बेरोजगार नौजवानों के लिए मुख्यमंत्री चन्नी के आवास का घेराव करने जाते ‘आप’ विधायक पुलिस ने हिरासत में लिए
-आम नौजवानों के बजाय कांग्रेसी मंत्री व विधायकों को बेटे-दामादों को मिल रही हैं नौकरियां- हरपाल सिंह चीमा
-रोजगार संबंधी फर्जी आंकड़ों का प्रचार कर रही है चन्नी सरकार- ‘आप’ का आरोप
-रोजगार तो दूर एक भी बेरोजगार को नहीं दिया 2500 रुपये प्रति महीना भत्ता
चंडीगढ़, 13 नवंबर : प्रदेश में फैली भारी बेरोजगारी के खिलाफ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास का घेराव करने जा रहे आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायकों और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। चीमा की अगुवाई में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास का सांकेतिक घेराव करने जा रहे ‘आप’ के विधायकों को सेक्टर-4 स्थित एमएलए हॉस्टल के गेट पर हिरासत में लेकर सेक्टर-3 पुलिस थाने में बिठाए गया, फिर दोपहर करीब दो घंटे बाद रिहा किया गया। इन विधायकों में विपक्ष की उप-नेता सरवजीत कौर माणुके, कुलतार सिंह संधवां, मीत हेयर, कुलवंत सिंह पंडोरी, मनजीत सिंह बिलासपुर और जैस सिंह रोडी शामिल हैं। दरअसल, ‘आप’ विधायकों ने एमएलए हॉस्टल पर इकट्ठे होकर मुख्यमंत्री आवास के सामने पहुंचना था। लेकिन पुलिस ने पहले ही एमएलए हॉस्टल के दोनों गेट पर बैरिकेडिंग करके भारी फोर्स तैनात कर दी। ‘आप’ विधायकों की आगे बढ़ने के प्रयास के दौरान पुलिस-प्रशासन से नोकझोंक व बहस भी हुई। अंत में पुलिस विपक्ष के नेता चीमा समेत सभी विधायकों को बस में बिठाकर पुलिस थाने ले गई।
इस मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि 2017 में कांग्रेस ने घर-घर नौकरी के गारंटी कार्ड भरे थे। लेकिन पौने पांच वर्षों में 55 लाख परिवारों के 5500 नौजवानों को भी नौकरियां नहीं दी गई। यदि किसी को नौकरी मिली है तो वह दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते, कैबिनेट मंत्री हरकीरत सिंह कोटली के भाई, सांसद सदस्य रवनीत सिंह बिट्टू के भाई, कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद, पूर्व कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ के दामाद और विधायक राकेश पाण्डेय के बेटे को मिली है। जबकि विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे और सांसद सदस्य प्रताप सिंह बाजवा का भतीजा भी इस सूची में शामिल था। लेकिन लोगों के विरोध के कारण बाजवा परिवार को अपने बेटे की अफसरी का बलिदान देने पड़ गया।
चीमा ने कहा कि आम घरों के बेटे-बेटियों के बजाय कांग्रेसियों ने अपने बेटे और दामादों को रेवड़ियों की तरह नौकरियां बांटी।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के असंख्य ज्वलंत मुद्दे वर्षों से लटके आ रहे हैं। ‘आप’ ने सभी ज्वलंत मुद्दे सत्र में उठाने थे, जिसका सामना करने से चन्नी सरकार भाग खड़ी हुई। जैसे पहले अकाली-भाजपा सरकार के समय बादल भागते थे। उन्होंने कहा कि सरकार को जगाने के लिए पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री चन्नी के आवास का घेराव किया जा रहा है।
चीमा ने कहा कि बतौर विपक्ष ‘आप’ द्वारा सरकार से वही सवाल हैं, जो पंजाब के नौजवानों के हैं। घर-घर नौकरी के वादे पर पौने पांच वर्षों में कांग्रेस सरकार ने क्या किया? क्या यह पंजाब के नौजवानों के साथ धोखा और विश्वासघात नहीं? क्या कांग्रेस विशेषकर मुख्यमंत्री चन्नी नौकरियों के लिए सड़कों पर धक्के खा रहे लाखों नौजवानों से माफी मांगेंगे? सरकार अपने नौकरियां देने के दावे संबंधी गांव-मोहल्लों और विभागों के आधार पर व्हाइट पेपर जारी करेगी? मुख्यमंत्री चन्नी और गृह मंत्री सुखी रंधावा समेत सभी कांग्रेसी बताएं कि बादलों द्वारा पंजाब पुलिस में बिहार, झारखंड, बंगाल आदि राज्यों से जवान भर्ती करने की प्रथा को कांग्रेस सरकार ने जारी क्यों रखा? पंजाब की सरकारी नौकरियों में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को रोकने के लिए कोई ठोस नीति अभी तक क्यों नहीं बनाई? प्राइवेट क्षेत्र की नौकरियों में प्रदेश की आरक्षण नीति क्यों नहीं बनाई गई?
‘आप’ नेता ने आरोप लगाया कि बादलों की तरह कांग्रेस के कैप्टन और चन्नी भी प्रदेश के बेरोजगारों के लिए कितने लापरवाह हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि पिछले 20-25 वर्षों से कोई भी प्रमाणिक सर्वे नहीं कराया कि पंजाब में कितने बेरोजगार हैं? एक अंदाजे के अनुसार प्रदेश में 20 लाख से अधिक योग्यता प्राप्त नौजवान बेरोजगार हैं।
अर्ध-बेरोजगारों की संख्या 50 लाख से अधिक है, जो केवल दो जून की रोटी तक सीमित हैं। जबकि प्रति वर्ष डेढ़ लाख बच्चे विदेश जाते हैं। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के ज्वलंत मुद्दों के समाधान न करके कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के साथ गद्दारी की गई है, जिसकी सजा पंजाब के लोग 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को जरूर देंगे।