फिल्म अंगदान को करेगी जागरूक
गलत धारणाएं भी व्यक्तियों को अंगदान करने से बाधित करती हैं
चंडीगढ, 27 नवंबर (विश्ववार्र्ता): कोरोना महामारी के इस दौर में भी लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने के लिए पीजीआई लगातार प्रयासरत है। जीआइ रोटो और नर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन के सहयोग से अंगदान पर एक .Short Film को रिलीज किया गया। इस लघु फिल्म ‘नई सोच नए रिश्तों की’ को पीजीआइ चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) के निदेशक प्रो. जगतराम (Prof. Jagatram) ने लॉन्च किया।
मौत के बाद ये अंग हो सकते हैं दान
डॉक्टरों के मुताबिक मौत के बाद अंगदान करके एक व्यक्ति कम से कम आठ लोगों की जान बचा सकता है। ब्रेन डेड घोषित होने के बाद सभी अंग डोनेट किए जा सकते हैं। इसके लिए परिजनों की स्वीकृति लेना अनिवार्य है। ब्रेन डेड मरीज की किडनी, लीवर, फेफड़ा, पैंक्रियाज, छोटी आंत, वॉयस बॉक्स, हाथ, यूट्रस, ओवरी, फेस, आंखें, मिडिल ईयर बोन, स्किन, बोन, कार्टिलेज, तंतु, धमनी व शिराएं, कॉर्निया, हार्ट वाल्व, नर्व्स, अंगुलियां और अंगूठे दान किए जा सकते हैं।
कौन कर सकता है अंगदान
धार्मिक मान्यताओं के प्रति विश्वास और गलत धारणाएं भी व्यक्तियों को अंगदान करने से बाधित करती हैं।
जीवित रहते हुए दान किए जाने वाले अंग
यकृत (लीवर), गुर्दा (किडनी), फेफड़े, अग्न्याशय ß आंत।
इन्हें है अंगदाताओं का इंतजार
अंग मरीजों की वेटिंग लिस्ट
किडनी 1980
लिवर 52
पैंक्रियाज 21
हृदय 1
कॉर्निया 2654