क राज्य सरकार द्वारा एस.टी.एफ. का गठन और नशा विरोधी मुहिम के सार्थक नतीजे सामने आए
चंडीगढ़, 19 मार्च ( विश्व वार्ता)- संग्राम, भारत-पाक युद्धों और आतंकवाद के खि़लाफ़ जीती लड़ाई का जि़क्र करते हुए पंजाब के सहकारिता और जेल मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि नशों के खि़लाफ़ जंग में भी पंजाब सफलता हासिल करके अपने गौरवमई इतिहास को दोहराएगा और एक बार फिर राज्य दुनिया के लिए मिसाल बनकर उभरेगा।
स. रंधावा ने गुरूवार को यहाँ राज्य सरकार के तीन साल पूरे होने पर करवाए जा रहे सम्मेलन के दौरान ‘नशों के खि़लाफ़ जंग और भविष्यीय चुनौती’ के विषय पर बोलते हुए कहा कि तीन साल पहले कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मुख्यमंत्री के तौर पर पद संभालते हुए नशों के खि़लाफ़ फ़ैसलाकुन्न लड़ाई के लिए विशेष टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) का गठन किया और कई नशा रोकथाम मुहिमों का आग़ाज़ किया जिसके आज सार्थक नतीजे सामने आने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार की मंशा हो और लोगों का सहयोग हो तो हर लड़ाई जीती जा सकती है। उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक में पंजाब ने इसी दृढ़ इरादे से आंतकवाद के खि़लाफ़ लड़ाई जीती थी। उन्होंने मीडिया और आम लोगों को भी अपील की कि वह गैंगस्टरों और असामाजिक तत्वों को नायक के तौर पर न दिखाएं और न देखें बल्कि इनको असामाजिक तत्वों के तौर पर ही पेश करें। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के बुरे शासन से मौजूदा सरकार को जूझना पड़ा। उन्होंने केंद्र सरकार के समक्ष भी माँग रखी कि वह जेलों की मज़बूती के लिए फंड दें क्योंकि जेलों में 50 प्रतिशत से अधिक कैदी नार्को /एन.डी.पी.एस. मामलों से सम्बन्धित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भी जेल सुधार बोर्ड का गठन किया गया और जेलों में बंद कैदियों को किसी काम पर लगाने की योजना बनायी गई है क्योंकि खाली मन शैतान का घर होता है।
राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जि़क्र करते हुए स. रंधावा ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि पिछले तीन सालों के दौरान 42,571 व्यक्तियों की गिरफ़्तारी की गई है और पंजाब पुलिस द्वारा 974.15 किलोग्राम हेरोइन ज़ब्त करके 34, 373 एन.डी.पी.एस. केस दर्ज हुए हैं। एस.टी.एफ. द्वारा अमृतसर में 197 किलोग्राम हेरोइन पकडऩे समेत कई बड़ी कार्यवाहियां की गई।
एस.टी.एफ. के प्रमुख ए.डी.जी.पी. श्री हरप्रीत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब द्वारा नशों के खि़लाफ़ शुरु की गई मुहिम आने वाले समय में और रफ़्तार पकड़ेगी और इसके बेमिसाल नतीजे सामने आऐंगे। उन्होंने कहा कि नशों से जुड़े किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा और नशा ग्रसित व्यक्ति का जीवन पुन: पटरी पर लाने के लिए उसके पुनर्वास के लिए हर प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एस.टी.एफ. के कामकाज में कोई राजसी दख़ल नहीं है जिस कारण इसके और भी बढिय़ा नतीजे सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 193 ओट क्लीनिक स्थापित किये हैं जो नशा पीडि़तों को मुफ़्त नियमित इलाज मुहैया करवा रहे हैं। इस समय राज्य में 3 लाख 70 हज़ार व्यक्तियों को नशों के इलाज अधीन हैं। इसी तरह नशा रोकथाम मुहिम को ‘लोक-मुहिम’ बनाने के लिए 5 लाख से अधिक नशा रोकथाम अफ़सर ‘डैपो’ नामांकित किये गए हैं। स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों को बड्डी प्रोग्राम के साथ जोड़ा गया और अब तक 7 लाख से अधिक बड्डी ग्रुप नशों के बुरे प्रभावों से नौजवानों को जागरूक कर रहे हैं। नशा-मुक्ति प्रोग्राम के अधीन लगभग 4 लाख मरीज़ रजिस्टर्ड हुए हैं।
पैनल चर्चा में हिस्सा ले रहे तरन तारन जि़ले के सरहदी गाँव दौदपुर के सरपंच गुरविन्दर सिंह ने अपने गाँव की उदाहरण देते हुए कहा कि नौजवानों को जागरूक किया गया जिस कारण उन्होंने स्वैच्छा से नशों के खि़लाफ़ खड़ा होने का फ़ैसला किया। उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस के सहयोग से और भी नतीजे सामने आए। उन्होंने कहा कि यदि हर गाँव अपने आप को इकाई समझकर नशों के खि़लाफ़ लड़ाई में उतर आए तो पूरा राज्य और देश इस बुराई से निजात पा सकता है।
पैनल चर्चा में मानसिक रोगों के माहिर डॉ. राणा रणबीर सिंह और डॉ. संदीप भोला ने भी अपने विचार साझे किये।