चंडीगढ़, 7 मई:पंजाब सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य सरकार अधीन स्टेट ट्रांसपोर्ट संस्थान (पंजाब रोडवेज/पीआरटीसी/पनबस) और प्राईवेट बसों की प्रवासी/अन्य सवारियों की साफ-सफाई और संभाल के लिए ऐडवाइजरी जारी की है।
इस संबंधी जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी दौरान लोक हितों को मुख्य रखते हुए सभी 22 जिलों में कफ्र्यू लगाकर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लोगों के बाहर घूमने और सख्त पाबंदियाँ लगाई गई हैं। इसके साथ ही गृह मामले और न्याय विभाग ने अंतर-जिला और जिले के अंदर बसें चलाने पर पाबंदी लगाई है। परन्तु, केंद्रीय गृह मामलों के मंत्रालय ने प्रवासी वर्करों, श्रद्धालुओं, घूमने गए यात्रियों, विद्यार्थियों और अन्य ऐसे लोगों, जोकि अपने रहने / काम के स्थान से दूर गए हुए थे और लॉकडाउन के कारण वहाँ फँस गए थे, को आने जाने की आज्ञा दे दी है। इसलिए जरूरी है कि इन प्रवासी वर्करों, श्रद्धालुओं, घूमने गई सवारियों, विद्यार्थियों को रेलवे स्टेशन या उनके स्थान पर छोडऩे जाने (यदि मंजूरी है तो) वाले चालकों / कंडक्टरों द्वारा कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए दी गई हिदायतों / सावधानियों का पालन किया जाये। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पंजाब द्वारा जारी की गई ऐडवायजरी में लिखा है कि ट्रांसपोर्ट विभाग को सलाह दी जाती है कि वह किसी भी मकसद के लिए अपनी, या प्राईवेट बसें चलाने की मंजूरी देने से पहले गृह मंत्रालय, पंजाब सरकार से मंजूरी यकीनी बनाई जाए।
प्रवक्ता ने कहा कि सिर्फ वह बसें प्रवासी मजदूरों, श्रद्धालूओं, यात्रियों, विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों की ढुलाई के लिए चलाई जा सकतीं हैं जो तालाबन्दी होने से पहले अपने मूल स्थानों से चले गए थे परन्तु वापस अपने मूल स्थानों / कार्य स्थान पर नहीं लौट सके और लॉकडाउन के कारण फंसें हुए हैं। इन बसों को सिर्फ सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक ही चलने की आज्ञा होगी (अर्थात स्थानीय रेलवे स्टेशनों या अन्य राज्य-जिलों तक)। इस सम्बन्ध में ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को एक व्यापक योजना इस ढंग के साथ तैयार करने की सलाह दी गई है कि उपरोक्त परिभाषित प्रवासियों की ढुलाई के लिए सिर्फ जरुरी स्टाफ / कर्मचारी को ही ड्यूटी पर बुलाया जाये। इसके अलावा, स्टाफ / कर्मचारी, जो वास्तव में प्रवासियों को निर्धारित मंजिल पर पहुँचा रहा है, की यात्रा से पहले और बाद में डॉक्टरी जांच करवाना लाजिमी होगा। ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी द्वारा स्थानीय स्वास्थ्य अथॉरिटी के सहयोग के साथ अपने स्टाफ / कर्मचारी के लिए कोविड-19 के लक्षणों संबंधी जागरूकता मुहिम चलाई जाये जिसका उद्देश्य उनको जरूरत पडऩे पर स्व-निगरानी करने में सहायता करने के साथ-साथ कोरोना के पीडि़तों की पहचान करके रिपोर्ट करने में सहायता करना है। किसी भी समय बस में बैठने की क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक भरने की इजाजत नहीं दी जाऐगी और यात्रा के दौरान बैठते और चढ़ते, उतरते दौरान कम से कम 1 मीटर की दूरी को यकीनी बनाया जाये। मुसाफिरों को हरेक सीट पर वैकल्पिक साईड विंडो / मिडल / आईल पर बैठने की सलाह को यकीनी बनाया जाये।