा कर लूटे गए टैक्स की रिकवरी शुरू करवाई है? उन्होंने कहा कि यदि वडिंग द्वारा पिछले साढे 4 साल के कार्यकाल का पश्चाताप सच्चा है तो उस समय पंजाब की ट्रांसपोर्ट मंत्री रही रजिया सुल्ताना और अरूणा चौधरी को तुरंत मंत्रिमंडल से बाहर किया जाए ,जिन्होंने मंत्री रहते समय ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी।
चड्ढा ने कहा कि ट्रांसपोर्ट मंत्री अपनी पीठ थपथपाते हुए कहते हैं कि उन्होंने 258 बसों को बंद किया है और इससे ट्रांसपोर्ट विभाग को प्रतिदिन 53 लाख रुपये से अधिक का लाभ हुआ है। ऐसी गैर-कानूनी बसों के कारण पिछले 15 साल में विभाग को करीब 3 हजार करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने ट्रांसपोर्ट मंत्री से सवाल किया की यदि पंजाब में अवैध रूप से चल रही 5 हजार बसों के खिलाफ खिलाफ सही मायने में कार्रवाई हुई है तो राजा वडिंग के अपने कबूलनामे के अनुसार पंजाब के खजाने पर 15-20 हजार करोड़ से अधिक का डाका पड़ा है।
`आप’ नेता ने कहा कि उन्होंने ट्रांसपोर्ट मंत्री को पत्र लिखकर और ट्वीट कर बिना नीति से रूट परमिट बढ़ाने वाले अकाली और कांग्रेसियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कई बार प्रार्थना की लेकिन मंत्री ने इन सियासी ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। चड्ढा ने बताया कि उन्होंने ट्रांसपोर्ट मंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले बस परमिटों में सरकारी बसों और प्राइवेट बसों के परमिटों की निश्चित संख्या होती है। उदाहरण के तौर पर 1990 में स्टेट हाईवे पर सरकारी और प्राइवेट परमिटों का 50-50 प्रतिशत कोटा होता था। लेकिन उस समय से आज तक की अकाली और कांग्रेस सरकारों की मिलीभगत के साथ सियासी लोगों को प्राइवेट कोटे से अधिक परमिट देने के लिए ट्रांसपोर्ट नीति की उल्लंघना की गई है। उन्होंने कहा कि सरकारी कोटे को अप्रत्यक्ष तौर पर खत्म करने के लिए प्राइवेट बसों के परमिटों को 5-5 गुणा बढ़ाया गया और कई परमिटों में 10-10 बार बढ़ोतरी की गई।
एडवोकेट चड्ढा ने पत्र के साथ ही ऑर्बिट बस कंपनी, राजधानी, प्रिंस हाईवे, ताज ट्रैवल्स और न्यू दीप ट्रांसपोर्टरों के बस परमिटों की सूची बतौर सबूत ट्रांसपोर्ट मंत्री को भेजी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। चड्डा ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी दिसंबर 2012 के फैसले में स्पष्ट लिखा है कि प्राइवेट बसों को फायदा देने के परमिटों यह गैर-कानूनी बढ़ोतरी सरकारी बसों को खत्म करने वाली है। बावजूद इसके न तो इन करीब 5 हजार गैर-कानूनी परमिटों पर कोई कार्रवाई की गई और न ही इन परमिटों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और नेताओं पर कोई कार्रवाई हुई। चड्ढा ने ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वडिंग को इस तरह के हजारों परमिटों को तुरंत रद्द करने समेत जिम्मेदार अधिकारियों और सियासी लोगों पर केस दर्ज किए जाने की मांग की है।