बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी को सौंपा कोविड-19 सम्बन्धी नियमावली तैयार करने का कार्य
राज्य के तीन मैडीकल कॉलेज के ट्रशरी केयर सैंटर और अस्पतालों में 1,360 बैड कोविड-19 पीडि़त मरीज़ों के इलाज के लिए किए गए आरक्षित
चंडीगढ़, 1 अप्रैल:
पंजाब राज्य में कोविड-19 से पीडि़त मरीज़ों की संख्या 41 होने के मद्देनजऱ पंजाब सरकार ने राज्य के तीन मैडीकल कॉलेजों के ट्रशरी केयर सैंटर और अस्पतालों में इस बीमारी से पीडि़त मरीज़ों के इलाज के लिए तैयारियाँ कर ली हैं। इन तैयारियों के अंतर्गत राज्य के तीन मैडीकल कॉलेजों के ट्रशरी केयर सैंटर और अस्पतालों में 1,360 बैड कोविड-19 पीडि़त मरीज़ों के इलाज के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिनमें से सरकारी मैडीकल कॉलेज पटियाला में 600 बैड और 40 वेंटिलेटर, सरकारी मैडीकल कॉलेज अमृतसर में 180 बैड और 35 वेंटिलेटर जबकि सरकारी मैडीकल कॉलेज फऱीदकोट में 580 बैड और 26 वेंटिलेटर आरक्षित किए गए हैं।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के मैडीकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रमुख सचिव श्री डी.के. तिवाड़ी ने बताया कि बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज़ को कोविड-19 सम्बन्धी नियमावली तैयार करने का काम सौंपा गया है। यह नियमावली कोविड-19 से पीडि़त मरीज़ों के इलाज के दौरान अपनाई जाने वाले सभी नियमों पर प्रकाश डालेगी, जैसे कि संदिग्ध मरीज़ों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पुनर्वास केंद्र और ट्रशरी केयर सैंटर में कैसे लाएं आदि।
प्रमुख सचिव ने बताया कि इसके अलावा यूनिवर्सिटी को प्रतिदिन बीमारी सम्बन्धी अध्ययन करने का भी काम दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी ट्रशरी केयर सेंटरों में ज़रूरत के अनुसार अपेक्षित साजो-सामान जैसे कि वेंटिलेटर, पी.पी.ई. किट, एन 95 मास्क पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं इसके अलावा विशेषज्ञ और प्रशिक्षार्थी भी मौजूद हैं। हरेक कॉलेज द्वारा दिन के 24 घटों के लिए ड्यूटी रोस्टर लागू कर दिए गइे हैं इन रोस्टरों में मेडिसिन, ऐनसथिसिया और फेफड़ों सम्बन्धी डॉक्टरों को भी शामिल किया गया है।
श्री तिवाड़ी ने यह भी बताया कि सामग्री और अन्य साजो-सामान की खरीद की जि़म्मेदारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा निभाई जाएगी और तीनों मैडीकल कॉलेजों की लौजिस्टिक्स का अध्ययन किया जाता है और रोज़ाना के आधार पर इसमें विस्तार किया जाता है। इस टेस्टिंग को सरकार द्वारा मंज़ूरी दी गई है। यह टेस्टिंग आई.सी.एम.आर. की तजऱ् पर सरकारी मैडीकल कॉलेज अमृतसर और पटियाला की वायरोलॉजी लैब में किया जा रहा है, जबकि फरीदकोट में यह सुविधा प्रक्रिया अधीन है। इस लैब से सम्बन्धित उपकरण फरीदकोट में शुक्रवार तक पहुँचने की उम्मीद है, इस तरह फरीदकोट में टेस्टिंग की सुविधा तुरंत चालू हो जाएगी।
इस बीमारी से लडऩे के लिए डॉक्टर और पैरा-मैडीकल इन संस्थाओं के अन्य सहायक स्टाफ के साथ 24 घंटे काम कर रहे हैं। इस आपातकालीन समय से निपटने के लिए लोजिस्टिक्स की ज़रूरत है क्योंकि खरीद में कुछ मुश्किलों का पता लगाया जा रहा है, सभी तरफ से निर्माताओं और डीलरों पर भारी बोझ है। यह उम्मीद की जा रही है कि जैसे ही देसी वैंटीलेटर और पी.पी.ई. किटें उपलब्ध होंगी, बीमारी के विरुद्ध लडऩे के लिए राज्य को और सहायता मिल सकेगी।
जि़क्रयोग्य है कि जब 9 मार्च, 2020 को कोविड-19 के पहले मरीज़ की पंजाब में पुष्टि की गई थी, राज्य सरकार ने इस छूत वाली बीमारी को प्रभावशाली ढंग से काबू करने के लिए नेशनल लॉकडाउन से एक दिन पहले ही 23 मार्च, 2020 को राज्य भर में कफ्र्यू लगा दिया था।
——