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी जिला प्रशासन के सक्रिय सलाह-मशवरे से जिले में रहते प्रवासियों की संख्या के आधार पर बसों की पिक-अप / स्टार्ट पुआइंट, मंजिल, रूट, समय और बसों की बारंबारता बारे फैसला करेगी जिन्होंने ( www.covidhelp.punjab.gov.in पर) वापस जाने की इच्छा जाहिर की है। यात्रा दौरान रुकने की स्थिति, (अगर कोई है) तो स्पष्ट तौर पर भी निर्धारित कर दिया जाये। यात्रा करने वाले प्रवासी को स्टार्ट-पुआइंट बारे स्पष्ट तौर पर बस में चढऩे के लिए समय और किराया, अगर कोई है, की यात्रा से एक दिन पहले, एसएमएस के जरिये सूचित किया जायेगा। तेज बुखार से पीडि़त अमले / यात्री की जांच करने के लिए बस स्टैंड / बस के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनर लगाना लाजिमी है। आम मानव शरीर का तापमान 97.7 से 99.5 डिग्री फेरन्हाइट या 36.5 से 37.5 – डिग्री सैंटीग्रेड होता है। ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को सलाह दी जाती है कि वह बस स्टैंडों / सर्विस स्टेशनों / वर्कशॉपों आदि पर पैर से चलने वाले हाथ धोने के स्टेशन स्थापित करें। यह यकीनी बनाएं कि हाथ धोते समय / इन्तजार करते स्टाफ / यात्रियों द्वारा कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाई रखी जाये। उनके बारी अनुसार हाथ धोने के लिए 1 मीटर की दूरी पर चक्र / वर्ग की निशानदेही की जाये। सभी भीड़ -भाड़ वाले क्षेत्रों जैसे कि एंटरी गेट, वाटर कूलर, और कैंटीन / दुकान (अगर कार्यशील हैं) आदि पर निशान लगाने चाहिएं जिससे सामाजिक दूरी की सुविधा ली जा सके। पानी की टंकियों / कूलरों को बाकायदा साफ करना और संभालना चाहिए। यात्रियों के बीच सामाजिक दूरी को नियमित करने के लिए बसों के बोर्डिंग पुआइंट पर कम से कम 1 मीटर की सही सुरक्षित दूरी के निशान वाले अस्थाई काउंटर / चक्र / चैक बनाए जाने चाहिएं।
उन्होंने स्पष्ट तौर पर बताया कि बीमारी के प्रति संवेदनशीलता के मद्देनजर 60 साल से अधिक उम्र वालों / बुजुर्गों के लिए टिकट खरीदने और बस में चढऩे के लिए अलग कतार लगानी चाहिए। अथॉरिटी को बस में चढऩे से पहले यात्रियों को टिकट लेने के लिए उत्साहित करना चाहिए। टिकट लगाने वाले कर्मचारी / कंडक्टर को बस में चढऩे से पहले या बाद में साबुन और पानी के साथ हाथ धोने चाहिएं। जहाँ तक संभव हो डिजिटल भुगतान को उत्साहित करो। अथॉरिटी को अपने स्टाफ / कर्मचारी और अन्य यात्रियों को सही, समय पर और पुख्ता जानकारी के लिए पंजाब सरकार के कौवा ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
