अब बादलों की गुमराह करने वाली बातों में नहीं आऐंगे पंजाब के किसान
सुखबीर बादल द्वारा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की पेशकश पर ‘आप’ का पलटवार
चण्डीगढ़, 20 जुलाई केंद्र की मोदी सरकार की ओर से खेती के संदर्भ में लाए गए अध्यादेशों की केंद्रीय कृषि मंत्री से स्पष्टीकरण लेने के लिए सुखबीर सिंह बादल की ओर से सभी पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की पेशकश का आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने मजाक उड़ाया है।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा और किसान विंग के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल अब फजूल बोल कर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि मोदी सरकार ने जिस समय यह किसान और कृषि विरोधी अध्यादेश केंद्रीय मंत्री मंडल की बैठक में पेश किया था, बादलों को उसी वक्त सख्त विरोध करके मोदी की तानाशाही रोकनी चाहिए थी, परंतु ऐसा करके बादल परिवार बीबी हरसिमरत कौर बादल की कुर्सी को खतरे में नहीं डालना चाहता था और बतौर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी अम्बानी-अंडानी जैसे कॉर्पोरेट घरानों के हितों की पूर्ति करते हुए इन कृषि विरोधी अध्यादेशों पर खुद भी हस्ताक्षर कर दिए।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जो परिवार एक वजीरी के लिए पंजाब और पंजाब के किसानों, खेत मजदूरों, आढतियों-मुनीमों, पल्लेदारों और ट्रांसपोर्टरों के हितों को सूली पर चढ़ा सकता है, वह अब ओर कौन सी ‘कुर्बानी’ देने की बातें कर रहा है।
चीमा ने सुखबीर सिंह बादल को मुखातिब होते कहा, ‘‘बातों से ऐसे लगता है जैसे आप (सुखबीर) ‘कुर्बानी’ शब्द के अर्थों, अहमीयत और इतिहास से बिल्कुल अनजान हो। कृपा किसी पुराने और सच्चे अकाली से पहले ‘कुर्बानी’ शब्द के मतलब और मकसदों के बारे में समझें। फिर पता लगेगा कि शिरोमणी अकाली दल का इतिहास कितने संघर्षों और कुर्बानियों के साथ भरा हुआ है। जिस को आज बादलों ने प्राईवेट लिमटिड कंपनी बना कर रख दिया है।’’
कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि बार-बार के धोखों ने आज पंजाब के किसानों को बहुत सुचेत कर दिया है। किसानों के पढ़े-लिखे बेटियां-बेटे अब इन किसान विरोधी और पंजाब अध्यादेशों की भाषा और अंदरूनी परिभाषा को अच्छी तरह से समझ चुके हैं। इस लिए पंजाब के किसान और बाकी सभी प्रभावित वर्ग बादलों की गुमराह करने वाली बातों में नहीं आऐंगे।