पंजाब के बेरोजगारों के लिए हरपाल सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री चन्नी को लिखा पत्र
-पंजाबी नौजवानों के लिए सत्ताधारियों के पास न रोजगार है और न ही भरोसा है: हरपाल सिंह चीमा
-वीवीआईपी सुरक्षा के लिए स्थापित यूनिट में गैर-पंजाबियों को भर्ती किए जाने पर उठाए सवाल
-डोमिसाइल के अधिक अंक, मैरिट सूची में वेटिंग लिस्ट व कई अन्य मांग रखी
चंडीगढ़, 01 अक्तूबर : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पत्र लिखकर कई कई वर्षों से सड़कों पर हताश होकर घूम रहे पंजाब के बेरोजगारों के मामले उठाए। चीमा ने मांग की है कि प्रदेश के सभी बेरोजगार नौजवानों को नौकरी दी जाए ,क्योंकि कांग्रेस घर-घर नौकरी के वादे के साथ सत्ता में आई थी। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने चन्नी सरकार को कांग्रेस का चुनावी मैनिफेस्टो याद करवाते हुए बेरोजगारों को प्रति महीना 2500 रुपये भत्ता अब तक के बकाया समेत दिए जाने की बात कही।
पार्टी मुख्यालय से सोमवार को मीडिया में मुख्यमंत्री को लिखा पत्र जारी करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों की नौजवानी विरोधी नीतियों के कारण आज पंजाब की 7.3 बेरोजगारी दर ने राष्ट्र की 4.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर को भी पछाड़ दिया है, यह अत्यंत चिंताजनक है। चीमा ने कहा कि सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि अकाली-भाजपा सरकार की तरह प्रदेश की कांग्रेस सरकार नौजवानों को न रोजगार देती है और न ही अपने नौजवानों पर भरोसा करती है। इसकी मिसाल पिछली बादल सरकार द्वारा वर्ष 2013 में वीआईपी सुरक्षा के लिए `इंटीग्रेटेड डिग्निटरीज प्रोटेक्शन यूनिट’ स्थापित करना है, जिसमें अब तक करीब 650 अधिकारी और कर्मचारियों को विभिन्न पदों पर भर्ती किया जा चुका है। यह सभी अधिकारी-कर्मचारी पंजाब के बाहर दूर-दराज राज्यों से संबंधित हैं और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों में काम कर चुके हैं। इन्हें पंजाबी भाषा भी अच्छी तरह नहीं आती लेकिन इनकी भर्ती ने पंजाब पुलिस की सभी सीनियोरिटी लिस्ट बिगाड़ दी है और प्रदेश के सैकड़ों योग्य उम्मीदवारों का हक मार लिया है। चीमा ने बताया कि चुनावी समय के दौरान निकाले गए छोटे-मोटे पदों पर भी बाहरी राज्यों के उम्मीदवार कब्जा कर रहे हैं। पीएसटीसीएल में भर्ती की हालही के दौरान तैयार हुई अंतिम सूची में भी 50 से 71 प्रतिशत तक बाहरी उम्मीदवारों का नाम आना भी इसकी एक और मिसाल है।
चीमा ने मांग की है कि बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को रोकने के लिए पंजाब सरकार अपने सभी वर्गों के उम्मीदवारों को पंजाब डोमिसाइल के अधिक नंबर निर्धारित करना सुनिश्चित करे। इसी तरह अन्य राज्यों की तरह प्रदेश सरकार प्राइवेट नौकरियों में पंजाबी नौजवानों के लिए कम से कम 80 प्रतिशत कोटा सुनिश्चित करे। हरपाल सिंह चीमा ने सरकारी भर्ती पीपीएससी और पीएसएसएस बोर्ड के माध्यम से कराए जाने की वकालत करते हुए निजी कंपनी, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज कंपनी (टीसीएस) पर तुरंत पाबंदी लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि टीसीएस का कार्य पारदर्शी नहीं है। चीमा ने कहा कि पुलिस भर्तियों का फिजिकल ट्रायल भी निजी कंपनी के बजाय पंजाब पुलिस के नोडल अधिकारी द्वारा लिया जाए। उन्होंने कहा की सरकारी भर्तियों के लिए प्रतियोगिता परीक्षा की अंतिम मैरिट सूची में वेटिंग लिस्ट अनिवार्य की जाए और अगले वर्ष 6 महीने के दौरान रिक्त होने वाले पद वेटिंग लिस्ट के अनुसार ही भरे जाएं।
चीमा ने बेरोजगार नौजवानों की मांग पर भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएं ऑफलाइन और एक शिफ्ट में एक ही दिन करवाई जाने की बात कही। चीमा ने उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट और ओवरएज की सीमा शर्त हटाने की मांग भी की। इसी तरह भर्ती परीक्षा के लिए बेरोजगारों की व्यापक फीस माफ करने की बात कही। चीमा ने कहा कि प्रदेश के बेरोजगारों को प्रति महीना भत्ता पिछले वर्षों के बकाए समेत दिया जाए ,क्योंकि कांग्रेस सरकार ने वादे के अनुसार किसी को भी भत्ता नहीं दिया है।
हरपाल सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री चन्नी के दावों के उलट जल स्रोत विभाग के दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि चन्नी सरकार किस प्रकार सेवा मुक्त अधिकारियों-कर्मचारियों के सेवाकाल में बढ़ोतरी कर रही है। इसके साथ ही चीमा ने सरकारी कॉलेजों में पढ़ा रहे गेस्ट फैकल्टी टीचरों की सेवाएं बिना शर्त पहल के आधार पर पक्की करने की मांग की।