इसी तरह दफ्तर / बसस्टैंड / बस के रोगाणुमुक्त करने के सम्बन्ध में, प्रवक्ता ने कहा कि दफ्तरी स्थानों, टिकट बूथों, वेटिंग ऐरियों आदि के अंदरूनी क्षेत्रों को हर शाम दफ्तरी कामकाज के बाद या प्रात:काल जल्द साफ करना चाहिए। अगर संपर्क की सतह स्पष्ट तौर पर गंदी है तो इसको रोगाणुमुक्त करने से पहले साबुन और पानी के साथ साफ करना चाहिए। सफाई से पहले, क्लीनर को डिसपोज़ेबल रबड़ के बूट, दस्ताने (हैवी ड्यूटी), और कपड़े का एक मास्क पहनना चाहिए। साफ क्षेत्रों से सफाई शुरू करके गन्दगी वाले इलाकों की तरफ बढ़ो। सभी अंदरूनी क्षेत्र जैसे कि प्रवेश द्वार, रास्ते और सीढिय़ों, सुरक्षा गार्ड बूथ, दफ्तर के कमरे, कैफेटेरिया को एक कीटाणूनाशक के साथ साफ करना चाहिए। इसलिए मार्केट में उपलब्ध 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट या इसके बराबर कीटाणूनाशक इस्तेमाल करे जा सकते हैं। उच्च संपर्क वाली सतेहों जैसे कि हैंडरेल / हैंडल और कॉल बटन, सार्वजनिक काउन्टर, इंटरकॉम सिस्टम, टैलिफोन, प्रिंटर / स्कैनर जैसे उपकरण और अन्य दफ्तर की मशीनों 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट में भीगे लिनन / सोखने वाले कपड़े के साथ रोजाना दो बार साफ की जानी चाहीएं। टेबल टॉपस, कुर्सी के हैंडल, पैन, डायरी फाइलें, कीबोड्र्स, माउस पैड, चाय / कॉफी डिसपैंसिंग मशीनें आदि को अक्सर छूने वाले क्षेत्र को विशेष तौर पर साफ करना चाहिए। धातू सतहों जैसे कि दरवाजे के हैंडल, सुरक्षा ताले, कुंजियाँ आदि के लिए 70 प्रतिशत अल्कोहल का प्रयोग किया जा सकता है, जहाँ ब्लीच का प्रयोग उचित नहीं है। दफ्तर में अगर कोई मास्क के बिना या सावधानी रखे बिना खाँस रहा है तो उसकी सीट के आसपास के क्षेत्र खाली किये जाने चाहिएं और 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट के साथ साफ किया जाये। सफाई प्रक्रिया के अंत में सफाई में इस्तेमाल किए गए उपकरणों को सावधानी के साथ साफ करो और स्वच्छता प्रक्रिया के दौरान इस्तेमाल किए गए प्रोटैक्टिव गियर को नष्ट किया जाना चाहिए। इसके अलावा, टिकट बूथों / दफ्तरों के सभी कर्मचारीयों को बैठने से पहले अपनी सीट की सफाई करनी चाहिए और अगर संभव हो तो 2 सीटों का प्रयोग करो।
ऐडवायजरी में लिखा है कि डीपू में दाखिल होने पर पर बसों को 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट वाले घोल के साथ अच्छी तरह रोगाणुमुक्त किया जाना चाहिए। सभी उच्च संपर्क वाली सतहों जैसे कि रेल, पिल्लर, सीटें, आर्म रैस्ट, हैड होल्ड और चश्मों आदि को प्रयोग से पहले 70 प्रतिशत अल्कोहल युक्त कीटाणूनाशक के साथ साफ किया जाना चाहिए। इसी तरह, उच्च दबाव वाले मोटर पंप स्पे्र यूनिटों का प्रयोग करते हुए बस की बाहरी सतहों पर सीधे तौर पर 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट के घोल के साथ छिडक़ाव किया जा सकता है। रोगाणुमुक्त करने वाली टीम को कीटाणूमुक्त करने से पहले उचित प्रोटैक्टिव गियर (मास्क, रबड़ के दस्ताने, रबड़ के बूट, चश्मा आदि) पहनने चाहिएं। बाहरी क्षेत्रों में हवा और धूप के संपर्क के कारण अंदरूनी क्षेत्रों के मुकाबले कम