मुफ़्त कानूनी सहायता सम्बन्धी जागरूकता के लक्ष्य से आगे निकली पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथारिटी
चंडीगढ़, 6 नवम्बरःअधिक से अधिक लोगों को मुफ़्त कानूनी सहायता की सुविधा सम्बन्धी जागरूक करने के उद्देश्य से पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथारिटी ने ‘‘पैन इंडिया जागरूकता और आऊटरीच प्रोग्राम आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत तीन बार लोगों को जागरूक करने के निर्धारित लक्ष्य से भी आगे गुज़रते हुये सभी ज़िला कानूनी सेवाएं अथारिटी के द्वारा अब तक राज्य के सभी 23 जिलों में चौथी बार लगभग 13000 गाँवों को कवर किया है।
यह सम्बन्धी श्री अरुण गुप्ता, ज़िला और सैशन जज-कम-मैंबर सचिव, पंजाब कानूनी सेवाएं अथारिटी ने बताया कि स्वतंत्रता के 75वें साल और कानूनी सहायता आंदोलन के 25वें वर्ष की याद में राष्ट्रीय कानूनी सेवाएं अथारिटी, नयी दिल्ली की तरफ से एक राष्ट्र व्यापक मुहिम ‘‘पैन इंडिया जागरूकता और आऊटरीच प्रोग्राम आज़ादी का अमृत महोत्सव- 2 अक्तूबर से 14 नवंबर 2021’’ शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि घर-घर प्रचार करने के इलावा राज्य के सभी गाँवों, कस्बों और शहरों में लोगों तक तीन बार पहुँच करने का यत्न करने के लिए कहा गया जिससे हरेक गाँव, कस्बे और शहर में लोगों को कानूनी सेवाएं लेने सम्बन्धी जागरूक किया जा सके। उन्होंने बताया कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज और अथारिटी के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस अजय तिवाड़ी के नेतृत्व में राज्य अथारिटी ने सभी ज़िला कानूनी सेवाएं अथारिटियों और पंजाब सरकार के अलग-अलग विभागों जैसे गृह विभाग और न्याय, सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग आदि के सहयोग से सभी 23 जिलों में लगभग 13000 गाँवों को चौथी बार कवर किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय स्तर की मुहिम के अंतर्गत लोगों को मुफ़्त कानूनी सहायता सम्बन्धी अलग-अलग कानूनी सेवाएं प्राप्त करने की विधि, महिलाओं के सशक्तिकरण समेत घरेलू शोषण के विरुद्ध कानूनी हल करने, अलग-अलग कल्याण स्कीमों, पीड़ित मुआवज़े समेत सरकार की नीतियों के बारे जागरूक करना, स्कीमों, न्याय तक पहुँच और कानूनी उपाय, पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करने की विधि, गिरफ़्तारी और नज़रबंदी के दौरान व्यक्ति के अधिकार, दिव्यांग व्यक्तियों, बुज़ुर्गों, ट्रांसजैंडर, अनुसूचित जाति /जनजाति और अन्य हाशीए पर रह रहे समूहों, बच्चों के अधिकार समेत पोक्सो के अंतर्गत केस दायर करने की प्रक्रिया, अपराधिक न्याय प्रशासन के अंतर्गत भाईवालों की कानूनी सहायता के अधिकार और कानूनी सेवाएं अथारिटी के कामकाज और अलटरनेटिव डिसप्यूट रिडरसल मेकानिज्म के साथ-साथ इसका लाभ लेने की प्रक्रिया सम्बन्धी जागरूक किया जाना है।
मैंबर सचिव ने आगे बताया कि कोई भी महिला, बच्चा, हिरासत में कोई भी व्यक्ति, विशेष तौर पर दिव्यांग व्यक्ति, अनुसूचित जाति /जनजाति और 3 लाख रुपए की सालाना आमदन वाला कोई भी व्यक्ति कानूनी सेवाएं अथारिटीज़ एक्ट, 1987 की धारा 12 के अंतर्गत वकील के द्वारा मुफ़्त कानूनी सेवाओं का लाभ ले सकता है। बताने योग्य है कि वकील की फीस अथारिटी की तरफ से अदा की जाती है। यह सेवाएं सभी अदालतों, कमिश्नों और ट्रिब्यूनलों में मामलों के लिए ली जा सकती हैं। अथारिटी के टोल फ्री नंबर 1968 के द्वारा संपर्क किया जा सकता है।