ड्रग माफिया: सीलबंद रिपोर्ट महज बहाना, सरकार चाहे तो नशा तस्करों के खिलाफ कर सकती है कार्रवाई: भगवंत मान
-सवाल: मुख्यमंत्री और गृह मंत्री बताएं क्या अदालत ने नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाई हुई है?
-मान का दावा: हाईकोर्ट ने नशा तस्करों के खिलाफ इडी और सरकार के हाथ नहीं बांधे
चंडीगढ़, 26 अक्तूबर : आम आदमी पार्टी आप पंजाब के अध्यक्ष एवं सांसद भगवंत मान ने ड्रग माफिया के संबंध में कांग्रेस सरकार के सामने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ड्रग तस्करी के संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कई-कई वर्षों से सील बंद पड़ी रिपोर्टों पर भगवंत मान ने दलील दी है कि प्रदेश सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट) को ड्रग तस्करों और उनकी अफसरशाही और सियासी सरगनाओं को खिलाफ आगामी जांच और निर्णायक कार्रवाई कर सकती है, क्योंकि अदालत ने ड्रग तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने पर सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर कोई रोक नहीं लगाई है।
पार्टी मुख्यालय से मंगलवार को जारी बयान में भगवंत मान ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार की तरह मौजूदा कांग्रेस सरकार भी नशे के व्यापारियों और उनके सियासी आकाओं का खुलेआम बचाव कर रही है और लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है। ड्रग तस्करी से संबंधित हाईकोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट जब चाहे खुलें लेकिन चन्नी सरकार चाहे तो ड्रग तस्करी के इन केसों की आगामी जांच भी शुरू कर सकती है और तस्करों व सरगनाओं को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे फैंक सकती है। क्योंकि सीलबंद जांच रिपोर्टों को आधार बनाकर हाईकोर्ट ने न तो प्रदेश सरकार के हाथ बांधे हैं और न ही केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी को रोका है।
भगवंत मान ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि हाईकोर्ट में सीलबंद पड़ी रिपोर्टों का बहाना बनाकर कैप्टन की तरह चन्नी सरकार भी इस बहुचर्चित ड्रग माफिया पर नकेल कसने से पल्ला झाड़ रही है। इसलिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और गृह मंत्री गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और एडवोकेट जनरल पंजाब एपीएस देयोल समेत ईडी प्रदेश के लोगों को ऐसे कानूनी और अदालती आदेश दिखाएं, जिनके कारण सरकार ड्रग तस्करी से जुड़े मामलों की आगामी जांच या कोई कार्रवाई करने पर रोक लगी हो।
मान ने कहा कि उच्च स्तरीय मिलीभगत के कारण पहले तत्कालीन एजी अतुल नंदा के माध्यम से कैप्टन सरकार सीलबंद रिपोर्टों की आड़ में समय बिताती रही, अब एजी एपीएस देयोल भी उसी राह पर निकले हुए हैं।
मान ने कहा कि एजी दफ्तर सीलबंद जांच रिपोर्ट खोले जाने की मांग कर रहा है ताकि जांच आगे बढ़ाई जा सके लेकिन सवाल यह है कि अगली जांच और कार्रवाई के लिए सीलबंद जांच रिपोर्टें खुलने का इंतजार में ड्रग तस्करों और उनके सरपरस्तों को बचे रहने का मौका क्यों दिया जा रहा है, जब अदालत ने रोक ही नहीं लगाई। क्या एजी दफ्तर स्पष्टीकरण देगा कि अदालत ने आगामी जांच और अगली कार्रवाई पर क्या और कब रोक लगाई है?
इसी तरह मान ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि कई करोड़ के ड्रग तस्करी मामले में ईडी की कार्रवाई को किस अदालत ने रोका है? भगवंत मान ने सत्ताधारी कांग्रेस को ललकारा कि यदि नशा तस्करी और नशा माफियाओं के सरगनाओं को श्री गुटखा साहिब की सौगंध के मुताबिक जेलों में फैंकना है तो जिंदा जमीर और सियासी हिम्मत दिखानी होगी और हाईकोर्ट में पड़ी सीलबंद जांच रिपोर्टों का बहाना छोडऩा पड़ेगा।