जोखिम होता है। इनमें बस अड्डे, पार्किंग क्षेत्र, बैठने वाले बैंच, वेटिंग ऐरिया आदि शामल हैं। अतिरिक्त विवरण के अनुसार सफाई और अक्सर छूहे जाने वाली / दूषित सतहों को पहल के आधार पर रोगाणुमुक्त किया जाना चाहिए। सैनेटरी कर्मचारियों को पाखानों के लिए साफ सफाई उपकरणों के अलग सैट (मॉप्स, नाईलोन सक्रबर) और सिंक तथा कमोड के लिए अलग सैट का प्रयोग करना चाहिए। टॉयलट की सफाई करते समय उनको हमेशा डिस्पोजेबल सुरक्षित दस्ताने पहनने चाहिएं। प्रवक्ता ने कहा कि टॉयलट के सभी क्षेत्रों जैसे कि सिंक, कमोड, टोंटियाँ आदि को साबुन और पानी के प्रयोग के साथ अच्छी तरह साफ / रगडऩा चाहिए और फिर 1 प्रतिशत सोडियम हाईपोक्लोराईट घोल या बराबर के कीटाणूनाशक के साथ रोगाणुमुक्त किया जाये। चालक की सुरक्षा के लिए चालक सीट और यात्रियों के बीच प्लास्टिक / कांच का विभाजन किया जा सकता है।
ऐडवायजरी में यह सलाह दी गई है कि स्टाफ द्वारा सामाजिक दूरी के नियमों का सख्ती के साथ पालन किया जाये और हर समय उनके और सवारियों के बीच कम-से-कम 1 मीटर की दूरी बनाकर रखी जाये। स्टाफ / मैनपावर को सलाह दी जाये कि वह एक दूसरे के साथ हाथ न मिलाएं और न ही गले मिलें। सभी स्टाफ / मैनपावर को सलाह दी जाये कि वह बिना किसी वजह के डीपू / कॉरिडोर / बसें खड़ी करने के स्थान और इधर-उधर न घूमें और अपने निर्धारित स्थान पैर बैठकर ही काम करें। डीपू स्टाफ / चालक / कंडक्टर हर समय कपड़े का मास्क पहन कर रखें, घर से निकलने से पहले ही कपड़े का मास्क पहन लिया जाये और सफर दौरान और घर वापसी तक इसको पहन कर रखा जाये। मास्क इस ढंग के साथ पहना जाये कि नाक और मुँह अच्छी तरह ढक जाये। कपड़े के मास्क को रोजाना साबुन और पानी के साथ धोकर इस्तेमाल किया जाये। जब भी मौका मिले तो हाथों को साबुन और पानी के साथ कम-से-कम 40 सेकिंड तक धोएं। इसके साथ ही चालक / कंडक्टर द्वारा यात्रा शुरू करने से पहले और मंजिल पर पहुँचने के बाद (दोनों तरफ की यात्रा दौरान) हाथों को जरूर धो लिया जाये। बसों में हाथ साफ करने के लिए अल्कोहल युक्त हैंड सैनीटाईजर (कम-से-कम 70 प्रतिशत इथाइल अल्कोहल) का प्रबंध किया जाये। समय-समय पर सैनीटाईजरों को भरा या बदला जाये। कम-से-कम 3 एमएल सैनीटाईजर (लगभग 2 बार दबाकर निकालो) सूखे हाथों पर लगाओ और कम-से-कम 30 सेकिंड तक सुखाओ। यदि हाथ साफ दिखाई दे रहे हों तो भी हाथों को धोएं या सैनीटाईज करें। चालक और कंडक्टर उपलब्धता अनुसार हाथों को साबुन और पानी के साथ या सैनीटाईजर के साथ साफ करें। चाय और लंच के दौरान किसी भी खाने-पीने की वस्तु को छूने से पहले चालकों / कंडक्टरों द्वारा हाथों को नियमित तरीकेे से धोना / सैनीटाईज करना यकीनी बनाया जाये। चालक और कंडक्टर द्वारा किसी भी सवारी या साथी स्टाफ को छूआ न जाये। चालक / कंडक्टर को सलाह दी जाये कि वह रुकने / इन्तजार के समय सवारियां (उतारने या चढ़ाने समय) इधर-उधर न घूमें और किसी सतह / सामान आदि को न छूएं। चालक / कंडक्टर पूरी खुराक और नींद लें और वाहन के अंदर खाना खाने से परहेज करें।
खाना खाने के लिए इस्तेमाल कियेे जाने वाले बर्तनों को डिशवाश बार /डिशवाश लिक्विड और पानी से धोएं। बर्तन किसी और के साथ सांझे न करें। चालक /कंडक्टर बस अंदर या किसी अन्य खुले स्थान पर न थूकेें । चालक / कंडक्टर द्वारा धूम्रपान या तम्बाकू आधारित चीजों जैसे कि गुटका, पान मसाला या किसी अन्य नशे आदि का वाहन के अंदर या वैसे भी सेवन न किया जाये। चालक / कंडक्टर अपने चेहरे, मुँह, नाक, आँखें को हाथों से न छूएं। चालक /कंडक्टर यकीनी बनाऐं कि बस में चढ़ते या उतरते समय सवारियों की भीड़ न हो। बसों में चढ़ते /उतरने के लिए 60 साल से ऊपर के बुज़ुर्गों / बड़ी आयु के लोगों के लिए अलग लाईन बनाई जाये। चालक की तरफ से यात्रा के दौरान ग़ैर ज़रूरी ठहराव से परहेज़ किया जाये। रास्ते में चालक की तरफ से किसी भी सवारी को बस में न चढ़ाया जाये चाहे सीटों खाली भी हों, तो भी। कंडक्टर की तरफ से यदि करैंसी नोटों के साथ लेन -देन किया जा रहा हो तो इससे पहले और बाद में हाथों को सैनीटाईज़ किया जाये और सामने वाले व्यक्ति को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया जाये। स्टाफ /मैनपावर को सलाह दी जाती है कि वह अपनी सेहत संबंधी सचेत रहें और यदि कोई लक्षण दिखाई देें तो तुरंत इस संबंधी सूचना दी जाये। यदि किसी चालक / कंडक्टर को तेज़ बुख़ार /खाँसी /छींकें /साँस लेने में तकलीफ़ है तो उसको स्वयं ही अपने मालिक को बताया जाये और तुरंत इलाज के लिए डाक्टरी सलाह ली जाये।
सवारियों के लिए सलाह:
सवारियों की तरफ से यकीनी बनाया जाये कि एस.एम.एस. के द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार पिकअप्प वाले स्थान पर समय पर रिपोर्ट किया जाये। सवारियों की तरफ से कोशिश की जाये कि समय -समय पर प्रयोग के लिए अपने साथ जेब में हैड -सैनीटाईजऱ रखें। सवारियों को सलाह दी जाये कि वह बिना वजह से डीपू /कॉरिडोर /बसें रुकने के स्थान पर इधर -उधर न घूमेें और अपने निर्धारित स्थान पर ही बस का इन्तज़ार किया जाये। सवारियों को सलाह दी जाती है कि बस में चढऩे से पहले ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से लगाए हैड वाशिंग स्टेशन और साबुन और पानी के साथ अपने हाथ धोएं। यात्री बस में चढऩे से पहले ही टिकट खरीदें। यदि संभव हो जिससे किराया देने के लिए डिजिटल पेमेंट का ही प्रयोग किया जाये। टिकटों और करैंसी नोटों का लेन-देन करने के बाद यात्रियों की तरफ से नियमित तरीके से हाथों को धोया /सैनीटाईज किया जाये। जब भी मौका मिले तो हाथों को साबुन और पानी के साथ कम से -कम 40 सेकिंड तक धोओ। सेनिटेशन करने के लिए कम से -कम 3 एमएल सैनीटाईजऱ (लगभग 2 बार दबा कर निकालो) सूखे हाथों पर लगाओ और कम से -कम 30 सेकिंड तक रगड़ों और सुकाओ।
सवारियों को सलाह दी जाती है कि वह कतार/लाईन (निशानदेही किये हुए अस्थाई काउन्टर /चक्कर /घेरे के अंदर) में खड़े हो जाएं और बस चढऩे के स्थान, बस स्टाप /बस स्टैंड पर एक दूसरे के पास से हर समय 1मीटर की सामाजिक दूरी बना कर रखें। उतरते और चढ़ते समय सवारियों द्वारा भीड़ न की जाये। सवारी हर समय यात्रा के दौरान कपड़े का मास्क पहन कर रखेें। सवारी बस के अंदर या कहीं भी खुले में न थूकें। सवारियों की तरफ से धूम्रपान या तम्बाकू आधारित चीजें जैसे कि गुटका, पान मसाला या कोई भी अन्य नशे आदि का वाहन के अंदर या वैसे भी सेवन न किया जाये। सवारी अपने चेहरे, मुँह, नाक, आँखों को हाथों से न छूएं। यदि किसी सवारी को खाँसी /छींक आ रही हैं तो रुमाल के साथ मुँह पर नाक को ढका हुआ जाये। जिसको अपनी जेब /पर्स में रखा जाये और इस रुमाल को किसी अन्य वस्तु के संपर्क में न आने दिया जाये। यदि सवारी के पास रुमाल नहीं है तो मुँह पर नाक को अपनी कोहनी के साथ ढको। सवारी की तरफ से उपरोक्त दोनों मामलों में अपने हाथ या खाँसी /छींक के संपर्क में आए अन्य हिस्सों को नियमित ढंग से धोया या सैनीटाईज़ किया जाये। यदि किसी सवारी को तेज़ बुख़ार /खाँसी /छींक /साँस लेने में तकलीफ़ है तो उसको ख़ुद ही कंडक्टर को बताना चाहिए और तुरंत इलाज के लिए डाक्टरी सलाह के लिए जाये। सवारियों की तरफ से ख़ुद या अन्य यात्रियों के साथ बिना किसी पुख्ता जानकारी से कोविड -19 संबंधी बातें /अफ़वाहों न फैलायी जाएँ। उनकी तरफ से सही और पुख्ता जानकारी के लिए पंजाब सरकार की तरफ से बनाई गई कौवा एप डाउनलोड की जाये।
एडवायजरी में कहा गया है कि बसों में प्रयोग किया जाने वाला एयर कंडीशनिंग सिस्टम बिना किसी वैंटीलेशन सिस्टम के न इस्तेमाल किया जाये। हवा के बहाव (वैंटीलेशन) को बढ़ाने के लिए बसों के अंदर निकासी पंखे (ऐगजास्टफैन) लगाए जा सकते हैं। एयर कंडीशनरों के प्रयोग सम्बन्धी विस्तृत दिशा -निर्देशों की सख्ती से पालना की जाये।
यह सलाह दी जाती है कि यदि कोई यात्री कोविड -19 का इलाज करवा रहा है या कोविड -19 की पुष्टि हुई है और यदि किसी अन्य व्यक्ति उसके संपर्क में आया है तो घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। इसके सम्बन्ध में हेल्पलाइन नंबर 104 या स्टेट कंट्रोल रूम नंबर 0172 -2920074 / 08872090029 पर काल करके संपर्क में आने की पूरी जानकारी दी जाये और अगली सहायता प्राप्त की जाये। यदि किसी स्टाफ /मैनपावर में कोरोना वायरस की पुष्टि हो जाती है तो ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की यह जि़म्मेदारी बनती है कि वह हेल्पलाइन नंबर 104 या स्टेट कंट्रोल रूम नंबर 0172 -2920074 / 08872090029 पर कॉल करके पीडि़त स्टाफ /मैनपावर के दफ़्तर में आने के दिन संबंधी और उसके संपर्क में आए अन्य लोग के बारे में तुरंत जानकारी देें। इसलिए ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के द्वारा सभी स्टाफ /मैनपावर की हाजिऱी और हरेक बस में सफऱ करने वाली सवारियों का रोज़ाना पूरा ब्योरा तैयार रखा जाये। सबको प्रेरित किया जाता है कि वह पौष्टिक खाना खाएं, सही जानकारी के साथ ख़ुद को हर समय सचेत और अपडेट रखें और खाली समय के दौरान अपनी रूचि के अनुसार सकारात्मक काम करें।
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